चंडीगढ़: पीएम मोदी ने (pm modi on farm laws) शुक्रवार को तीन कृषि कानूनों का वापस लेने का ऐलान किया (Three Farm Laws Repealed) है. उन्होंने कहा कि हमने यह तीन कृषि कानून किसानों के हित के लिए बनाए थे. हालांकि हम किसानों को समझाने में असमर्थ रहे. किसानों के आंदोलन के चलते और किसानों की भलाई देखते हुए हम यह तीन कृषि कानून वापस ले रहे हैं. सरकार के इस फैसले पर जहां सत्ता पक्ष के लोग पीएम का धन्यवाद कर रहे हैं तो वहीं विपक्षी इसे सरकार की हार बता रहे हैं.
इस फैसले पर इनेलो विधायक अभय चौटाला (abhay chautala farms laws repealed) ने भी अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है. अभय ने कहा कि केंद्र द्वारा इन तीनों कृषि कानून को वापस लेने के फैसले का हम स्वागत करते हैं. अभय चौटाला ने कहा कि किसानों की सभी मांगें पूरी होनी चाहिए. इसके अलावा एमएसपी का लिखित कानून बनना चाहिए. उन्होंने कहा कि पिछले एक साल से चल रहे किसानों के इस आंदोलन में सात सौ से ज्यादा किसान शहीद हुए. आंदोलन में शहीद हुए इन किसानों को सरकार शहीद का दर्जा दे.
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यही नहीं उनके परिवारों को आर्थिक सहायता और किसानों पर दर्ज हुए सभी मुकदमें वापस हों. इसके अलावा उन्होंने बिजली संशोधन बिल भी वापस करने की मांग की. तीनों कृषि कानून रद्द करने के साथ आगामी संसद सत्र में इन सभी मांगों को कानूनी रूप दिया जाए.
क्या कहा पीएम मोदी ने?
तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा करते हुए प्रधानमंत्री ने (pm modi on farm laws) कहा कि मैं आज देशवासियों से क्षमा मांगते हुए और देशवासियों से यह कहना चाहता हूं कि हमारी तपस्या में कोई कमी रह गई होगी. किसानों को इन तीनों कानूनों के बारे में समझाने की पूरी कोशिश की गई, लेकिन वह समझ नहीं पाए. हमने किसानों की बातों और उनके तर्क को समझने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी. जिन कानूनों पर ऐतराज था उनको समझने में सरकार ने भरपूर कोशिश की. उन्होंने कहा कि इस महीने के अंत में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की संवैधानिक प्रक्रिया शुरू कर देंगे. इसके साथ ही, पीएम मोदी ने आंदोलन पर बैठे लोगों को प्रकाश पर्व पर घर वापसी की अपील की है.
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राकेश टिकैत बोले- जारी रहेगा आंदोलन
वहीं मोदी सरकार के तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के बावजूद किसान आंदोलन चलता रहेगा. संयुक्त किसान मोर्चा के नेता राकेश टिकैत (Rakesh tikait farm laws repealed) ने किसान आंदोलन के जारी रहने की घोषणा की है. उनका कहना है कि जब तक तीन कृषि कानून संसद में रद्द नहीं हो जाते हैं तब तक आंदोलन जारी रहेगा. राकेश टिकैत ने साफ किया सरकार किसानों के दूसरे मुद्दों पर भी बात करें. उन्होंने कहा, 'आंदोलन तत्काल वापस नहीं होगा, हम उस दिन का इंतजार करेंगे जब कृषि कानूनों को संसद में रद्द किया जाएगा. सरकार MSP के साथ-साथ किसानों के दूसरे मुद्दों पर भी बातचीत करें.'
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