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चंडीगढ़: बैंकों के विलय करने के फैसले के खिलाफ कर्मचारियों ने काली पट्टी बांधकर जताया विरोध - बैंको के विलय पर सरकार के फैसले

चंडीगढ़ में बैंकों के विलय पर सरकार के फैसले का सरकारी और निजी बैंकों के कर्मचारियों ने काली पट्टी बांध कर विरोध प्रदर्शन किया.

सरकार के फैसले का बैंक कर्मचारियों ने काली पट्टी बांध कर जताया विरोध
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Published : Aug 31, 2019, 8:08 PM IST

चंडीगढ़ : सरकार की तरफ से 10 पब्लिक सेक्टर बैंकों का विलय करने के फैसले के खिलाफ बैंक कर्मचारियों ने एकजुट होकर प्रदर्शन किया. प्रदर्शन के दौरान कर्मचारियों ने काली पट्टी बांधे हुए थे.

कर्मचारियों ने सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार के इस फैसले का मकसद बैंकों को खत्म कर बड़े कॉरपोरेट्स को फायदा पहुंचाना है. कर्मचारियों ने सरकार पर आरोप लगाया कि ऐसे फैसलों से बेरोजगारी बढ़ेगी.

सरकार के फैसले का बैंक कर्मचारियों ने काली पट्टी बांध कर जताया विरोध

प्रदर्शन के दौरान चंडीगढ़ संघ के संयोजक संजय शर्मा ने कहा कि पहले भी सरकार की तरफ से जो बैंकों के मर्जर का फैसला लिया गया है उससे बहुत सी नौकरियां समाप्त हुई हैं.

शर्मा ने कहा कि सरकार ने गलत समय पर निर्णय लिया है और इसकी समीक्षा की जरुरत है. शर्मा ने सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार ने चंद घरानों के एनपीए को बचाने और छुपाने के लिए ये कदम उठा रही है.

गौरतलब है कि निर्मला सीतारमण ने घोषणा की है कि पंजाब नेशनल बैंक, केनरा बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन बैंक में कुछ दूसरे सरकारी बैंकों का विलय कर चार बड़े बैंक बनाए जाएंगे.

चंडीगढ़ : सरकार की तरफ से 10 पब्लिक सेक्टर बैंकों का विलय करने के फैसले के खिलाफ बैंक कर्मचारियों ने एकजुट होकर प्रदर्शन किया. प्रदर्शन के दौरान कर्मचारियों ने काली पट्टी बांधे हुए थे.

कर्मचारियों ने सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार के इस फैसले का मकसद बैंकों को खत्म कर बड़े कॉरपोरेट्स को फायदा पहुंचाना है. कर्मचारियों ने सरकार पर आरोप लगाया कि ऐसे फैसलों से बेरोजगारी बढ़ेगी.

सरकार के फैसले का बैंक कर्मचारियों ने काली पट्टी बांध कर जताया विरोध

प्रदर्शन के दौरान चंडीगढ़ संघ के संयोजक संजय शर्मा ने कहा कि पहले भी सरकार की तरफ से जो बैंकों के मर्जर का फैसला लिया गया है उससे बहुत सी नौकरियां समाप्त हुई हैं.

शर्मा ने कहा कि सरकार ने गलत समय पर निर्णय लिया है और इसकी समीक्षा की जरुरत है. शर्मा ने सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार ने चंद घरानों के एनपीए को बचाने और छुपाने के लिए ये कदम उठा रही है.

गौरतलब है कि निर्मला सीतारमण ने घोषणा की है कि पंजाब नेशनल बैंक, केनरा बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन बैंक में कुछ दूसरे सरकारी बैंकों का विलय कर चार बड़े बैंक बनाए जाएंगे.

Intro:एंकर -
सरकार की तरफ से 10 पब्लिक सेक्टर बैंकों का विलय कर 4 करने के सरकार के फैसले के खिलाफ बैंक कर्मचारी एक जुट होकर सरकार के फैसले की निंदा कर रहे है । चंडीगढ़ में अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ के सदस्यों ने केंद्र सरकार के निर्णय का विरोध किया है । सरकार के फैसले पर विरोध प्रदर्शन के लिए सरकारी और निजी बैंकों काम कर रहे इस संगठन के सदस्यों ने काली पट्टी बांध कर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया । उन्होंने आरोप लगया की सरकार का फैसले लेने के पीछे मकसद बैंकों को समाप्त करने व बड़े कॉरपोरेट्स को फायदा देना है । कर्मचारियों नेताओ ने आरोप लगाया कि सरकार के ऐसे फैसलों से बेरोजगारी बढ़ेगी । उन्होंने चेतावनी दी कि आने वाले समय मे संगठनों के आलाधिकारी जो निर्णय लेंगे उसपर आगे बढ़ा जाएगा । Body:वीओ -
इस दौरान चंडीगढ़ संघ के संयोजक संजय शर्मा ने कहा कि पहले भी सरकार की तरफ से जो मर्जर का फैसला लिया गया है उससे बहुत सी नोकरियाँ समाप्त हुई है ओर कई बैंकों की ब्रांच बन्द हुए है । सरकार ने यह निर्णय गलत समय पर लिया है और इसकी समीक्षा की जरूरत है । शर्मा ने कहा कि आज पब्लिक सेक्टर बैंक ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में सेवाएं दे रहे है बावजूद उसके कई इलाकों में अभी भी बैंकों की जरूरत है । उनहाने आरोप लगाया कि नोट बन्दी के दौरान पब्लिक सेक्टर बैंकों का अहम रोल लोगो कि परेशानियां दूर करने में रही है । उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार चंद घरानों के एनपीए को बचाने और छुपाने के लिए कदम उठा रही है । उन्होंने कहा कि नेतृव का जो भी फैसला होगा उसके तहत आगे बढ़ेंगे ।
बाइट - संजय शर्मा , चंडीगढ़ संघ के संयोजक Conclusion:गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने शुक्रवार को 10 सरकारी बैंकों का विलय कर चार बड़े बैंक बनाने की घोषणा की । विलय की घोषणा करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि बैंकों के विलय का लक्ष्य अंतरराष्ट्रीय स्तर के मजबूत बैंकों का निर्माण करना है, ताकि देश को पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाया जा सके । सरकार ने पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी), केनरा बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन बैंक में कुछ दूसरे सरकारी बैंकों का विलय कर के चार बड़े बैंक बनाने की घोषणा की है ।
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