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लॉकडाउन बना प्रकृति के लिए वरदान, सबसे प्रदूषित शहरों की हवा भी हुई साफ

देश में लगातार बढ़ रहे प्रदूषण के कारण लोग जहरीली हवा में सांस लेने को मजबूर थे. लेकिन 24 मार्च से लगे लॉकडाउन ने वातावरण को नया जीवन दिया है. हरियाणा के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कहा है कि लॉकडाउन के चलते हरियाणा की आबोहवा में काफी सुधार देखा गया है और शहरों का एयर क्वालिटी इंडेक्स भी काफी कम हुआ है. जानें किस जिले में कितना AQI हुआ दर्ज..

air pollution reduced in haryana due to lockdown
लॉकडाउन बना प्रकृति के लिए वरदान, हरियाणा के इन प्रदूषित शहरों के AQI में आई भारी गिरावट
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Published : Apr 7, 2020, 2:44 PM IST

Updated : May 12, 2020, 2:48 PM IST

चंडीगढ़ः कोरोना वायरस को हराने के लिए लगाया गया लॉकडाउन प्रकृति के लिए वरदान सबाति हो रहा है. आलम ये हैं कि दुनिया के सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों की हवाएं भी अब साफ हो रही है. कहीं से पहाड़ों का सुंदर नजारा देखा जा रहा है तो कहीं पर यमुना भी अपने अवतार में वापस आ रही है. हरियाणा में भी लॉकडाउन के चलते आबोहवा साफ हो चुकी है. हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के साइंटिस्ट डॉ. राजेश ने बताया कि प्रदेश के पॉल्यूशन रेट में काफी गिरावट दर्ज की गई है.

शहरों के AQI में गिरावट

कोरोना के कहर के चलते 21 दिन का लॉकडाउन जारी है. वाहनों के पहिए थम गए हैं तो इंडस्ट्रीज और फैक्ट्रीज भी बंद पड़ी है, लेकिन इन सब का सकारात्मक प्रभाव देखने को मिला है. जहां पहले प्रदेश की आबोहवा को बचाने के लिए कई विभाग लगे थे लेकिन अपेक्षित परिणाम नहीं मिल रहे थे. वहीं लॉकडाउन अवधि में ऐसा हुआ है कि अब प्रकृति एक बार फिर खिलखलाती नजर आ रही है. यानी प्रदूषण दर में गिरावट, इसका खुलासा शहरों के एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) से हुआ है.

लॉकडाउन बना प्रकृति के लिए वरदान, हरियाणा के इन प्रदूषित शहरों के AQI में आई भारी गिरावट

ये भी पढे़ंः लॉकडाउन से नदियों को मिला 'जीवनदान', 40 साल बाद इतनी स्वच्छ बह रही यमुना

हर जिले में लगे स्टेशन्स

हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के साइंटिस्ट डॉ. राजेश ने बताया कि प्रदेश के हर जिले में वायु की गुणवत्ता की जांच के लिए CAAQMS (सतत परिवेशी वायु गुणवत्ता निगरानी प्रणाली) स्टेशन्स लगाए हुए हैं. जिससे वायु की गुणवत्ता नापी गई है. जिसमें प्रदेश के सबसे प्रदूषित शहरों के भी वायु प्रदूषण कम पाया गया है.

6 अप्रैल तक का AQI

डॉ. राजेश ने बताया कि जैसे ही लॉकडाउन स्टार्ट हुआ था उस समय भी एयर क्वालिटी इंडेक्स नापा गया था और 5 अप्रैल को भी फिर से वायु की गुणवत्ती की जांच की गई थी. इस बीच बहुत बड़ा अंतर देखा गया. उन्होंने बताया कि पॉल्युशन रिपोर्ट को शाम 4 बजे तक आंका जाता है और जिलों का 6 अप्रैल का एक्यूआई बेहतर पाया गया है.

ये भी पढे़ंः लॉकडाउन ने चंडीगढ़ को बनाया और 'ब्यूटीफुल', न्यूनतम स्तर पर पहुंचा प्रदूषण

इन जिलों के AQI में आया सुधार

जिला AQI लॉकडाउन से पहले AQI लॉकडाउन से बाद
गुरुग्राम 164 81
फरीदाबाद 240 83
पलवल 175 101
सोनीपत 172 92
पंचकूला 76 24
पानीपत 192 84
यमुनानगर 210 67
चंडीगढ़ 8020

पटाखे फोड़ने से AQI बढ़ा

डॉ. राजेश ने बताया कि 9 अप्रैल की रात को जिलों का एक्यूआई एक्यूआई खराब पाया गया, क्योंकि प्रधानमंत्री ने 5 अप्रैल की रात 9 बजे पीएम ने दीये जलाने की अपील की थी लेकिन कुछ शरारती तत्वों ने दीये जलाने के साथ-साथ पटाखे भी जलाए.

जिला पटाखे जलाने से पहले पटाखे जलाने के बाद
गुरुग्राम 81 115
पलवल 100 101
पानीपत 84104
सोनीपत 84180
पंचकूला 2430
यमुनानगर 6980
पंचकूला 2470

वहीं चंडीगढ़ का AQI आमतौर पर 70 से 80 पॉइंट तक रहता था, लेकिन लॉकडाउन की वजह से ये 20 पॉइंट तक पहुंच चुका है. ऐसा कई सालों बाद हुआ है. खासकर मार्च और अप्रैल के महीने में AQI इतना नीचे कभी नहीं आया है.

पहिए थमने से थमा प्रदूषण!

