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ईटीवी भारत से बोले AIBOA के वाइस प्रेसिडेंट, 'बैंकों का निजीकरण आर्थिक व्यवस्था पर बड़ी चोट'

बैंकों से संबंधित काम जल्द से जल्द निपटा लें, तो फायदे में रहेंगे. दरअसल 26 और 27 सितंबर को पूरे देश में बैंक हड़ताल पर जाने वाले हैं. बैंक अधिकारियों और कर्मचारियों ने बैंकों के विलय के विरोध में हड़ताल का आह्वान किया है. बैंकों की हड़ताल को लेकर आल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन के वाइय प्रेसिडेंट ने ईटीवी भारत हरियाणा से खास बातचीत की.

आल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन
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Published : Sep 23, 2019, 7:19 PM IST

चंडीगढ़: देश में 26 और 27 सितंबर को सभी बैंक हड़ताल पर रहेंगे और बैंकों का सारा काम ठप रहेगा. इस बारे में ईटीवी भारत हरियाणा की टीम ने ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन के वाइस प्रेसिडेंट दीपक शर्मा से बात की. उन्होंने बताया कि हमारी कई मांगे पिछले काफी समय से लंबित पड़ी हैं, लेकिन सरकार ने हमारी कोई सुनवाई नहीं की इसलिए हमें हड़ताल का रास्ता चुनना पड़ रहा है.

'2 साल हो गए, लेकिन वेतन वृद्धि नहीं हुई'
उन्होंने कहा कि हमारी मुख्य मांगों में से एक है कि अभी तक हमारे वेतन में वृद्धि नहीं की गई है. ये वेतन वृद्धि 2017 में होनी चाहिए थी, लेकिन 2 साल बीत जाने के बावजूद भी सरकार ने इस ओर कोई कदम नहीं उठाया. जिससे पूरे देश के बैंक कर्मचारियों में काफी रोष है.

बैंकों का निजीकरण आर्थिक व्यवस्था पर बड़ी चोट
इसके अलावा हमारी हड़ताल बैंकों के विलय को लेकर भी है. सरकार बिना सोचे समझे बैंकों का विलय करती जा रही है. जिससे देश में सैकड़ों शाखाओं को बंद कर दिया गया है. सरकार का ये कदम बैंकिंग सेक्टर को निजीकरण की ओर धकेल रहा है और ये देश की आर्थिक स्थिति के लिए सबसे गलत है, क्योंकि कई उद्योगपतियों ने सरकार की मदद से बैंकों का गलत फायदा उठाया है और बैंकों के अरबों रुपए हड़प लिए.

आल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन के वाइय प्रेसिडेंट ने ईटीवी भारत हरियाणा से खास बातचीत की

इससे देश की अर्थव्यवस्था बुरी तरह से चरमरा गई है. अब सरकार बैंकिंग सेक्टर को उन्हीं उद्योगपतियों के हाथों में सौंपना चाहती है, तो ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि बैंकों का निजीकरण होने से देश को कितना बड़ा आर्थिक नुकसान होगा. इसलिए हम बैंकों के विलय और निजीकरण का पुरजोर विरोध करते हैं.

जल्द निपटाएं बैंक संबंधी काम
26 और 27 सितंबर को पूरे देश में बैंकों की हड़ताल रहेगी. हड़ताल के चलते इन 2 दिनों में बैंकों में सारा कामकाज ठप रहेगा, लेकिन 2 दिन की हड़ताल के बावजूद बैंक करीब 5 दिनों तक बंद रहेंगे.

26 और 27 को हड़ताल के बाद 28 तारीख को महीने का चौथा शनिवार है. इसलिए बैंक शनिवार को भी बंद रहेंगे और 29 सितंबर को रविवार की छुट्टी रहेगी और 30 सितंबर को अर्ध वार्षिक लेखा बंदी के कारण बैंकों में काम नहीं के बराबर ही होगा. इसलिए बैंक 2 दिन की हड़ताल के चलते हड़ताल के बाद 3 दिन और बंद रहेंगे.

