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CM विंडो पर आई शिकायतों को लेकर प्रशासन सख्त, अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी

सीएम विंडो पर आई भ्रष्टाचार की शिकायतों पर एसडीओ ने कड़ा संज्ञान लिया है. उन्होंने संबंधित अधिकारियों मामलों में एफआई दर्ज करने और विभागीय जांच के निर्देश दिए हैं.

सीएम विंडो पर आई शिकायतों को लेकर अधिकारियों की बैठक
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Published : Jul 18, 2019, 12:47 AM IST

चंडीगढ़ः मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी कार्यक्रम के परियोजना निदेशक डॉ. राकेश गुप्ता और सीएम के ओएसडी भूपेश्वर दयाल ने सीएम विंडो के संबंध में नोडल अधिकारियों के साथ बैठक की. इस दौरान नोडल अधिकारियों को एक साल से पुराने लंबित मामलों को अगली बैठक से पहले निपटान करने के आदेश दिए गए.

सीएम विंडो पर आई शिकायतों को लेकर अधिकारियों की बैठक

बैठक में विकास एवं पंचायत विभाग के अंतर्गत प्राप्त शिकायत पर संज्ञान लेते हुए पानीपत जिला के उपायुक्त को सरपंच के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने के निर्देश दिए गए हैं. वहीं एक अन्य मामले में शाहबाद में तैनात लेखाकार मंजू शर्मा के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं.

भूपेश्वर दयाल ने बताया कि मुख्यमंत्री ने सीएम विंडो पर आई भ्रष्टाचार की शिकायतों पर कड़ा संज्ञान लिया है. उन्होंने बताया कि विभिन्न मामलों में एफआई दर्ज करने और सरकारी कर्मचारियों के शिकायतों के निपटान में लापरवाही बरतने के कारण विभागीय जांच के निर्देश दिए हैं.

उन्होंने कहा कि बैठक में परिवहन विभाग का एक मामला सामने आया, जिसमें मामले को निपटाने के लिए शिकायतकर्ता के फर्जी हस्ताक्षर करके सीएम विंडो पोर्टल पर एटीआर अपलोड की गई. जिस पर संज्ञान लेते हुए डॉ. राकेश गुप्ता ने संबंधित अधिकारी के खिलाफ विभागीय जांच के निर्देश दिए हैं. इसी तरह और भी कई मामलों के निपटान के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश जारी किए गए हैं.

डॉ. गुप्ता ने सोशल मीडिया पर प्राप्त शिकायतों की भी समीक्षा की और उन विभागों की सराहना की जिन्होंने शिकायत पर तत्काल कार्रवाई की. उन्होंने नोडल अधिकारियों को पिछले साल के लंबित मामलों को एक महीने के अंदर निपटाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि सीएम विंडो पर जिन विभागों का प्रदर्शन संतोषजनक नहीं है, उनके विभागों के अधिकारियों की बैठक 30 जुलाई को होगी.

चंडीगढ़ः मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी कार्यक्रम के परियोजना निदेशक डॉ. राकेश गुप्ता और सीएम के ओएसडी भूपेश्वर दयाल ने सीएम विंडो के संबंध में नोडल अधिकारियों के साथ बैठक की. इस दौरान नोडल अधिकारियों को एक साल से पुराने लंबित मामलों को अगली बैठक से पहले निपटान करने के आदेश दिए गए.

सीएम विंडो पर आई शिकायतों को लेकर अधिकारियों की बैठक

बैठक में विकास एवं पंचायत विभाग के अंतर्गत प्राप्त शिकायत पर संज्ञान लेते हुए पानीपत जिला के उपायुक्त को सरपंच के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने के निर्देश दिए गए हैं. वहीं एक अन्य मामले में शाहबाद में तैनात लेखाकार मंजू शर्मा के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं.

भूपेश्वर दयाल ने बताया कि मुख्यमंत्री ने सीएम विंडो पर आई भ्रष्टाचार की शिकायतों पर कड़ा संज्ञान लिया है. उन्होंने बताया कि विभिन्न मामलों में एफआई दर्ज करने और सरकारी कर्मचारियों के शिकायतों के निपटान में लापरवाही बरतने के कारण विभागीय जांच के निर्देश दिए हैं.

उन्होंने कहा कि बैठक में परिवहन विभाग का एक मामला सामने आया, जिसमें मामले को निपटाने के लिए शिकायतकर्ता के फर्जी हस्ताक्षर करके सीएम विंडो पोर्टल पर एटीआर अपलोड की गई. जिस पर संज्ञान लेते हुए डॉ. राकेश गुप्ता ने संबंधित अधिकारी के खिलाफ विभागीय जांच के निर्देश दिए हैं. इसी तरह और भी कई मामलों के निपटान के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश जारी किए गए हैं.

