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मिशन 2024: सभी दल जुटे मैदान में, बीजेपी को बाहर करने के लिए कांग्रेस और इनेलो ने बनाई ये खास रणनीति

हरियाणा में सियासी सरगर्मियां अब जोर पकड़ने लगी हैं. हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 (Haryana Assembly Election 2024) के लिए अभी से ही सभी दल तैयारी में जुट गये हैं. कांग्रेस जहां लगातार पदयात्रा और रैली कर रही है वहीं इनेलो भी पदयात्रा निकाल रही है.

Haryana Assembly Election 2024
हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024
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Published : Mar 25, 2023, 8:29 AM IST

चंडीगढ़: हरियाणा में लोकसभा और विधानसभा चुनाव 2024 की सियासी जंग को लेकर सभी दल जनता के बीच हाजिरी लगाने में जुट गये हैं. सत्ताधारी बीजेपी, जेजेपी, प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस और इनेलो सभी खुद को मजबूत करने में जुटे हैं. इसके लिए यात्रा से लेकर जनता दरबार के कार्यक्रम चल रहे हैं. राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से शुरू हुआ पद यात्रा का सिलसिला अब दूसरी पार्टियों तक पहुंच चुका है. इंडियन नेशनल लोकदल भी प्रदेश में परिवर्तन यात्रा निकाल रही है.

कांग्रेस की पर्दाफाश रैली- हरियाणा कांग्रेस खास तौर पर विपक्षी दलों में सबसे सक्रिय दिखाई दे रही है. राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के बाद से ही लगातार कांग्रेस सत्ता में वापसी के लिए जोर लगा रही है. साल 2014 से सत्ता से बाहर कांग्रेस उम्मीद लगाए है कि 2024 में जनता उसे वापस लायेगी. इसी को देखते हुए जहां राहुल गांधी की यात्रा पूरी होने के बाद प्रदेशभर में हाथ से हाथ जोड़ो अभियान के तहत अहम मुद्दों को उठाने कोशिश की गई, तो वहीं नेता प्रतिपक्ष भूपिंदर सिंह हुड्डा 2 अप्रैल को विपक्ष आपके समक्ष कार्यक्रम के तहत यमुनानगर में जनता के बीच जाएंगे. सोनीपत में अप्रैल महीने में कांग्रेस की पर्दाफाश रैली होने जा रही है. कांग्रेस लगातार प्रयास कर रही है कि वह बीजेपी की जन विरोधी नीतियों को जनता के सामने जाकर उजागर करे.

बीजेपी का शक्ति केंद्र प्रमुख बैठक कार्यक्रम- बीजेपी भी चुनाव 2024 के लिए खुद को पूरी तरह से जमीन पर उतार चुकी है. बीजेपी लगातार प्रदेश भर में विभिन्न कार्यक्रमों के जरिए जहां अपने संगठन को मजबूत कर रही है तो वहीं जमीनी स्तर पर लोगों तक पहुंचने में जुटी है. इसी के तहत शनिवार को बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़, मुख्यमंत्री मनोहर लाल और पार्टी प्रभारी हिसार में हो रहे पार्टी के कार्यक्रम में शामिल होंगे. हिसार में चार लोकसभा क्षेत्रों के शक्ति प्रमुखों की बैठक हो रही है. जिसमें न सिर्फ हिसार बल्कि सिरसा, भिवानी और कुरुक्षेत्र के 1600 से अधिक शक्ति केंद्र प्रमुख और करीब चार सौ अन्य पदाधिकारी भाग लेंगे.

ये भी पढ़ें- हरियाणा में 'चुनाव 2024' की तैयारियां शुरू, बीजेपी मारेगी बाजी या फिर होगा सत्ता परिवर्तन?

इन चार लोकसभा क्षेत्रों में 36 विधानसभा आती हैं. 2 अप्रैल से मुख्यमंत्री मनोहर लाल भिवानी जिले से जनसंवाद कार्यक्रम की शुरुआत करने जा रहे हैं. जिसके तहत मुख्यमंत्री खुद ग्रामीण और कार्यकर्ताओं से मिलेंगे. यानी बीजेपी किसी भी तरह से विपक्ष की सत्ता में वापसी की उम्मीदों को आसानी से पूरा नहीं होने देगी. यही वजह है कि पार्टी के तमाम नेता जमीनी स्तर पर संगठन और आम जनता तक पहुंचने में जुटे हैं.

