चंडीगढ़: कोविड-19 और लॉकडाउन के बाद भारत के किसान एक और मुसीबत का सामना कर रहे हैं. 4 इंच के छोटे से जीव से पूरे भारत के किसानों में खौफ है. हम बात कर रहे हैं टिड्डी दल की. टिड्डियों के दल ने पहले राजस्थान में हमला बोला और अब ये दल मध्य प्रदेश में घुस चुका है. रबी की फसल भले ही कट गई हो, लेकिन ये दल बाजरे की फसलों और पेड़-पौधों पर हमला कर रहा है.
टिड्डियों के इस हमले को देखते हुए हरियाणा ने भी तैयारी शुरू कर दी है. कृषि मंत्री जयप्रकाश दलाल ने कहा कि पाकिस्तान से राजस्थान में पहुंचा टिड्डी दल अगर हरियाणा पहुंचता है तो कृषि विभाग इसके लिए पूरी तरह तैयार है. कृषि मंत्री जयप्रकाश दलाल ने कहा कि हरियाणा प्रदेश के सभी कृषि वैज्ञानिकों और विभाग के अन्य कर्मचारियों को टिड्डी दल से निपटने के लिए अलर्ट कर दिया गया है.
कृषि मंत्री ने भिवानी में बताया कि अगर राजस्थान से टिड्डी दल हरियाणा में पहुंचता है तो दवाई के छिडक़ाव से टिड्डी दल को वहीं मार दिया जाएगा. उसे दोबारा उडने का अवसर नहीं दिया जाएगा. कृषि मंत्री ने दावा किया कि हरियाणा के जिस भी हिस्से में टिड्डी दल बैठेगा, प्रशासन उसको मारकर सोएगा.
टिड्डी दल के लिए क्या हैं तैयारियां?
कृषि मंत्री से सभी अधिकारियों को सूचित किया है कि टिड्डी दल के बारे में सूचना मिलने पर संबंधित एसडीएम और तहसीलदार तुरंत मौके पर पहुंचे और टिड्डी दल पर दवा का छिड़काव करवाए. बीडीपीओ, ग्राम सचिव और पटवारियों को किसानों को टिड्डी दल से बचाव और दवा के छिड़काव के बारे में जागरूक करने के निर्देश दिए गए हैं.
कृषि विभाग टिड्डी दल के हमले के संभावित क्षेत्रों में समुचित मात्रा में दवा उपलब्ध करवाएं इसके लिए तैयारी की गई है. गांव स्तर पर किसानों को दवा के छिड़काव की मात्रा की जानकारी बारीकी से अधिकारी देने का काम करेंगे. सभी गांवों में पम्फलेट बांटकर प्रचार-प्रसार करके किसानों को जागृत किया जाएगा.
कृषि मंत्री ने कहा कि टिड्डी दल पर छिड़काव के लिए विभाग के पास समुचित मात्रा में दवाई है. उन्होंने किसानों से अपील करते हुए कहा कि किसान टिड्डी दल के प्रकोप से किसी प्रकार से घबराए नहीं, बल्कि जहां भी टिड्डी दल नजर आएं, उसके बारे में संबंधित कृषि विभाग के अधिकारियों को सूचित करें. ताकि समय रहते उसके प्रकोप को रोका जा सके.
इसे अलावा सिरसा में उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ान ने दमकल विभाग को निर्देश दिए कि वो फायर ब्रिगेड की गाडियों को तैयार रखें. कोई भी चालक मुख्यालय ना छोड़ें. चालक अपने मोबाइल को ऑन रखें और छुट्टी पर ना जाए. इसके साथ-साथ कृषि उप निदेशक को निर्देश दिए गए हैं कि वो सरकारी एजेंसियों एचएलआरडीसी और एचएसडीसी के पास पेस्टीसाइड क्लोरोफाईरीफोर्स दवा की समुचित व्यवस्था करवाएं.
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वहीं कृषि विभाग ने किसानों की सहायता के लिए सिरसा में कंट्रोल रुम भी स्थापित किया है. जिसका नम्बर 01666-222371 है. किसान टिड्डी के संबंध में कोई भी सूचना इस नम्बर पर दे सकते हैं. इसके अलावा किसान टिड्डी दल से अपने स्तर पर निपटने के लिए आपस में सहयोग करें और टिड्डी को फसल पर बैठने ना दें.