चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने नई शिक्षा नीति (New Education Policy) के तहत अब 4 वर्ष का टीचर ट्रेनिंग कोर्स शुरू करने का फैसला लिया है. यह संस्थान स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडीज इन टीचर एजुकेशन (State Institute of Advanced Studies in Teacher Education) के नाम से जाने जाएंगे. फिलहाल प्रदेश में गुरुग्राम और कुरुक्षेत्र में यह इंस्टिट्यूट शुरू किए जाएंगे. बताया जा रहा है कि हरियाणा ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत सबसे पहले यह कोर्स शुरू किए हैं.
ईटीवी भारत की टीम ने संस्थान के निदेशक डॉ. ऋषि गोयल से भी बातचीत की. उन्होंने बताया कि इन संस्थानों में अंतरराष्ट्रीय स्तर का पाठ्यक्रम लागू किया जाएगा, जो स्कूली शिक्षा के स्तर को ऊपर ले जाने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा. उन्होंने कहा कि इन संस्थानों के प्रारंभ होने से शिक्षकों में आज युग के स्किल विकसित किए जाएंगे, जो ना केवल प्रदेश की स्कूली शिक्षा को सुदृढ़ करने का काम करेंगे, बल्कि भारत को शिक्षकों का निर्यातक देश बनाने के सपने को साकार करेंगे.
निदेशक डॉ. ऋषि गोयल ने कहा कि इस कोर्स से पहला फायदा यह होगा कि इसमें वही बच्चे आएंगे जो भविष्य में अध्यापक ही बनना चाहते होंगे, क्योंकि B.ed तो बहुत से छात्र करते हैं, लेकिन सभी छात्र अध्यापक नहीं बनते बहुत से छात्र दूसरे विषयों में चले जाते हैं. डॉ. गोयल ने बताया कि इस स्कूल का दूसरा फायदा बच्चों को ही होगा, क्योंकि 12वीं के बाद 3 साल की ग्रेजुएशन की डिग्री और 2 साल की बी.एड को मिलाकर 5 साल होते है. जो कि इस कोर्स में आने के बाद बच्चे 4 साल में ही अपनी डिग्री और बीएड को पूरा कर पाएंगे, जिससे उनका 1 साल बचेगा.
ये पढ़ें- CBSE Exam : जानिए किस दिन जारी होगा कार्यक्रम, प्रश्न प्रारूप कैसा होगा
वहीं इस कोर्स की फीस भी बहुत कम होगी. छात्रों को 4 साल के बाद सरकारी संस्थान से ग्रेजुएशन की डिग्री और बीएड का सर्टिफिकेट प्राप्त हो जाएगा. जिससे उन्हें नौकरी में भी कभी समस्या नहीं आएगी. उन्होंने छात्रों और उनके अभिभावकों से अपील करते हुए कहा कि वे अपने बच्चों का दाखिला इस कोर्स में कराएं.
ये पढ़ें- राजस्थान के शिक्षा मंत्री बोले- जिस स्कूल में महिला स्टाफ अधिक वहां होते हैं ज्यादा झगड़े