इनेलो की परिवर्तन पदयात्रा- कांग्रेस और बीजेपी ही नहीं बल्कि मौजूदा दौर में एक विधायक वाली इंडियन नेशनल लोकदल भी अपने पुराने दिनों की वापसी के लिए प्रदेश भर में घूम-घूमकर पूरा जोर लगा रही है. इनेलो के एकमात्र विधायक अभय चौटाला इसके लिए परिवर्तन पदयात्रा पर हैं. जिसका करीब 1 महीना पूरा होने वाला है. इस पद यात्रा के जरिए अभय चौटाला पार्टी को जहां मजबूत करने का प्रयास कर रहे हैं तो वहीं ये उम्मीद कर रहे हैं कि जनता इनेलो को फिर से एक बार रीजनल पार्टी के तौर पर ताकतवर बनाए.

इस पद यात्रा के दौरान अभय चौटाला सरकार की नाकामियों और जनता से जुड़े मुद्दों को लेकर लोगों से संवाद कर रहे हैं. इनेलो यह उम्मीद कर रही है कि इस पद यात्रा के जरिए वह प्रदेश में एक नई इबारत लिखेगी. इसके लिए अभय चौटाला चौधरी देवीलाल को भी जनता के बीच याद कर रहे हैं. इनेलो के नेता जनता को यह भी बता रहे हैं कि अगर वह सत्ता में आते हैं तो क्या करेंगे.

2024 के लोकसभा चुनाव के लिए करीब 1 साल का वक्त है, तो विधानसभा चुनाव के लिए करीब डेढ़ साल का समय बाकी है. ऐसे में बीजेपी हरियाणा में खुद को तीसरी बार सत्ता में लाने के लिए हर मुमकिन कोशिश कर रही है. विपक्षी पार्टियां भी बीजेपी को रोकने के लिए दम लगा रही हैं. विपक्षी दल इसके लिए सरकार की नाकामियों को जनता के दरबार तक पहुंचाने में जुटे हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि जनता बीजेपी को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाए. उनके ये प्रयास कितने सफल होते हैं ये तो 2024 के चुनावी नतीजों के बाद ही पता चल पाएगा.

ये भी पढ़ें- चौधरी वीरेंद्र सिंह का बड़ा बयान- हरियाणा में बीजेपी को अकेले लड़ना चाहिए चुनाव, नहीं करना चाहिए गठबंधन

चंडीगढ़: हरियाणा में लोकसभा और विधानसभा चुनाव 2024 की सियासी जंग को लेकर सभी दल जनता के बीच हाजिरी लगाने में जुट गये हैं. सत्ताधारी बीजेपी, जेजेपी, प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस और इनेलो सभी खुद को मजबूत करने में जुटे हैं. इसके लिए यात्रा से लेकर जनता दरबार के कार्यक्रम चल रहे हैं. राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से शुरू हुआ पद यात्रा का सिलसिला अब दूसरी पार्टियों तक पहुंच चुका है. इंडियन नेशनल लोकदल भी प्रदेश में परिवर्तन यात्रा निकाल रही है.

कांग्रेस की पर्दाफाश रैली- हरियाणा कांग्रेस खास तौर पर विपक्षी दलों में सबसे सक्रिय दिखाई दे रही है. राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के बाद से ही लगातार कांग्रेस सत्ता में वापसी के लिए जोर लगा रही है. साल 2014 से सत्ता से बाहर कांग्रेस उम्मीद लगाए है कि 2024 में जनता उसे वापस लायेगी. इसी को देखते हुए जहां राहुल गांधी की यात्रा पूरी होने के बाद प्रदेशभर में हाथ से हाथ जोड़ो अभियान के तहत अहम मुद्दों को उठाने कोशिश की गई, तो वहीं नेता प्रतिपक्ष भूपिंदर सिंह हुड्डा 2 अप्रैल को विपक्ष आपके समक्ष कार्यक्रम के तहत यमुनानगर में जनता के बीच जाएंगे. सोनीपत में अप्रैल महीने में कांग्रेस की पर्दाफाश रैली होने जा रही है. कांग्रेस लगातार प्रयास कर रही है कि वह बीजेपी की जन विरोधी नीतियों को जनता के सामने जाकर उजागर करे.