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक अगर लॉकडाउन के समय में लोगों ने गाड़ियों के आवागमन को बंद नहीं किया और घर नहीं बैठे तो प्रदूषण के स्तर में फिर से बढ़ोत्तरी दर्जी की जाएगी. बोर्ड अधिकारियों का कहना है कि लॉकडाउन से प्रदूषण के स्तर पर बहुत फर्क पड़ा है क्योंकि ट्रांसपोर्ट के ना चलने से वायु की गुणवत्ता में काफी सुधार दर्ज किया गया है. जितनी गाड़ियां चलती है उनसे सल्फर डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड जैसी गैस रिलीज होती है जिससे पर्यावरण को नुकसान तो होता है और इन गैसों से आमजन को भी नुकसान होता है.

चंडीगढ़ः कोरोना वायरस को हराने के लिए लगाया गया लॉकडाउन प्रकृति के लिए वरदान सबाति हो रहा है. आलम ये हैं कि दुनिया के सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों की हवाएं भी अब साफ हो रही है. कहीं से पहाड़ों का सुंदर नजारा देखा जा रहा है तो कहीं पर यमुना भी अपने अवतार में वापस आ रही है. हरियाणा में भी लॉकडाउन के चलते आबोहवा साफ हो चुकी है. हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के साइंटिस्ट डॉ. राजेश ने बताया कि प्रदेश के पॉल्यूशन रेट में काफी गिरावट दर्ज की गई है.

शहरों के AQI में गिरावट

कोरोना के कहर के चलते 21 दिन का लॉकडाउन जारी है. वाहनों के पहिए थम गए हैं तो इंडस्ट्रीज और फैक्ट्रीज भी बंद पड़ी है, लेकिन इन सब का सकारात्मक प्रभाव देखने को मिला है. जहां पहले प्रदेश की आबोहवा को बचाने के लिए कई विभाग लगे थे लेकिन अपेक्षित परिणाम नहीं मिल रहे थे. वहीं लॉकडाउन अवधि में ऐसा हुआ है कि अब प्रकृति एक बार फिर खिलखलाती नजर आ रही है. यानी प्रदूषण दर में गिरावट, इसका खुलासा शहरों के एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) से हुआ है.

लॉकडाउन बना प्रकृति के लिए वरदान, हरियाणा के इन प्रदूषित शहरों के AQI में आई भारी गिरावट

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हर जिले में लगे स्टेशन्स

हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के साइंटिस्ट डॉ. राजेश ने बताया कि प्रदेश के हर जिले में वायु की गुणवत्ता की जांच के लिए CAAQMS (सतत परिवेशी वायु गुणवत्ता निगरानी प्रणाली) स्टेशन्स लगाए हुए हैं. जिससे वायु की गुणवत्ता नापी गई है. जिसमें प्रदेश के सबसे प्रदूषित शहरों के भी वायु प्रदूषण कम पाया गया है.

6 अप्रैल तक का AQI

डॉ. राजेश ने बताया कि जैसे ही लॉकडाउन स्टार्ट हुआ था उस समय भी एयर क्वालिटी इंडेक्स नापा गया था और 5 अप्रैल को भी फिर से वायु की गुणवत्ती की जांच की गई थी. इस बीच बहुत बड़ा अंतर देखा गया. उन्होंने बताया कि पॉल्युशन रिपोर्ट को शाम 4 बजे तक आंका जाता है और जिलों का 6 अप्रैल का एक्यूआई बेहतर पाया गया है.

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इन जिलों के AQI में आया सुधार

जिला AQI लॉकडाउन से पहले AQI लॉकडाउन से बाद
गुरुग्राम 164 81
फरीदाबाद 240 83
पलवल 175 101
सोनीपत 172 92
पंचकूला 76 24
पानीपत 192 84
यमुनानगर 210 67
चंडीगढ़ 8020

पटाखे फोड़ने से AQI बढ़ा

डॉ. राजेश ने बताया कि 9 अप्रैल की रात को जिलों का एक्यूआई एक्यूआई खराब पाया गया, क्योंकि प्रधानमंत्री ने 5 अप्रैल की रात 9 बजे पीएम ने दीये जलाने की अपील की थी लेकिन कुछ शरारती तत्वों ने दीये जलाने के साथ-साथ पटाखे भी जलाए.

जिला पटाखे जलाने से पहले पटाखे जलाने के बाद
गुरुग्राम 81 115
पलवल 100 101
पानीपत 84104
सोनीपत 84180
पंचकूला 2430
यमुनानगर 6980
पंचकूला 2470

वहीं चंडीगढ़ का AQI आमतौर पर 70 से 80 पॉइंट तक रहता था, लेकिन लॉकडाउन की वजह से ये 20 पॉइंट तक पहुंच चुका है. ऐसा कई सालों बाद हुआ है. खासकर मार्च और अप्रैल के महीने में AQI इतना नीचे कभी नहीं आया है.

पहिए थमने से थमा प्रदूषण!

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक अगर लॉकडाउन के समय में लोगों ने गाड़ियों के आवागमन को बंद नहीं किया और घर नहीं बैठे तो प्रदूषण के स्तर में फिर से बढ़ोत्तरी दर्जी की जाएगी. बोर्ड अधिकारियों का कहना है कि लॉकडाउन से प्रदूषण के स्तर पर बहुत फर्क पड़ा है क्योंकि ट्रांसपोर्ट के ना चलने से वायु की गुणवत्ता में काफी सुधार दर्ज किया गया है. जितनी गाड़ियां चलती है उनसे सल्फर डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड जैसी गैस रिलीज होती है जिससे पर्यावरण को नुकसान तो होता है और इन गैसों से आमजन को भी नुकसान होता है.

Last Updated : May 12, 2020, 2:48 PM IST
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