इसके इलावा 1 तारीख को बैंक खुलेंगे लेकिन 2 अक्टूबर को गांधी जयंती होने की वजह से उस दिन भी बैंक बंद ही रहेंगे. इसलिए लोगों को हिदायत दी जा रही है कि वो 25 सितंबर तक बैंकों से जुड़े अपने सभी जरूरी काम निपटा लें, नहीं तो उनके लिए परेशानी बढ़ सकती है.

ये भी पढ़ें- विधानसभा चुनाव: सीएम के ओएसडी और सलाहकारों के इस्तीफे मंजूर, पार्टी के लिए करेंगे काम

चंडीगढ़: देश में 26 और 27 सितंबर को सभी बैंक हड़ताल पर रहेंगे और बैंकों का सारा काम ठप रहेगा. इस बारे में ईटीवी भारत हरियाणा की टीम ने ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन के वाइस प्रेसिडेंट दीपक शर्मा से बात की. उन्होंने बताया कि हमारी कई मांगे पिछले काफी समय से लंबित पड़ी हैं, लेकिन सरकार ने हमारी कोई सुनवाई नहीं की इसलिए हमें हड़ताल का रास्ता चुनना पड़ रहा है.

'2 साल हो गए, लेकिन वेतन वृद्धि नहीं हुई'
उन्होंने कहा कि हमारी मुख्य मांगों में से एक है कि अभी तक हमारे वेतन में वृद्धि नहीं की गई है. ये वेतन वृद्धि 2017 में होनी चाहिए थी, लेकिन 2 साल बीत जाने के बावजूद भी सरकार ने इस ओर कोई कदम नहीं उठाया. जिससे पूरे देश के बैंक कर्मचारियों में काफी रोष है.

बैंकों का निजीकरण आर्थिक व्यवस्था पर बड़ी चोट
इसके अलावा हमारी हड़ताल बैंकों के विलय को लेकर भी है. सरकार बिना सोचे समझे बैंकों का विलय करती जा रही है. जिससे देश में सैकड़ों शाखाओं को बंद कर दिया गया है. सरकार का ये कदम बैंकिंग सेक्टर को निजीकरण की ओर धकेल रहा है और ये देश की आर्थिक स्थिति के लिए सबसे गलत है, क्योंकि कई उद्योगपतियों ने सरकार की मदद से बैंकों का गलत फायदा उठाया है और बैंकों के अरबों रुपए हड़प लिए.

आल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन के वाइय प्रेसिडेंट ने ईटीवी भारत हरियाणा से खास बातचीत की

इससे देश की अर्थव्यवस्था बुरी तरह से चरमरा गई है. अब सरकार बैंकिंग सेक्टर को उन्हीं उद्योगपतियों के हाथों में सौंपना चाहती है, तो ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि बैंकों का निजीकरण होने से देश को कितना बड़ा आर्थिक नुकसान होगा. इसलिए हम बैंकों के विलय और निजीकरण का पुरजोर विरोध करते हैं.

जल्द निपटाएं बैंक संबंधी काम
26 और 27 सितंबर को पूरे देश में बैंकों की हड़ताल रहेगी. हड़ताल के चलते इन 2 दिनों में बैंकों में सारा कामकाज ठप रहेगा, लेकिन 2 दिन की हड़ताल के बावजूद बैंक करीब 5 दिनों तक बंद रहेंगे.

26 और 27 को हड़ताल के बाद 28 तारीख को महीने का चौथा शनिवार है. इसलिए बैंक शनिवार को भी बंद रहेंगे और 29 सितंबर को रविवार की छुट्टी रहेगी और 30 सितंबर को अर्ध वार्षिक लेखा बंदी के कारण बैंकों में काम नहीं के बराबर ही होगा. इसलिए बैंक 2 दिन की हड़ताल के चलते हड़ताल के बाद 3 दिन और बंद रहेंगे.

इसके इलावा 1 तारीख को बैंक खुलेंगे लेकिन 2 अक्टूबर को गांधी जयंती होने की वजह से उस दिन भी बैंक बंद ही रहेंगे. इसलिए लोगों को हिदायत दी जा रही है कि वो 25 सितंबर तक बैंकों से जुड़े अपने सभी जरूरी काम निपटा लें, नहीं तो उनके लिए परेशानी बढ़ सकती है.

