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चंडीगढ़: आर्थिक रुप से पिछड़े परिवारों के लिए सामने आई संस्था, मास्क बनवा कर दिया रोजगार - मास्क बना कर कमाई

चंडीगढ़ में एक संस्था गरीब परिवारों को रोजगार देकर उनकी मदद कर रही है. ये संस्था गरीब परिवारों से मास्क बनवा कर पेमेंट कर रही है और कोरोना वॉरियर्स में बांट रही है. खबर पढ़ें.

a poor family of Chandigarh earning money by making cloth mask
आर्थिक रुप से पिछड़े परिवार के लिए सामने आई संस्था
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Published : May 3, 2020, 3:03 PM IST

Updated : May 3, 2020, 4:30 PM IST

चंडीगढ़: लॉक डाउन के बाद उन लोगों पर रोजी रोटी का सबसे बड़ा संकट खड़ा हो गया था. जो प्रतिदिन की मजदूरी पर निर्भर करते थे. वह लोग जो हर रोज सुबह मजदूरी पर जाते थे और शाम को थोड़े पैसे कमा कर लाते थे इन्हीं पैसों से उनका घर चलता था, लेकिन लॉक डाउन के बाद उनकी मजदूरी बंद हो गई और उनके पास रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया. ऐसे में चंडीगढ़ की समाज सेविका पूजा बक्शी आगे आई और अपने एनजीओ के तहत इन लोगों की आमदनी का जरिया बनाया.

संस्था कर रही है गरीब परिवारों की मदद

वूमेन वूमेन एंड चाइल्ड वेलफेयर सोसाइटी की संचालिका पूजा बख्शी ने बताया लॉक डाउन के बाद गरीब लोगों के लिए दो वक्त की रोटी का संकट खड़ा हो गया था. हालांकि सरकार की ओर से गरीबों तक खाना पहुंचाया जा रहा है, लेकिन फिर भी बहुत से ऐसे गरीब हैं जिन तक खाना नहीं पहुंच पाता और जिन लोगों तक खाना पहुंच भी जाता है फिर भी उन्हें घर में दूसरी वस्तुओं की जरूरत तो पड़ती ही है जिन्हें कुछ पैसे होने चाहिए. बिना पैसे के गुजारा संभव नहीं है.

घर पर मास्क बना कर कमाई कर रहा गरीब परिवार, देखिए रिपोर्ट

उन्होंने कहा कि लॉक डाउन के बाद बहुत से परिवार ऐसे हैं. जो अपने घर का गुजारा नहीं चला पा रहे हैं. हमने उन्हीं परिवारों की सहायता करने के लिए यह मुहिम शुरू की है. हमने अपने एनजीओ के माध्यम से कुछ महिलाओं से संपर्क किया और उन्हें घर पर ही मास्क बनाने के लिए कहा.

20 महिलाएं हर रोज बना रहे हैं 2000 मास्क

इन महिलाओं को मास्क बनाने के लिए कपड़ा और अन्य सामान हमारे एनजीओ द्वारा मुहैया करवाया गया. जिसके बाद इन महिलाओं ने मास्क बनाने शुरू किए. इनके द्वारा बनाये गए मास्क को आम लोगों में मुफ्त बांटा जाता है. जबकि इन महिलाओं को मास्क बनाने के लिए पैसे दिए जाते हैं इस तरह इन महिलाओं की आमदनी शुरू हो गई. उन्होंने कहा कि इस समय उनके साथ 20 महिलाएं काम कर रही हैं जो प्रतिदिन करीब 2000 मास्क से बना रही है.

वहीं मास्क बनाने वाली महिलाओं का कहना था कि लॉक डाउन के बाद इन्हें काफी आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था. क्योंकि कमाई का कोई जरिया नहीं बचा था. ऐसे में उन्हें यह जो मस्त बनाने का काम दिया गया है इससे इनकी आमदनी हो जाती है जिससे अपने रोजमर्रा के खर्च निकाल पा रहे हैं. उनका कहना था कि पहले आमदनी ना होने की वजह से उन्हें अपना घर चलाना मुश्किल हो रहा था. क्योंकि खर्च करने के लिए पैसे ही नहीं थे .लेकिन अब इस काम से उन्हें थोड़े बहुत पैसे मिल जाते हैं तो वह अपने घर के छोटे बड़े खर्चे निकाल पा रही हैं.

लॉक डाउन के बाद जब सारे उद्योग धंधे और कामकाज बंद हो चुके हैं और लोगों के पास आमदनी का कोई जरिया नहीं बचा है. ऐसे में चंडीगढ़ में यह पहल काफी सराहनीय है. जब गरीब लोगों को घर बैठे ही काम दिया जा रहा है .जिससे वह लोग स्वाभिमान के साथ पैसे कमा रहे हैं. इसके अलावा जिन अन्य संस्थाओं द्वारा इन महिलाओं से मास्क बनवाए जा रहे हैं. वह यहां से मास्क बनवा कर आम लोगों में मुफ्त में बांटती है, तो कहीं ना कहीं आमदनी के साथ-साथ यह मुहिम समाज सेवा में भी अपना योगदान दे रही है.

