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3.5 करोड़ बैंक फ्रॉड मामला: पूर्व बैंक सीनियर मैनेजर और कंपनी डायरेक्टर को चार-चार साल की सजा - बैंक मैनेजर कंपनी डायरेक्टर चार साल सजा

चंडीगढ़ स्थित पंजाब एंड सिंध बैंक के साथ साढ़े तीन करोड़ की धोखाधड़ी मामले में दो दोषियों को चार-चार साल की सजा के साथ जुर्माना भी लगाया है. सजा का फैसला सीबीआइ की स्पेशल अदालत ने सुनाया है. दोषियों में बैंक का पूर्व सीनियर मैनेजर और कंपनी का डायरेक्टर है.

3.5 करोड़ बैंक फ्रॉड मामला
बैंक मैनेजर और कंपनी डायरेक्टर को चार-चार साल की सजा
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Published : Feb 16, 2021, 4:57 PM IST

चंडीगढ़: पंजाब एंड सिंध बैंक के 7 साल पहले हुई साढ़े 3 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में सीबीआई के स्पेशल जज डॉक्टर सुशील कुमार की कोर्ट ने बैंक के पूर्व सीनियर मैनेजर इंद्रजीत सिंह और आकृति कंस्ट्रक्शन कंपनी के डायरेक्टर तरसेम लाल सिंगला को 4-4 साल की सजा सुनाई है.

सिंगला पर तो कोर्ट ने 10 लाख का भारी भरकम जुर्माना भी लगाया है, जबकि इंद्रजीत सिंह को 5 लाख जुर्माना भरना पड़ेगा. इन दोनों को सीबीआई कोर्ट ने 10 फरवरी को दोषी करार दे दिया था और हिरासत में ले लिया था.

इसके अलावा एक आरोपी गुरचरण सिंह बत्रा को सबूतों के अभाव में कोर्ट ने बरी भी किया है. सीबीआई के सरकारी वकील केपी सिंह ने कोर्ट में बहस करते हुए कहा कि कंस्ट्रक्शन कंपनी और बैंक के मैनेजर की मिलीभगत से ये धोखाधड़ी हुई है.

ये है मामला?

केस के मुताबिक बद्दी में 100 बेड का अस्पताल बनना था. उसके निर्माण का ठेका आकृति कंस्ट्रक्शन कंपनी के पास था. कंपनी ने पंजाब एंड सिंध बैंक से लोन लेना था, जिसके लिए कंपनी ने जो बैंक गारंटी दी थी वो फर्जी निकली. इस धोखाधड़ी में बैंक के उस समय के सीनियर मैनेजर इंदरजीत सिंह का भी नाम था.

ये भी पढ़िए: हरियाणा राज्य फार्मेसी काउंसिल के रजिस्ट्रार अरुण पराशर को झटका, HC ने जारी किया नोटिस

बैंक ने जांच की तो पता चला कि उन्हें करोड़ों का नुकसान हो गया है, जिसके बाद मामला सीबीआई की नई दिल्ली ब्रांच तक पहुंचा. सीबीआई ने सिंगला और इंदरजीत सिंह के अलावा एक अन्य बैंक अधिकारी गुरचरण सिंह बत्रा के खिलाफ केस दर्ज कर लिया, लेकिन सुनवाई के दौरान बत्रा के खिलाफ आरोप साबित नहीं हो सके और उन्हें बरी कर दिया गया, जबकि सिंगला और इंद्रजीत सिंह को आईपीसी की धारा 120 बी ,420 468 ,471 और प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट के तहत दोषी करार दे दिया.

चंडीगढ़: पंजाब एंड सिंध बैंक के 7 साल पहले हुई साढ़े 3 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में सीबीआई के स्पेशल जज डॉक्टर सुशील कुमार की कोर्ट ने बैंक के पूर्व सीनियर मैनेजर इंद्रजीत सिंह और आकृति कंस्ट्रक्शन कंपनी के डायरेक्टर तरसेम लाल सिंगला को 4-4 साल की सजा सुनाई है.

सिंगला पर तो कोर्ट ने 10 लाख का भारी भरकम जुर्माना भी लगाया है, जबकि इंद्रजीत सिंह को 5 लाख जुर्माना भरना पड़ेगा. इन दोनों को सीबीआई कोर्ट ने 10 फरवरी को दोषी करार दे दिया था और हिरासत में ले लिया था.

इसके अलावा एक आरोपी गुरचरण सिंह बत्रा को सबूतों के अभाव में कोर्ट ने बरी भी किया है. सीबीआई के सरकारी वकील केपी सिंह ने कोर्ट में बहस करते हुए कहा कि कंस्ट्रक्शन कंपनी और बैंक के मैनेजर की मिलीभगत से ये धोखाधड़ी हुई है.

ये है मामला?

केस के मुताबिक बद्दी में 100 बेड का अस्पताल बनना था. उसके निर्माण का ठेका आकृति कंस्ट्रक्शन कंपनी के पास था. कंपनी ने पंजाब एंड सिंध बैंक से लोन लेना था, जिसके लिए कंपनी ने जो बैंक गारंटी दी थी वो फर्जी निकली. इस धोखाधड़ी में बैंक के उस समय के सीनियर मैनेजर इंदरजीत सिंह का भी नाम था.

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बैंक ने जांच की तो पता चला कि उन्हें करोड़ों का नुकसान हो गया है, जिसके बाद मामला सीबीआई की नई दिल्ली ब्रांच तक पहुंचा. सीबीआई ने सिंगला और इंदरजीत सिंह के अलावा एक अन्य बैंक अधिकारी गुरचरण सिंह बत्रा के खिलाफ केस दर्ज कर लिया, लेकिन सुनवाई के दौरान बत्रा के खिलाफ आरोप साबित नहीं हो सके और उन्हें बरी कर दिया गया, जबकि सिंगला और इंद्रजीत सिंह को आईपीसी की धारा 120 बी ,420 468 ,471 और प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट के तहत दोषी करार दे दिया.

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