ये भी पढ़ें- विधानसभा चुनाव: सीएम के ओएसडी और सलाहकारों के इस्तीफे मंजूर, पार्टी के लिए करेंगे काम

Intro:26 और 27 सितंबर को पूरे देश में बैंकों की हड़ताल रहेगी हड़ताल के चलते इन 2 दिनों में बैंकों में सारा कामकाज ठप रहेगा । लेकिन 2 दिन की हड़ताल के बावजूद बैंक करीब 5 दिनों तक बंद रहेंगे। क्योंकि 26 और 27 को हड़ताल के बाद 28 तारीख को महीने का चौथा शनिवार है। इसलिए बैंक शनिवार को भी बंद रहेंगे और 29 सितंबर को रविवार की छुट्टी रहेगी 30 सितंबर को अर्ध वार्षिक लेखा बंदी के कारण बैंकों में काम नहीं के बराबर ही होगा। इसलिए बैंक 2 दिन की हड़ताल के चलते हड़ताल के बाद 3 दिन और बंद रहेंगे । इसके अलावा 1 तारीख को बैंक खुलेंगे लेकिन 2 अक्टूबर को गांधी जयंती होने की वजह से उस दिन भी बैंक बंद ही रहेंगे। इसलिए लोगों को यह हिदायत है कि वे 25 सितंबर तक बैंकों से जुड़े अपने सभी जरूरी काम निपटा लें नहीं , तो उनके लिए परेशानी बढ़ सकती है।


Body:ईटीवी से खास बातचीत में ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर कनफेडरेशन के वाइस प्रेसिडेंट दीपक शर्मा ने बताया कि हमारी कई मांगे पिछले काफी समय से लंबित पड़ी हैं । मगर सरकार ने हमारी कोई सुनवाई नहीं की, इसलिए हमें हड़ताल का रास्ता चुनना पड़ रहा है।
हमारी मुख्य मांगों में से एक है कि हमारी अभी तक वेतन वृद्धि नहीं की गई है । यह वेतन वृद्धि 2017 में होनी चाहिए थी । लेकिन 2 साल बीत जाने के बावजूद भी सरकार ने इस ओर कोई कदम नहीं उठाया। जिससे पूरे देश के बैंक कर्मचारियों में काफी रोष है। इसके अलावा हमारी हड़ताल बैंकों के विलय को लेकर भी है। सरकार बिना सोचे समझे बैंकों का विलय करती जा रही है। जिससे देश में सैकड़ों ब्रांचेस को बंद कर दिया गया है। सरकार का यह कदम बैंकिंग सेक्टर को निजी करण की ओर धकेल रहा है और यह है देश के लिए सबसे गलत है। क्योंकि कई उद्योगपतियों में सरकार की मदद से बैंकों का गलत फायदा उठाया और बैंकों के अरबों रुपए हड़प लिए। इससे देश की अर्थव्यवस्था बुरी तरह से चरमरा गई है। अब सरकार बैंकिंग सेक्टर को उन्हीं उद्योगपतियों के हाथों में सौंपना चाहती है, तो यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि बैंकों का निजीकरण होने से देश को कितना बड़ा आर्थिक नुकसान होगा । इसलिए हम बैंकों के विलय और निजी करण का पुरजोर विरोध करते हैं।
दीपक शर्मा ने बताया कि हमारी हड़ताल 2 दिन की है । लेकिन बैंक कई दिन बंद रहेंगे।
इससे लोगों को ज्यादा परेशानी नहीं होगी। क्योंकि लगभग सभी बैंकों ने ऑनलाइन ट्रांजैक्शन की पूरी व्यवस्था कर रखी है। लोग अपनी जाकर काम मोबाइल से ही निपटा सकते हैं । इसके अलावा सभी बैंक हड़ताल से पहले अपने सभी एम्स में पूरा डाल देंगे । ताकि अगले कई दिनों तक एटीएम समान रूप से चलते रहें। लोगों को को लेकर अगर कोई ऐसा काम है। जो बैंक में आकर ही हो सकता है तो वह 25 तारीख तक उसे निपटा लें। क्योंकि इसके बाद अगले कई दिनों तक बैंक बंद रहेंगे।

बाइट- दीपक शर्मा, वाइस प्रेसिडेंट, ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर कंफेडरेशन


Conclusion:
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