ETV Bharat / state

'मेरा पानी मेरी विरासत' पर बोले कृषि मंत्री- किसानों को भड़का रहा है विपक्ष

मेरा पानी मेरी विरासत योजना पर विपक्ष के आरोपों पर कृषि मंत्री जयप्रकाश दलाल ने कहा कि विपक्ष के सभी नेता लॉकडाउन की वजह से घरों में बैठे हैं. उनके पास कोई काम तो बचा नहीं. इसलिए वो किसानों को भड़काने का काम कर रहे हैं.

agriculture minister Jai Parkash Dalal
agriculture minister Jai Parkash Dalal
author img

By

Published : May 28, 2020, 9:12 PM IST

चंडीगढ़: सरकार की तरफ से मेरा पानी मेरी विरासत योजना शुरू की गई. इस योजना के तहत किसानों से अपील की गई कि जो इलाका डार्क जोन में आता है वहां किसान धान की फसल ना लगाए. ऐसे इलाकों में धान की फसल की जगह किसान मक्का, दाल या कपास की फसल लगा सकता है. जिससे पानी की बचत होगी.

प्रदेश के किसानों ने सरकार की इस स्किम का विरोध किया. जिसके बाद सरकार ने इसमें बदलाव करते हुए दो एकड़ तक के किसानों को छूट दी है. सरकार ने कहा है कि इस योजना के तहत किसानों से अपील की गई है. कि वो पानी को बचाने में सरकार का साथ दे.

कृषि मंत्री जयप्रकाश दलाल ने विपक्ष पर किसानों को भड़काने का आरोप लगाया

एक तरफ किसान इस योजना का विरोध कर रहे हैं तो दूसरी तरफ विपक्ष भी इस मद्दे को लेकर सरकार को घेर रहा है. विपक्ष के आरोपों पर कृषि मंत्री जयप्रकाश दलाल ने कहा कि विपक्ष के सभी नेता लॉकडाउन की वजह से घरों में बैठे हैं. उनके पास कोई काम तो बचा नहीं. इसलिए वो किसानों को भड़काने का काम कर रहे हैं.

कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार किसानों को धान की जगह मक्का समेत अन्य फसलों के लिए प्रेरित कर रही है. जहां भूजल स्तर 40 मीटर से नीचे हैं सरकार उन किसानों से अपील कर रही है कि वहां धान की जगह दूसरी फसल लगा लें. ताकि पानी को बचाया जा सके.

ये भी पढ़ें- डार्क जोन में धान उगाने वाले किसानों पर कोई दबाव नहीं, ये केवल अपील- सीएम

उन्होंने ये भी कहा कि जिन इलाकों में पानी 35 मीटर से ऊपर है. वहां किसानों को छूट दी गई है. कृषि मंत्री ने कहा कि जो किसान धान की फसल की जगह कोई दूसरी फसल लगाएंगे उनको सरकार 7 हजार रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि देगी.

चंडीगढ़: सरकार की तरफ से मेरा पानी मेरी विरासत योजना शुरू की गई. इस योजना के तहत किसानों से अपील की गई कि जो इलाका डार्क जोन में आता है वहां किसान धान की फसल ना लगाए. ऐसे इलाकों में धान की फसल की जगह किसान मक्का, दाल या कपास की फसल लगा सकता है. जिससे पानी की बचत होगी.

प्रदेश के किसानों ने सरकार की इस स्किम का विरोध किया. जिसके बाद सरकार ने इसमें बदलाव करते हुए दो एकड़ तक के किसानों को छूट दी है. सरकार ने कहा है कि इस योजना के तहत किसानों से अपील की गई है. कि वो पानी को बचाने में सरकार का साथ दे.

कृषि मंत्री जयप्रकाश दलाल ने विपक्ष पर किसानों को भड़काने का आरोप लगाया

एक तरफ किसान इस योजना का विरोध कर रहे हैं तो दूसरी तरफ विपक्ष भी इस मद्दे को लेकर सरकार को घेर रहा है. विपक्ष के आरोपों पर कृषि मंत्री जयप्रकाश दलाल ने कहा कि विपक्ष के सभी नेता लॉकडाउन की वजह से घरों में बैठे हैं. उनके पास कोई काम तो बचा नहीं. इसलिए वो किसानों को भड़काने का काम कर रहे हैं.

कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार किसानों को धान की जगह मक्का समेत अन्य फसलों के लिए प्रेरित कर रही है. जहां भूजल स्तर 40 मीटर से नीचे हैं सरकार उन किसानों से अपील कर रही है कि वहां धान की जगह दूसरी फसल लगा लें. ताकि पानी को बचाया जा सके.

ये भी पढ़ें- डार्क जोन में धान उगाने वाले किसानों पर कोई दबाव नहीं, ये केवल अपील- सीएम

उन्होंने ये भी कहा कि जिन इलाकों में पानी 35 मीटर से ऊपर है. वहां किसानों को छूट दी गई है. कृषि मंत्री ने कहा कि जो किसान धान की फसल की जगह कोई दूसरी फसल लगाएंगे उनको सरकार 7 हजार रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि देगी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.