चंडीगढ़: हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जेपी दलाल ने कहा है कि हरियाणा की पहल पर केन्द्र सरकार द्वारा बुआई सीजन से पहले खरीफ व रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित करना स्वागत योग्य कदम है. इसको देखकर किसान बुआई का समय आने से पहले ही ये मन बना लेता है कि उसको किस फसल की बिजाई करने से ज्यादा भाव मिलेंगे.
कृषि मंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा रबी की प्रमुख फसलों जैसे गेहूं, चना, सरसों, जौं और मसूर के न्यूनतम समर्थन मूल्यों में 50 रुपये से 300 रुपये तक की वृद्धि की घोषणा की है. अब किसान आसानी से ये तय कर लेगा कि रबी सीजन में उसे कौन सी फसल की बुआई करनी है.
सरकार के निर्णय से सकारात्मक परिणाम आए सामने
मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि सरकार के किसान हित के इस निर्णय के सकारात्मक परिणाम सामने आने लगे हैं. इसके फलस्वरूप स्वामीनाथन आयोग की अनुशंसा के अनुरूप न केवल हर साल फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्यों में बढ़ोतरी हो रही है बल्कि फसलों के अधीन रकबा भी निरंतर बढ़ रहा है.
पिछले साल देश में धान का रकबा 274.19 लाख हेक्टेयर से बढकर 321.79 लाख हेक्टेयर हुआ था, इसी प्रकार अन्य खरीफ फसलों के रकबे में भी सुधार हुआ था और कोविड-19 की विपरीत परिस्थितियों के बावजूद खरीफ फसलों का वर्ष 2019 में 296.65 मिलियन टन खाद्यान्नों का उत्पादन हुआ था. उन्होंने कहा कि वर्ष 2020 के लिए रबी फसलों का उत्पादन लक्ष्य 301 मिलियन टन रखा गया है.
रबी की फसलों के रकबे में हुई बढ़ोतरी
कृषि मंत्री जेपी दलाल ने उम्मीद जताई है कि आगामी रबी फसलों के रकबे में भी बढ़ोतरी होगी. उन्होंने कहा कि गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य में 50 रुपये की बढ़ोतरी कर 1975 रुपये प्रति क्विंटल घोषित किया गया है.
चने का 4,875 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 5,100 रुपये, सरसों का 4,425 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 4,650 रुपये प्रति क्विंटल, जौं का 1,525 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 1,600 रुपये प्रति क्विंटल और मसूर का 4,800 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 5,100 रुपये प्रति क्विंटल घोषित किया गया है.
कृषि विभाग के साथ सहकारिता विभाग को भी जोड़ा गया
उन्होंने कहा कि कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के साथ अब सहकारिता विभाग को भी जोड़ा गया है और भारत सरकार ने इसे कृषि, सहकारिता एवं किसान कल्याण विभाग का नाम दिया है. हरियाणा में भी हरित ब्रांड से 2,000 आउटलेट्स खोलने की घोषणा मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने की है, जिस पर हरियाणा एग्रो इंडस्ट्रीज तेजी से कार्य कर रहा है. जल्द ही इस योजना की शुरुआत की जाएगी और इससे युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे.
अब किसान को ऋण लेने के लिए जमीन गिरवी रखने की जरुरत नहीं
कृषि मंत्री ने कहा कि अब समय आ गया है कि किसान अपनी किसानी के साथ-साथ उद्यमी भी बने, इसके लिए हाल ही में केन्द्र सरकार द्वारा ‘कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अध्यादेश 2020’ और ‘मूल्य आश्वासन और कृषि सेवाओं पर किसान (सशक्तिकरण और सुरक्षा) समझौता अध्यादेश-2020’ लाए गए हैं. जिससे किसान अपनी उपज की बिक्री मर्जी के अनुसार न केवल अपने राज्य में बल्कि दूसरे राज्यों की मंडियों में भी कर सकेगा. इसी प्रकार वो अनुबंध खेती के तहत अपनी उपज पर किसी भी व्यक्ति या बैंक के साथ ई-अनुबंध कर सकता है. अब उसे फसली ऋण के लिए बैंक के पास जमीन गिरवी रखने की जरूरत नहीं होगी.
अब 'किसान रेल' के जरिए सीधा उपभोक्ताओं तक पहुंचेगी किसानों की फसल
कृषि मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि कम अवधि में खराब होने वाले फल और सब्जियों के कृषि उत्पादों को सीधा उपभोक्ताओं तक पहुंचाने के लिए देवलाली से दानापुर ‘किसान रेल’ की शुरुआत की गई है, जो इस दिशा में एक अच्छी पहल है.
किसानों के खातों में डाली गई 17 हजार करोड़ रुपये की छठी किश्त
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में देश के 8.50 करोड़ किसानों के खातों में 17 हजार करोड़ रुपये की छठी किश्त डाली गई है. उन्होंने कहा कि कोविड-19 के दौरान प्रदेश सरकार ने लगभग 16 लाख परिवारों को 4000 से 5000 रुपये तक की वित्तीय सहायता मुहैया कराई है. चाहे वो मुख्यमंत्री परिवार समृद्धि योजना के तहत हो या भवन निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड के माध्यम से उपलब्ध करवाई गई हो.
किसानों की आय 2022 तक होगी दोगुनी
कृषि मंत्री ने कहा कि देश में चावल, दलहन, मोटा अनाज, तिलहन, गन्ना, कपास आदि खरीफ फसलों का रकबा लगाातार बढ़ रहा है जो इस बात को दर्शाता है कि यदि वर्ष 2017 से हर वर्ष 2022 तक इस बढ़ौतरी का विश्लेषण करें तो हम इस निष्कर्ष पर आसानी से पहुंच सकते हैं कि इससे प्रधानमंत्री के लक्ष्य के अनुरूप किसानों की आय वर्ष 2022 तक लगभग दोगुनी हो जाएगी.
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