ये भी पढ़ेंः नांदेड साहिब से फतेहाबाद लौटे 4 श्रद्धालु कोरोना पॉजिटिव

चंडीगढ़: लॉक डाउन के बाद उन लोगों पर रोजी रोटी का सबसे बड़ा संकट खड़ा हो गया था. जो प्रतिदिन की मजदूरी पर निर्भर करते थे. वह लोग जो हर रोज सुबह मजदूरी पर जाते थे और शाम को थोड़े पैसे कमा कर लाते थे इन्हीं पैसों से उनका घर चलता था, लेकिन लॉक डाउन के बाद उनकी मजदूरी बंद हो गई और उनके पास रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया. ऐसे में चंडीगढ़ की समाज सेविका पूजा बक्शी आगे आई और अपने एनजीओ के तहत इन लोगों की आमदनी का जरिया बनाया.

संस्था कर रही है गरीब परिवारों की मदद

वूमेन वूमेन एंड चाइल्ड वेलफेयर सोसाइटी की संचालिका पूजा बख्शी ने बताया लॉक डाउन के बाद गरीब लोगों के लिए दो वक्त की रोटी का संकट खड़ा हो गया था. हालांकि सरकार की ओर से गरीबों तक खाना पहुंचाया जा रहा है, लेकिन फिर भी बहुत से ऐसे गरीब हैं जिन तक खाना नहीं पहुंच पाता और जिन लोगों तक खाना पहुंच भी जाता है फिर भी उन्हें घर में दूसरी वस्तुओं की जरूरत तो पड़ती ही है जिन्हें कुछ पैसे होने चाहिए. बिना पैसे के गुजारा संभव नहीं है.

घर पर मास्क बना कर कमाई कर रहा गरीब परिवार, देखिए रिपोर्ट

उन्होंने कहा कि लॉक डाउन के बाद बहुत से परिवार ऐसे हैं. जो अपने घर का गुजारा नहीं चला पा रहे हैं. हमने उन्हीं परिवारों की सहायता करने के लिए यह मुहिम शुरू की है. हमने अपने एनजीओ के माध्यम से कुछ महिलाओं से संपर्क किया और उन्हें घर पर ही मास्क बनाने के लिए कहा.

20 महिलाएं हर रोज बना रहे हैं 2000 मास्क

इन महिलाओं को मास्क बनाने के लिए कपड़ा और अन्य सामान हमारे एनजीओ द्वारा मुहैया करवाया गया. जिसके बाद इन महिलाओं ने मास्क बनाने शुरू किए. इनके द्वारा बनाये गए मास्क को आम लोगों में मुफ्त बांटा जाता है. जबकि इन महिलाओं को मास्क बनाने के लिए पैसे दिए जाते हैं इस तरह इन महिलाओं की आमदनी शुरू हो गई. उन्होंने कहा कि इस समय उनके साथ 20 महिलाएं काम कर रही हैं जो प्रतिदिन करीब 2000 मास्क से बना रही है.

वहीं मास्क बनाने वाली महिलाओं का कहना था कि लॉक डाउन के बाद इन्हें काफी आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था. क्योंकि कमाई का कोई जरिया नहीं बचा था. ऐसे में उन्हें यह जो मस्त बनाने का काम दिया गया है इससे इनकी आमदनी हो जाती है जिससे अपने रोजमर्रा के खर्च निकाल पा रहे हैं. उनका कहना था कि पहले आमदनी ना होने की वजह से उन्हें अपना घर चलाना मुश्किल हो रहा था. क्योंकि खर्च करने के लिए पैसे ही नहीं थे .लेकिन अब इस काम से उन्हें थोड़े बहुत पैसे मिल जाते हैं तो वह अपने घर के छोटे बड़े खर्चे निकाल पा रही हैं.

लॉक डाउन के बाद जब सारे उद्योग धंधे और कामकाज बंद हो चुके हैं और लोगों के पास आमदनी का कोई जरिया नहीं बचा है. ऐसे में चंडीगढ़ में यह पहल काफी सराहनीय है. जब गरीब लोगों को घर बैठे ही काम दिया जा रहा है .जिससे वह लोग स्वाभिमान के साथ पैसे कमा रहे हैं. इसके अलावा जिन अन्य संस्थाओं द्वारा इन महिलाओं से मास्क बनवाए जा रहे हैं. वह यहां से मास्क बनवा कर आम लोगों में मुफ्त में बांटती है, तो कहीं ना कहीं आमदनी के साथ-साथ यह मुहिम समाज सेवा में भी अपना योगदान दे रही है.

ये भी पढ़ेंः नांदेड साहिब से फतेहाबाद लौटे 4 श्रद्धालु कोरोना पॉजिटिव

Last Updated : May 3, 2020, 4:30 PM IST
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