चंडीगढ: विधानसभा बजट सत्र में हरियाणा की 14वीं विधानसभा का दूसरा बजट सत्र कई मामलों में ऐतिहासिक रहा. 9 दिनों में हुई 11 बैठकों में कुल 45 घंटे 42 मिनट कार्यवाही चली. अरसे बाद ऐसा पहली बार हुआ जब सदन की कार्यवाही एक बार भी स्थगित नहीं करनी पड़ी, इतना ही नहीं पूरे सत्र में किसी भी विधायक को नेम नहीं किया गया.
इस दौरान 16 विधेयक प्रस्तुत किए गए, जिनमें से 14 पारित कर दिए गए, एक बिल प्रवर समिति को भेजा गया. प्रवर समिति को बिल भेजने की घटना दो दशक में पहली बार हुई है. सत्रावधि में कुल 4 ध्यानाकर्षण प्रस्ताव भी कार्यवाही का हिस्सा बने.
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इस बार खास बात ये रही कि प्रत्येक विधेयक के पुरस्थापित करने और पारित करने के दिन अलग अलग रहे. ऐसा इसलिए किया गया ताकि सभी सदस्य इनके प्रारूप का ठीक से अध्ययन कर सकें. प्रत्येक विधेयक को विधायकों को पांच-पांच बार भेजा गया. बजट सत्र की समाप्ति पर विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पत्रकारों को विस्तार से जानकारी दी.
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ज्ञान चंद गुप्ता ने बताया कि बजट सत्र 5 मार्च से शुरू हुआ जो 18 मार्च को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया. इस दौरान 9 घंटे 48 मिनट राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा की गई. इस चर्चा में बीजेपी विधायकों ने 4 घंटे 15 मिनट, जजपा ने 1 घंटा 18 मिनट, कांग्रेस ने 3 घंटे 30 मिनट और निर्दलीय विधायकों ने 45 मिनट तक चर्चा में हिस्सा लिया.
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इस दौरान प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस की तरफ से अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया, जिसे 10 मार्च की कार्यवाही में शामिल किया गया. प्रस्ताव पर 5 घंटे 55 मिनट पर जोरदार चर्चा हुई. इस पर सत्ताधारी बीजेपी के 8 और जेजेपी 4, हलोपा के एक और 2 निर्दलीय विधायकों ने सरकार की उपलब्धियां गिनवाईं. उधर, कांग्रेस की तरफ से 8 और 2 निर्दलीय विधायकों ने प्रस्ताव के समर्थन में अपनी बात रखी.
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ज्ञान चंद गुप्ता ने बताया कि प्रश्नकाल के लिए विधानसभा सचिवालय को कुल 666 प्रश्नों के लिए नोटिस प्राप्त हुए. इनमें 431 तारांकित और 235 अतारांकित प्रश्न शामिल हैं. इनमें से 362 तारांकित और 204 अतारांकित प्रश्न स्वीकृत किए गए, जिनमें से क्रमश 140 और 193 कार्यवाही का हिस्सा बने.