चंडीगढ़: चुनाव 2024 यानी अगले साल होने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनाव से पहले इन दिनों हरियाणा में गठबंधन को लेकर सियासत चल रही है. जहां सत्ताधारी गठबंधन बीजेपी और जेजेपी 2024 के चुनाव में एक साथ होंगे या नहीं, इसको लेकर दोनों ही पार्टियों के नेता कुछ भी स्पष्ट नहीं कह रहे हैं. वहीं इंडियन नेशनल लोकदल के नेता बीजेपी को सत्ता से बाहर करने के लिए किसी भी दल के साथ ( यानी कांग्रेस ) गठबंधन करने के लिए तैयार है.
इंडियन नेशनल लोकदल के प्रमुख ओम प्रकाश चौटाला हो या फिर इनेलो के विधायक और उनके बेटे अभय चौटाला, दोनों ही नेता बीजेपी को सत्ता से बाहर रखने के लिए आगामी चुनाव में कांग्रेस के साथ गठबंधन करने के लिए तैयार है. हालांकि यह बात अलग है कि पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला और उनके बेटे और जेजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय चौटाला को हुड्डा सरकार के दौरान जेबीटी भर्ती घोटाले में सजा हुई थी.
पढ़ें : गेहूं खरीद पर बोले भूपेंद्र हुड्डा- एमएसपी पर नहीं हो रही खरीद, मनमर्जी से पोर्टल चला रही सरकार
बावजूद इसके आज के दौर में इंडियन नेशनल लोकदल को कांग्रेस के साथ गठबंधन करने में कोई परहेज नहीं है. जब नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से इसको लेकर सवाल किया गया, तो उन्होंने इसे सीधे तौर पर हाइपोथेटिकल कह दिया यानी वे इस सवाल को काल्पनिक बताते हुए इस बारे में इनेलो से ही पूछने को कह रहे हैं. वहीं आगामी चुनाव में गठबंधन को लेकर बीजेपी और जेजेपी के नेता क्या सोच रहे हैं, इसको लेकर दोनों ही पार्टियों के नेता कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं दे रहे हैं.
इस सबके बीच अगर आगामी चुनाव में इनेलो और कांग्रेस एक साथ चुनाव मैदान में उतरती है तो इसका प्रदेश के सियासी समीकरण पर क्या असर पड़ेगा ? इस पर राजनीतिक मामलों के जानकार प्रोफेसर गुरमीत सिंह कहते हैं कि बात चाहे बीजेपी और जेजेपी के गठबंधन की हो या फिर कांग्रेस व इनेलो के गठबंधन की. इन दोनों में एक बात जो समान है, वह यह है कि बीजेपी और कांग्रेस राष्ट्रीय पार्टियां हैं. हरियाणा में दोनों का अपना जमीनी स्तर पर संगठन है.
ऐसे में लगता है कि दोनों पार्टियां हरियाणा में आगामी चुनावों में गठबंधन की राजनीति से परहेज ही करना चाहेगी. हालांकि चुनावी नतीजों के बाद भले ही उस वक्त के समीकरणों के हिसाब से दोनों ही पार्टियां किसी से भी गठबंधन कर लें लेकिन चुनाव से पहले यह संभव दिखाई नहीं देता. वे कहते हैं कि दोनों ही दल अगर चुनावों से पहले गठबंधन करते हैं तो इससे सीटों का बंटवारा होगा. ऐसा होने पर दोनों ही पार्टियों के कई नेताओं की भविष्य की राजनीति पर भी इसका असर पड़ेगा.
पढ़ें : पलवल में जन संवाद कार्यक्रम: हरियाणा के 750 गांवों में लगाई जाएंगी स्ट्रीट लाइटें- सीएम खट्टर
जो दोनों ही पार्टियों के लिए किसी भी तरह से सही नहीं होगा. जहां तक बात इनेलो की है तो वह इस वक्त मात्र एक विधायक की पार्टी है. अगर उसका कांग्रेस के साथ गठबंधन होता है तो उसका कांग्रेस पर शायद ही कोई फर्क पड़े लेकिन इनेलो को जरूर इसका लाभ होगा. संभवतः इसी वजह से ही इंडियन नेशनल लोकदल के नेता कांग्रेस के साथ गठबंधन की बात कर रहे हैं. इसलिए पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा इनेलो के साथ गठबंधन के सवाल को हाइपोथेटिकल कह रहे हैं.