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2019 में प्रदेश के 9 जिले होंगे मलेरिया मुक्त, बैठक में बनी रणनीति !

2019 में राज्य के अम्बाला, फतेहाबाद, जींद, कैथल, करनाल, कुरूक्षेत्र, महेन्द्रगढ़, रेवाड़ी और सोनीपत जिलों को मलेरिया मुक्त किया जाएगा. इसके लिए राज्य में वैक्टर जनित रोगों मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया और जापानी बुखार पर पूर्णत: अंकुश लगाने के लिए विभाग की ओर से बड़े स्तर पर तैयारियां शुरू की गई है.

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Published : Jul 30, 2019, 11:35 PM IST

अतिरिक्त मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई मलेरिया वर्किंग कमेटी की अहम बैठक

चंडीगढ़: 2019 में प्रदेश के 9 जिलों के मलेरिया मुक्त बनाने के मिशन को लेकर अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा की अध्यक्षता में मलेरिया वर्किंग कमेटी की बैठक हुई.बैठक में प्रदेश में 9 जिलों को मलेरिया मुक्त बनाने के लिए चर्चा हुई.

हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि वर्ष 2019 के दौरान प्रदेश के 9 जिलों को मलेरिया मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इस मिशन को कारगर बनाने के लिए स्वास्थ्य सेवाओं पर और अधिक बल दिया जाएगा. इस संबंध में विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा की अध्यक्षता में मलेरिया वर्किंग कमेटी हरियाणा की अहम बैठक का आयोजन किया गया.

उन्होंने कहा कि 2019 में राज्य के अम्बाला, फतेहाबाद, जींद, कैथल, करनाल, कुरूक्षेत्र, महेन्द्रगढ़, रेवाड़ी और सोनीपत जिलों को मलेरिया मुक्त किया जाएगा. इसके लिए राज्य में वैक्टर जनित रोगों मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया और जापानी बुखार पर पूर्णत: अंकुश लगाने के लिए विभाग की ओर से बड़े स्तर पर तैयारियां शुरू की गई है.

अतिरिक्त मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई मलेरिया वर्किंग कमेटी की अहम बैठक

अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा ने बताया कि वैक्टर जनित रोगों पर नियंत्रण के लिए राज्य के नूंह जिला में 154 बुखार उपचार केन्द्र स्थापित किए गए हैं. इसके लिए लोगों को जागरूक करने हेतु स्वास्थ्य मंत्री ने सभी पंच एवं सरपंचों को पत्र लिखा है, जिसमें गांवों को रोग मुक्त बनाने में पूर्ण सहयोग की अपील की गई है. इसके अलावा वॉल पेंटिंग, पोस्टर मेकिंग और अन्य जागरूकता कार्यक्रम भी किए जाएंगे.

चंडीगढ़: 2019 में प्रदेश के 9 जिलों के मलेरिया मुक्त बनाने के मिशन को लेकर अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा की अध्यक्षता में मलेरिया वर्किंग कमेटी की बैठक हुई.बैठक में प्रदेश में 9 जिलों को मलेरिया मुक्त बनाने के लिए चर्चा हुई.

हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि वर्ष 2019 के दौरान प्रदेश के 9 जिलों को मलेरिया मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इस मिशन को कारगर बनाने के लिए स्वास्थ्य सेवाओं पर और अधिक बल दिया जाएगा. इस संबंध में विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा की अध्यक्षता में मलेरिया वर्किंग कमेटी हरियाणा की अहम बैठक का आयोजन किया गया.

उन्होंने कहा कि 2019 में राज्य के अम्बाला, फतेहाबाद, जींद, कैथल, करनाल, कुरूक्षेत्र, महेन्द्रगढ़, रेवाड़ी और सोनीपत जिलों को मलेरिया मुक्त किया जाएगा. इसके लिए राज्य में वैक्टर जनित रोगों मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया और जापानी बुखार पर पूर्णत: अंकुश लगाने के लिए विभाग की ओर से बड़े स्तर पर तैयारियां शुरू की गई है.

