चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा का शीतकालीन सत्र (haryana assembly winter session) खत्म हो चुका है. सदन कार्यवाही अनिश्चितकाल के स्थगित कर दी गई है. इस बार के सत्र में सरकार को अफसरों की वजह से शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा. गलत आंकड़े देने की वजह से 3 मंत्रियों को सदन में स्पीकर की डांट भी खानी पड़ी. सरकार ने गलत आंकड़ा देने वाले अधिकारियों पर जांच शुरू कर दी है. खबर है कि प्राथमिक जांच में कई अफसरों की भूमिका संदिग्ध पाई गई है. गलत आंकड़े (wrong figures in haryana assembly) देने की वजह से सदन में मंत्रियों को तीन बार शर्मिंदा होना पड़ा.
हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवरपाल ने विधानसभा में शिक्षकों की कमी को दूर करने के मुद्दे पर जो आंकड़ा पेश किया था वो गलत था. स्कूलों में शिक्षकों की कमी का मुद्दा नैना चौटाला ने उठाया था. गलत आंकड़ा देने के इस मामले में संबंधित शाखा के उपाधीक्षक और सहायक को निलंबित कर दिया गया है. शाखा के सहायक निदेशक और एक अन्य सहायक को नियम-7 के तहत चार्जशीट किया गया है. दरअसल नैना चौटाला ने बाढड़ा हलके के स्कूलों में अध्यापकों की कमी का सवाल सदन में उठाया था.
जवाब में शिक्षा मंत्री ने विधानसभा सत्र के दौरान कहा कि बाढड़ा के दिए स्कूलों में सरप्लस अध्यापक हैं, लेकिन नैना चौटाला ने कहा कि उन स्कूलों का उन्होंने व्यक्तिगत तौर पर दौरा किया है, परंतु वहां कोई अध्यापक नहीं है. ऐसे ही फरीदाबाद विधायक नीरज शर्मा के सवाल पर राज्य के निकाय मंत्री कमल गुप्ता को भारी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा. नीरज शर्मा ने कहा था कि सीवर के ढक्कन खुले होने के कारण फरीदाबाद में अब तक 4 लोगों की मौत हो चुकी है. इस पर कमल गुप्ता ने जो आंकड़े पेश किए वो अलग थे.
वहीं गृह मंत्री अनिल विज को भी सदन में शर्मिंदा होना पड़ा. ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान विधायक अभय चौटाला ने अवैध शराब का मुद्दा उठाया. जहरीली शराब के मुद्दे पर चर्चा के दौरान अनिल विज ने जवाब दिया कि अवैध शराब से 2016 से अब तक 36 मौतें हुई हैं. अभय चौटाला ने विज के आंकड़ों पर सवाल खड़े करते हुए हरियाणा सरकार ने लोकसभा में 498 मौतें बताई हैं. इसकी चीफ सेक्रेटरी ने लोकसभा में रिपोर्ट भेजी है. अकेले लॉकडाउन में 45 मौतें शराब पीने से हुई, जबकि सरकार 36 मौतें ही बता रही है. इसके बाद गृह मंत्री अनिल विज ने गलती स्वीकार करते हुए कहा कि वो इस मामले की जांच कराएंगे.