बीजेपी का शक्ति केंद्र प्रमुख बैठक कार्यक्रम- बीजेपी भी चुनाव 2024 के लिए खुद को पूरी तरह से जमीन पर उतार चुकी है. बीजेपी लगातार प्रदेश भर में विभिन्न कार्यक्रमों के जरिए जहां अपने संगठन को मजबूत कर रही है तो वहीं जमीनी स्तर पर लोगों तक पहुंचने में जुटी है. इसी के तहत शनिवार को बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़, मुख्यमंत्री मनोहर लाल और पार्टी प्रभारी हिसार में हो रहे पार्टी के कार्यक्रम में शामिल होंगे. हिसार में चार लोकसभा क्षेत्रों के शक्ति प्रमुखों की बैठक हो रही है. जिसमें न सिर्फ हिसार बल्कि सिरसा, भिवानी और कुरुक्षेत्र के 1600 से अधिक शक्ति केंद्र प्रमुख और करीब चार सौ अन्य पदाधिकारी भाग लेंगे.

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इन चार लोकसभा क्षेत्रों में 36 विधानसभा आती हैं. 2 अप्रैल से मुख्यमंत्री मनोहर लाल भिवानी जिले से जनसंवाद कार्यक्रम की शुरुआत करने जा रहे हैं. जिसके तहत मुख्यमंत्री खुद ग्रामीण और कार्यकर्ताओं से मिलेंगे. यानी बीजेपी किसी भी तरह से विपक्ष की सत्ता में वापसी की उम्मीदों को आसानी से पूरा नहीं होने देगी. यही वजह है कि पार्टी के तमाम नेता जमीनी स्तर पर संगठन और आम जनता तक पहुंचने में जुटे हैं.

इनेलो की परिवर्तन पदयात्रा- कांग्रेस और बीजेपी ही नहीं बल्कि मौजूदा दौर में एक विधायक वाली इंडियन नेशनल लोकदल भी अपने पुराने दिनों की वापसी के लिए प्रदेश भर में घूम-घूमकर पूरा जोर लगा रही है. इनेलो के एकमात्र विधायक अभय चौटाला इसके लिए परिवर्तन पदयात्रा पर हैं. जिसका करीब 1 महीना पूरा होने वाला है. इस पद यात्रा के जरिए अभय चौटाला पार्टी को जहां मजबूत करने का प्रयास कर रहे हैं तो वहीं ये उम्मीद कर रहे हैं कि जनता इनेलो को फिर से एक बार रीजनल पार्टी के तौर पर ताकतवर बनाए.

इस पद यात्रा के दौरान अभय चौटाला सरकार की नाकामियों और जनता से जुड़े मुद्दों को लेकर लोगों से संवाद कर रहे हैं. इनेलो यह उम्मीद कर रही है कि इस पद यात्रा के जरिए वह प्रदेश में एक नई इबारत लिखेगी. इसके लिए अभय चौटाला चौधरी देवीलाल को भी जनता के बीच याद कर रहे हैं. इनेलो के नेता जनता को यह भी बता रहे हैं कि अगर वह सत्ता में आते हैं तो क्या करेंगे.

2024 के लोकसभा चुनाव के लिए करीब 1 साल का वक्त है, तो विधानसभा चुनाव के लिए करीब डेढ़ साल का समय बाकी है. ऐसे में बीजेपी हरियाणा में खुद को तीसरी बार सत्ता में लाने के लिए हर मुमकिन कोशिश कर रही है. विपक्षी पार्टियां भी बीजेपी को रोकने के लिए दम लगा रही हैं. विपक्षी दल इसके लिए सरकार की नाकामियों को जनता के दरबार तक पहुंचाने में जुटे हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि जनता बीजेपी को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाए. उनके ये प्रयास कितने सफल होते हैं ये तो 2024 के चुनावी नतीजों के बाद ही पता चल पाएगा.

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