चंडीगढ़: चंडीगढ़ में अमेरिकी महिला ने डेंटिस्ट मोहित धवन पर सफल सर्जरी न करने का आरोप लगाया था. जिसके बाद उसने इस बात की शिकायत विजिलेंस को दी थी. उसके बाद ये मामला कोर्ट में पहुंचा. मंगलवार को चंडीगढ़ के सिविल जज (जूनियर डिवीजन) प्रमोद कुमार की अदालत ने अमेरिका निवासी गर्ट्रूड डिसूजा से अपील की है कि वो इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर मोहित धवन को बदनाम न करें और उनके खिलाफ कोई भी अपमानजनक सामग्री प्रकाशित न करें.
किसी भी मीडिया पर प्रकाशित न हो गलत चीजें: वहीं, डेंटिस्ट के वकील ने तर्क देते हुए कहा है कि मीडिया को कोई हक नहीं है किसी की भी मानहानि वाले वीडियो प्रकाशित करना. ये मामला कोर्ट में विचाराधीन है. ऐसे में कोई भी मीडिया प्लेटफॉर्म इन चीजों को सार्वजनिक न करें. डेंटिस्ट धवन ने आरोप लगाया है कि उसके खिलाफ अपमानजनक वीडियो पोस्ट की जा रही थी. जिसे जनता के बड़े हिस्से द्वारा देखा और पढ़ा जा रहा था. इसको लेकर उन्होंने मानहानि और हर्जाने की मांग करते हुए केस दायर किया है.
डॉ. ने क्या कहा: डेंटिस्ट मोहित धवन ने दावा किया है कि महिला ने पहले खुद का ऑपरेशन करवाया जो कि सफलतापूर्वक पूरा हुआ. ऑपरेशन के पूरे पैसे देने की बजाय महिला ने अपने पति के ईमेल अकाउंट स कुछ पुलिस और सीबीआई अधिकारियों को शिकायत दी. शिकायत में आरोप लगाया कि इम्प्लांट सर्जरी विफल हो गई. जिसे दूसरे इम्प्लांटोलॉजिस्ट द्वारा पूरा किया जाना था. मोहित धवन ने बताया कि शिकायत में किसी भी जालसाजी या धोखाधड़ी के अपराध का कोई जिक्र नहीं था. डेंटिस्ट धवन ने कहा कि बिना किसी विशेषज्ञ की राय लिए महिला ने उस पर झूठे आरोप लगाए हैं. जिसके बहाने वो रिफंड चाहती थी. आज तक महिला अपने दावे को सही साबित करने के लिए एक भी दस्तावेज जमा नहीं करवा पाई है.
शिकायतकर्ता महिला ने क्या कहा: शिकायतकर्ता महिला ने कहा कि डॉ. धवन को कोई किसी भी मीडिया प्लेटफॉर्म पर बदनाम न किया जाए. शिकायतकर्ता महिला ने कहा कि इस स्तर पर किसी मीडिया में खबर नहीं दिखाई जानी चाहिए. वहीं, शिकायतकर्ता का बयान लिखित में दाखिल किया जाएगा. जिसके लिए कोर्ट ने 19 जुलाई तक का समय दिया है.
डॉ. के वकील ने क्या कहा: डॉ. मोहित धवन के वकील ने कहा कि शिकायतकर्ता ने मोहित धवन की छवि को धूमिल करने के साथ-साथ उन पर कई भद्दी और अपमानजनक टिप्पणियां भी की जो कि गलत है. वकील ने कहा कि कोई विशिष्ट पदार्थ, जो मानहानिकारक था, वो शिकायतकर्ता द्वारा स्पष्ट नहीं किया गया था. इसलिए इस स्तर पर कोई मीडिया में खबर नहीं दी जानी चाहिए.
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कोर्ट ने कहा: दलीलों को सुनने के बाद, अदालत ने कहा कि अपराधी को इलेक्ट्रॉनिक मीडिया प्लेटफॉर्म पर किसी भी मानहानिकारक पदार्थ को प्रकाशित करने से रोकना उचित होगा. शिकायतकर्ता को लिखित बयान दाखिल करने और जवाब देने के लिए मामले को 19 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दिया गया. अदालत ने कहा कि अगले आदेश तक, अपराधी को किसी भी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया प्लेटफॉर्म पर आरोपी के खिलाफ किसी भी मानहानिकारक सामग्री को प्रकाशित करने से रोक दिया जाता है.