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हरियाणा सरकार ने खेल नीति में किया बड़ा संशोधन, इन खिलाड़ियों को मिलेगा फायदा

हरियाणा में अब किसी भी भार वर्ग के खिलाड़ियों को मेडल जीतने पर कैश अवॉर्ड दिया जाएगा. बुधवार को हरियाणा सरकार ने खेल नीति में इस संशोधन (haryana sports policy) को मंजूरी दे दी है.

haryana sports policy
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Published : Apr 6, 2022, 9:43 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा के खिलाड़ियों के लिए एक अच्छी खबर है. हरियाणा सरकार ने 5 सितंबर 2019 को जारी खेल नीति में संशोधन को मंजूरी (haryana sports policy) दे दी है. जिसके तहत अगर कोई खिलाड़ी किसी भी भार वर्ग के तहत मेडल जीतता है तो उसे कैश अवॉर्ड (haryana players cash award) दिया जाएगा. चाहे उसका भार वर्ग ओलंपिक, एशियन गेम्स और कॉमनवेल्थ में शामिल ना भी हो, तब भी वह कैश अवॉर्ड का हकदार होगा. सरकार ने इस संशोधन को खेल नीति के पैरा-2 में जोड़ दिया है.

इससे कुश्ती, बॉक्सिंग और जूडो के खिलाड़ियों को लाभ मिल सकेगा. इससे पहले नियम यह था कि वही खिलाड़ी कैश अवॉर्ड योजना का लाभ ले सकेगा, जिसका इवेंट ओलंपिक, एशियाई या राष्ट्रमंडल खेलों में शामिल हो. इसे लेकर खिलाड़ी परेशान थे और लंबे समय से सरकार से नियमों में संशोधन की मांग कर रहे थे. जिसके बाद बुधवार को हरियाणा सरकार ने खेल नीति में इस संशोधन को मंजूरी दे दी है.

10 भार वर्गों में खेली जाती है कुश्ती और मुक्केबाजी- विश्व चैंपियनशिप, एशियाई चैंपियनशिप, राष्ट्रमंडल खेलों, राष्ट्रमंडल चैंपियनशिप, राष्ट्रीय खेलों और राष्ट्रीय चैंपियनशिप में कुल 10 भार वर्गों में कुश्ती खेली जाती है, जबकि ओलंपिक खेलों और एशियाई खेलों में केवल छह भार वर्ग में इन्हें खेला जाता है. इसी प्रकार, मुक्केबाजी (पुरुष) विश्व चैंपियनशिप, एशियाई खेलों, एशियाई चैंपियनशिप, राष्ट्रमंडल खेल, राष्ट्रमंडल चैंपियनशिप, राष्ट्रीय खेल और राष्ट्रीय चैंपियनशिप में कुल 10 भार वर्गों में खेली जाती है, जबकि ओलंपिक खेलों में केवल छह भार वर्ग में खेला जाता है. एक खिलाड़ी के लिए अपना भार वर्ग बदलना और नए सिरे से शुरुआत करना लगभग काफी कठिन है. इसलिए सरकार ने यह संशोधन किया है.

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चंडीगढ़: हरियाणा के खिलाड़ियों के लिए एक अच्छी खबर है. हरियाणा सरकार ने 5 सितंबर 2019 को जारी खेल नीति में संशोधन को मंजूरी (haryana sports policy) दे दी है. जिसके तहत अगर कोई खिलाड़ी किसी भी भार वर्ग के तहत मेडल जीतता है तो उसे कैश अवॉर्ड (haryana players cash award) दिया जाएगा. चाहे उसका भार वर्ग ओलंपिक, एशियन गेम्स और कॉमनवेल्थ में शामिल ना भी हो, तब भी वह कैश अवॉर्ड का हकदार होगा. सरकार ने इस संशोधन को खेल नीति के पैरा-2 में जोड़ दिया है.

इससे कुश्ती, बॉक्सिंग और जूडो के खिलाड़ियों को लाभ मिल सकेगा. इससे पहले नियम यह था कि वही खिलाड़ी कैश अवॉर्ड योजना का लाभ ले सकेगा, जिसका इवेंट ओलंपिक, एशियाई या राष्ट्रमंडल खेलों में शामिल हो. इसे लेकर खिलाड़ी परेशान थे और लंबे समय से सरकार से नियमों में संशोधन की मांग कर रहे थे. जिसके बाद बुधवार को हरियाणा सरकार ने खेल नीति में इस संशोधन को मंजूरी दे दी है.

10 भार वर्गों में खेली जाती है कुश्ती और मुक्केबाजी- विश्व चैंपियनशिप, एशियाई चैंपियनशिप, राष्ट्रमंडल खेलों, राष्ट्रमंडल चैंपियनशिप, राष्ट्रीय खेलों और राष्ट्रीय चैंपियनशिप में कुल 10 भार वर्गों में कुश्ती खेली जाती है, जबकि ओलंपिक खेलों और एशियाई खेलों में केवल छह भार वर्ग में इन्हें खेला जाता है. इसी प्रकार, मुक्केबाजी (पुरुष) विश्व चैंपियनशिप, एशियाई खेलों, एशियाई चैंपियनशिप, राष्ट्रमंडल खेल, राष्ट्रमंडल चैंपियनशिप, राष्ट्रीय खेल और राष्ट्रीय चैंपियनशिप में कुल 10 भार वर्गों में खेली जाती है, जबकि ओलंपिक खेलों में केवल छह भार वर्ग में खेला जाता है. एक खिलाड़ी के लिए अपना भार वर्ग बदलना और नए सिरे से शुरुआत करना लगभग काफी कठिन है. इसलिए सरकार ने यह संशोधन किया है.

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