चंडीगढ़: तेजा खेड़ा प्रॉपर्टी की ईडी से वापसी के मामले में ओमप्रकाश चौटाला को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट से राहत नहीं मिली है. हाई कोर्ट के जस्टिस एजी मसीह और एके वर्मा पर आधारित बेंच ने प्रवर्तन निदेशालय अपीलीय ट्रिब्यूनल के उस आदेश को रद कर दिया है जिसके तहत अपीलीय ट्रिब्यूनल ने ओमप्रकाश चौटाला को सिरसा जिले के गांव तेजाखेड़ा स्थित फार्म हाउस में बनी कोठी में उनके पोतों की शादी की अनुमति दी थी. अब चौटाला अपने पोतों की शादी के लिए इस कोठी का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे.
हाईकोर्ट ने किया अपीलीय ट्रिब्यूनल के आदेश को रद्द
कोर्ट ने अपीलीय ट्रिब्यूनल के आदेश को रद्द करते हुए कहा कि यह आदेश नियमानुसार नहीं है, इस आदेश में अपीलीय ट्रिब्यूनल ने किसी कानून का हवाला नहीं दिया. कोर्ट ने अपीलीय ट्रिब्यूनल को यह मामला वापस भेजते हुए आदेश दिया कि बुधवार को इस मामले पर नियमानुसार उचित सुनवाई करें. हाई कोर्ट ने इस मामले में पिछले सप्ताह अपना फैसला सुरक्षित रखा था.
ईडी के वकील ने क्या कहा?
मामले की सुनवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय के वकील अरविंद मौदगिल ने बेंच को बताया कि पिछले साल ओमप्रकाश चौटाला की तेजाखेड़ा स्थित फार्म हाउस में बनी कोठी को प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने अटैच कर लिया था. नवंबर महीने के अंतिम सप्ताह में ओमप्रकाश चौटाला के दो पौत्रों करण चौटाला और अर्जुन चौटाला के विवाह हैं. दोनों अभय सिंह चौटाला के पुत्र हैं. इसके लिए ओमप्रकाश चौटाला की तरफ से अटैच तेजाखेड़ा स्थित फार्म हाउस में बनी कोठी को विवाह के लिए प्रयोग करने की मांग की गई.
चौटाला परिवार ने की थी 7 नवंबर को दोबारा वापस करने की अपील
चौटाला की मांग पर प्रवर्तन निदेशालय अपीलीय ट्रिब्यूनल, अर्थशोधन निवारण अधिनियम दिल्ली ने एक आदेश जारी कर प्रवर्तन निदेशालय को निर्देश दिया था कि वह विवाह के लिए तेजाखेड़ा स्थित फार्म हाउस में बनी कोठी चौटाला को दे. चौटाला परिवार 7 दिसंबर को यह कोठी दोबारा प्रवर्तन निदेशालय को वापस कर देगा. प्रवर्तन निदेशालय ने अपीलीय ट्रिब्यूनल के आदेश को रद करने की मांग करते हुए कहा कि जब प्रवर्तन निदेशालय ने किसी संपति को अटैच किया हुआ हो और ट्रायल जारी हो तो कैसे संपति को छोड़ा जा सकता है.
ईडी ने क्या अपली की थी?
प्रवर्तन निदेशालय ने अपीलेट ट्रिब्यूनल के आदेश को रद्द करने की मांग करते हुए कहा था कि जब प्रवर्तन निदेशालय ने किसी संपत्ति अटैच किया हुआ हो और ट्रायल जारी हो तो कैसे संपत्ति को छोड़ा जा सकता है. भ्रष्टाचार का मामला प्रवर्तन निदेशालय ने कंफर्म कर दिया है. ऐसे में किसी एटैच संपत्ति आरोपी को नहीं दी जा सकती. प्रवर्तन निदेशालय की तरफ से कोर्ट को बताया गया था कि अपीलेट ट्रिब्यूनल ने 6 नवंबर से पहले कोठी चौटाला को देने के आदेश दिए हैं. प्रवर्तन निदेशालय के वकील की दलील सुनने के बाद हाई कोर्ट अपील ट्रिब्यूनल के आदेश पर रोक लगाते हुए ओम प्रकाश चौटाला से जवाब तलब किया था.
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