चंडीगढ़: चंडीगढ़ प्रशासन ने शहर में दीपावली पर पटाखे जलाने पर प्रतिबंध लगा रखा था, लेकिन इसका शहर की आबोहवा पर कोई खास असर दिखाई नहीं दिया. वहीं पड़ोसी राज्यों पंजाब और हरियाणा में भी जमकर पटाखे चले. पंजाब और हरियाणा में चले पटाखों का भी चंडीगढ़ के एयर क्वालिटी इंडेक्स (air quality index of Chandigar) पर असर साफ दिखाई दिया. दीपावली की सुबह जब लोग उठे तो शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स 154 माइक्रोग्राम दर्ज किया गया.
एयर क्वालिटी का ये आंकड़ा रेड जोन में आता है, जो कि स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं माना जाता. हालांकि चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से पुलिस की टीमें लोगों पर पटाखे जलाने के मामले पर नजर रखने के लिए तैनात की गई थी. बावजूद इसके शहर के अलग-अलग हिस्सों में लोगों ने जमकर पटाखे जलाए. पुलिस प्रशासन ने पटाखे जलाने को लेकर 22 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. यह मामले जिलाधिकारी के पटाखे जलाने पर लगाई गई पाबंदी के चलते दर्ज किए गए हैं.
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वहीं हरियाणा और पंजाब में जलाए जाने वाली पराली भी चंडीगढ़ में प्रदूषण के स्तर के बढ़ने की वजह है. इससे भी चंडीगढ़ का एयर क्वालिटी इंडेक्स खराब रहता है. बता दें कि एयर क्वालिटी इंडेक्स प्रदूषण के स्तर निर्भर करता हैं. 0 से 50 के बीच का आंकड़ा अच्छा माना जाता है. जबकि 51 से 100 के बीच को येलो जोन में रखा जाता है.
वहीं 101 से 150 को ऑरेंज जोन में रखा जाता है. इस श्रेणी को स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं माना जाता. वहीं 151 से 200 के बीच की मात्रा को रेड जोन में रखा जाता है. जबकि 200 से 300 को पर्पल जोन में रखा जाता है. ये मात्रा स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक मानी जाती है. वहीं 300 से ऊपर का आंकड़ा बहुत ही खतरनाक माना जाता है.
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