अतिरिक्त मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई मलेरिया वर्किंग कमेटी की अहम बैठक

अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा ने बताया कि वैक्टर जनित रोगों पर नियंत्रण के लिए राज्य के नूंह जिला में 154 बुखार उपचार केन्द्र स्थापित किए गए हैं. इसके लिए लोगों को जागरूक करने हेतु स्वास्थ्य मंत्री ने सभी पंच एवं सरपंचों को पत्र लिखा है, जिसमें गांवों को रोग मुक्त बनाने में पूर्ण सहयोग की अपील की गई है. इसके अलावा वॉल पेंटिंग, पोस्टर मेकिंग और अन्य जागरूकता कार्यक्रम भी किए जाएंगे.

Intro:अतिरिक्त मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई मलेरिया वर्किंग कमेटी की अहम बैठक।  



एंकर- हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि वर्ष 2019 के दौरान प्रदेश के 9 जिलों को मलेरिया मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके तहत व्यापक स्तर स्वास्थ्य सेवाओं पर ओर अधिक बल दिया जाएगा। इस संबंध में आज विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा की अध्यक्षता में मलेरिया वर्किंग कमेटी हरियाणा की अहम बैठक का आयोजन किया गया।  उन्होंने कहा कि राज्य के अम्बाला, फतेहाबाद, जीन्द, कैथल, करनाल, कुरूक्षेत्र, महेन्द्रगढ़, रेवाड़ी तथा सोनीपत जिलों को मलेरिया मुक्त किया जाएगा। इसके लिए राज्य में वैक्टर जनित रोगों मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया तथा जापानी बुखार पर पूर्णत: अंकुश लगाने के लिए विभाग द्वारा बड़े स्तर पर तैयारियां शुरू की गई हैं। 


Body:वीओ: अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा की अध्यक्षता में मंगलवार  चण्डीगढ में  मलेरिया वर्किंग कमेटी हरियाणा की अहम बैठक का आयोजन किया गया।  उन्होंने कहा कि राज्य के अम्बाला, फतेहाबाद, जीन्द, कैथल, करनाल, कुरूक्षेत्र, महेन्द्रगढ़, रेवाड़ी तथा सोनीपत जिलों को मलेरिया मुक्त किया जाएगा। इसके लिए राज्य में वैक्टर जनित रोगों मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया तथा जापानी बुखार पर पूर्णत: अंकुश लगाने के लिए विभाग द्वारा बड़े स्तर पर तैयारियां शुरू की गई हैं। उन्होंने बताया कि राज्य के अन्य सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों व उपकेन्द्रों में मलेरिया की घटनाओं को घटाकर प्रति हजार की जनसंख्या पर एक केस से भी कम करने पर बल दिया जा रहा है। इसके अनुरूप वर्ष 2020 तक राज्य के सभी जिलों को मलेरिया एवं उससे होने वाली मृत्यु पर नियंत्रण किया जाएगा। इस प्रकार प्रदेश 2022 तक पूर्ण रूप से मलेरिया मुक्त होगा। इन प्रयासों के फलस्वरूप राज्य में वैक्टर जनित रोगों पर पूरी तरह से काबू पा लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि वैक्टर जनित रोगों पर नियंत्रण के लिए राज्य के नूंह जिला में 154 बुखार उपचार केन्द्र स्थापित किए गए हैं। इसके लिए लोगों को जागरूक करने हेतु स्वास्थ्य मंत्री ने सभी पंच एवं सरपंचों को पत्र लिखा है, जिसमें गांवों को रोग मुक्त बनाने में पूर्ण सहयोग की अपील की है। इसके अलावा वॉल पेंटिंग, पोस्टर मेकिंग व अन्य जागरूकता कार्यक्रम भी किए जाएंगे।
Conclusion:
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