डॉ. गुप्ता ने सोशल मीडिया पर प्राप्त शिकायतों की भी समीक्षा की और उन विभागों की सराहना की जिन्होंने शिकायत पर तत्काल कार्रवाई की. उन्होंने नोडल अधिकारियों को पिछले साल के लंबित मामलों को एक महीने के अंदर निपटाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि सीएम विंडो पर जिन विभागों का प्रदर्शन संतोषजनक नहीं है, उनके विभागों के अधिकारियों की बैठक 30 जुलाई को होगी.

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मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी कार्यक्रम के परियोजना निदेशक डॉ० राकेश गुप्ता और मुख्यमंत्री के ओएसडी भूपेश्वर दयाल ने बुधवार को चंडीगढ में सीएम विंडो के संबंध में नोडल अधिकारियों के साथ हुई बैठक की । डॉ० राकेश गुप्ता ने नोडल अधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि एक वर्ष से पुराने लंबित कुछ मामलों का अगली बैठक से पहले निपटान किया जाए । बैठक में विकास एवं पंचायत विभाग के अंतर्गत प्राप्त शिकायत पर संज्ञान लेते हुए पानीपत जिला के उपायुक्त को सरपंच के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने के निर्देश दिए गए हैं । एक अन्य मामले में शाहबाद में तैनात लेखाकार मंजू शर्मा के खिलाफ विभागीय कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए हैं ।Body:वीओ-
मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी कार्यक्रम के परियोजना निदेशक डॉ० राकेश गुप्ता और मुख्यमंत्री के ओएसडी भूपेश्वर दयाल ने सीएम विंडो के संबंध में नोडल अधिकारियों के साथ अहम बैठक की । मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी कार्यक्रम के परियोजना निदेशक और मुख्यमंत्री के ओएसडी ने एक बैठक में जानकारी दी कि मुख्यमंत्री ने सीएम विंडो पर आई भ्रष्टाचार की शिकायतों पर कड़ा संज्ञान लेते हुए विभिन्न मामलों में एफआई दर्ज करने और सरकारी कर्मचारियों द्वारा शिकायतों के निपटान में लापरवाही बरतने के कारण विभागीय जांच के निर्देश दिए हैं । पशुपालन विभाग के अंतर्गत आई एक शिकायत , जिसमें ठेकेदार कृष्‍ण कुमार ने जेसीबी मशीन के टेंडर लेने के लिए नकली दस्तावेज प्रस्तुत किये थे । लेकिन विभाग द्वारा इन दस्तावेजों को गलत पाये जाने पर तुरंत प्रभाव से टेंडर को रद्द कर दिया गया । इस शिकायत पर संज्ञान लेते हुए ठेकेदार के खिलाफ धोखाधड़ी करने के मामले में एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं । पशुपालन विभाग में हिसार से आई एक शिकायत, जिसमें उप निदेशक डॉ. सुरेन्द्र सिंह गहलावत पर गाय के दूध के ठेकेदार के साथ मिलीभगत कर 24 लाख 30 हजार रुपये का घोटाला करने का आरोप लगाया गया है । विभाग द्वारा जांच करने पर आरोप सही पाए गए हैं । इस पर संज्ञान लेते हुए उप निदेशक को सस्पेंड करने के निर्देश दिए गए हैं । बैठक में परिवहन विभाग का एक मामला सामने आया, जिसमें मामले को निपटाने के लिए शिकायतकर्ता के फर्जी हस्ताक्षर करके सीएम विंडो पोर्टल पर एटीआर अपलोड की गई । इस पर संज्ञान लेते हुए डॉ० राकेश गुप्ता ने संबंधित अधिकारी के खिलाफ विभागीय जांच के निर्देश दिए हैं । डॉ. गुप्ता ने सोशल मीडिया पर प्राप्त शिकायतों की भी समीक्षा की और उन विभागों की सराहना की जिन्होंने शिकायत पर तत्काल कार्रवाई की । उन्होंने नोडल अधिकारियों को पिछले साल के कुछ शेष मामलों को एक महीने के भीतर निपटाने का भी निर्देश दिया । उन्होंने कहा कि सीएम विंडो पर जिन विभागों का प्रदर्शन संतोषजनक नहीं है , उनके विभागाध्यक्षों की बैठक 30 जुलाई को होगी ।Conclusion:मुख्यमंत्री ने सीएम विंडो पर आई भ्रष्टाचार की शिकायतों पर कड़ा संज्ञान लेते हुए विभिन्न मामलों में एफआई दर्ज करने और सरकारी कर्मचारियों द्वारा शिकायतों के निपटान में लापरवाही बरतने के कारण विभागीय जांच के निर्देश दिए हैं । इससे पहले भी सीएम विंडो पर आई शिकायतों के मामले में कोताही बरतने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों पर सख्त कार्यवाही की जा चुकी है । अब अधिकारियों को पुराने मामले अगली बैठक से पहले निपटाने के आदेश दिए गए है ।
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