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कैबिनेट मंत्री राव नरबीर पर शैक्षणिक योग्यता की झूठी जानकारी देने का आरोप, HC में हुई सुनवाई

हाईकोर्ट के नोटिस पर कैबिनेट मंत्री राव नरबीर के वकील ने कोर्ट से समय देने की मांग की है. मंगलवार को मंत्री के वकील ने कहा कि ये सभी आरोप राजनीतिक दुर्भावना से लगाए गए हैं.

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Published : Aug 28, 2019, 9:01 AM IST

Rao Narbir Singh

चंडीगढ़: कैबिनेट मंत्री राव नरबीर के खिलाफ आरटीआई एक्टिविस्ट की याचिका पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने सुनवाई की. शिकायतकर्ता के मुताबिक कैबिनेट मंत्री राव नरबीर ने नामांकन के वक्त शपथ पत्र में गलत जानकारी दी है.

शैक्षणिक योग्यता पर सवाल
हाईकोर्ट के नोटिस पर राव नरबीर के वकील ने कोर्ट से समय देने की मांग की है. मंगलवार को मंत्री के वकील ने कहा कि ये सभी आरोप राजनीतिक दुर्भावना से लगाए गए हैं. उन्होंने इस बाबत अपना जवाब दायर करने के लिए समय देने की मांग की.

गलत जानकारी देने का आरोप
हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई 15 अक्टूबर तक स्थगित करते हुए राव नरबीर को जवाब दायर करने को कहा है. दरअसल गुरुग्राम के आरटीआई कार्यकर्ता ने हाईकोर्ट में रिवीजन याचिका दायर की. जिसमें गुरुग्राम कोर्ट के उस आदेश को रद्द करने की मांग की, जिसमें राव के खिलाफ फर्जी शैक्षिक योग्यता दर्शाने संबंधी उनकी शिकायत को खारिज कर दिया था.

मंत्री ने वकील ने HC से मांगा वक्त
याचिका के अनुसार आरटीआई एक्टिविस्ट हरिंदर ढींगरा ने मंत्री राव नरबीर की शैक्षणिक योग्यता की जानकारी मांगी थी. दिसंबर 2018 में उन्हें राव नरबीर के शपथ पत्रों और शैक्षणिक योग्यता की जानकारी मिली. याचिकाकर्ता का आरोप है कि राव नरबीर ने साल 2005, 2009 और 2014 में चुनाव लड़ा और अल-अलग शपथ पत्र में अलग-अलग जानकारी दी थी.

जानें क्या है मामला
आरोप है कि राव नरबीर ने साल 2005 में शपथ पत्र दाखिल किया कि उन्होंने 10वीं की पढ़ाई 1976 में माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश से पास की है. जबकि 2009 के चुनाव में उन्होंने शपथ पत्र में लिखा कि 10वीं उन्होंने बिरला विद्या मंदिर नैनीताल से की है. वहीं साल 1986 में राव ने हिंदी साहित्य में स्नातक करने की बात कही है.

ये भी पढ़ें- किसानों की फसल खरीद को लेकर HC का सरकार को नोटिस, 30 अक्टूबर को अगली सुनवाई

15 अक्तूबर को अगली सुनवाई
याचिकाकर्ता के मुताबिक राव नरबीर ने चुनाव में झूठे शपथ पत्र दाखिल किए. जिसके आधार पर झूठी जानकारी देने के खिलाफ राव नरबीर पर कार्रवाई करने की मांग की है. इसी आधार पर पहले गुरुग्राम कोर्ट में भी ये याचिका दायर की थी, लेकिन गुरुग्राम कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी थी.

चंडीगढ़: कैबिनेट मंत्री राव नरबीर के खिलाफ आरटीआई एक्टिविस्ट की याचिका पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने सुनवाई की. शिकायतकर्ता के मुताबिक कैबिनेट मंत्री राव नरबीर ने नामांकन के वक्त शपथ पत्र में गलत जानकारी दी है.

शैक्षणिक योग्यता पर सवाल
हाईकोर्ट के नोटिस पर राव नरबीर के वकील ने कोर्ट से समय देने की मांग की है. मंगलवार को मंत्री के वकील ने कहा कि ये सभी आरोप राजनीतिक दुर्भावना से लगाए गए हैं. उन्होंने इस बाबत अपना जवाब दायर करने के लिए समय देने की मांग की.

गलत जानकारी देने का आरोप
हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई 15 अक्टूबर तक स्थगित करते हुए राव नरबीर को जवाब दायर करने को कहा है. दरअसल गुरुग्राम के आरटीआई कार्यकर्ता ने हाईकोर्ट में रिवीजन याचिका दायर की. जिसमें गुरुग्राम कोर्ट के उस आदेश को रद्द करने की मांग की, जिसमें राव के खिलाफ फर्जी शैक्षिक योग्यता दर्शाने संबंधी उनकी शिकायत को खारिज कर दिया था.

मंत्री ने वकील ने HC से मांगा वक्त
याचिका के अनुसार आरटीआई एक्टिविस्ट हरिंदर ढींगरा ने मंत्री राव नरबीर की शैक्षणिक योग्यता की जानकारी मांगी थी. दिसंबर 2018 में उन्हें राव नरबीर के शपथ पत्रों और शैक्षणिक योग्यता की जानकारी मिली. याचिकाकर्ता का आरोप है कि राव नरबीर ने साल 2005, 2009 और 2014 में चुनाव लड़ा और अल-अलग शपथ पत्र में अलग-अलग जानकारी दी थी.

जानें क्या है मामला
आरोप है कि राव नरबीर ने साल 2005 में शपथ पत्र दाखिल किया कि उन्होंने 10वीं की पढ़ाई 1976 में माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश से पास की है. जबकि 2009 के चुनाव में उन्होंने शपथ पत्र में लिखा कि 10वीं उन्होंने बिरला विद्या मंदिर नैनीताल से की है. वहीं साल 1986 में राव ने हिंदी साहित्य में स्नातक करने की बात कही है.

ये भी पढ़ें- किसानों की फसल खरीद को लेकर HC का सरकार को नोटिस, 30 अक्टूबर को अगली सुनवाई

15 अक्तूबर को अगली सुनवाई
याचिकाकर्ता के मुताबिक राव नरबीर ने चुनाव में झूठे शपथ पत्र दाखिल किए. जिसके आधार पर झूठी जानकारी देने के खिलाफ राव नरबीर पर कार्रवाई करने की मांग की है. इसी आधार पर पहले गुरुग्राम कोर्ट में भी ये याचिका दायर की थी, लेकिन गुरुग्राम कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी थी.

Intro:वीओ -
हरियाणा के कैबिनेट मंत्री राव नरबीर सिंह पर नामांकन के समय शपथ पत्र में गलत व विरोधाभासी जानकारी देने के मामले में पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट मे सुनवाई हुई । हाईकोर्ट के नोटिस पर जवाब देने के लिए राव नरबीर के वकील ने हाई कोर्ट में जवाब देने के लिए समय देने की मांग की है । मंगलवार को मामले की सुनवाई के दौरान मंत्री की तरफ से पेश वकील ने कहा कि यह सभी आरोप राजनीतिक भावना से लगाए गए हैं । उन्होंने इस बाबत अपना जवाब दायर करने के लिए समय देने की मांग की । हाई कोर्ट ने मामले की सुनवाई 15 अक्टूबर तक स्थगित करते हुए राव नरबीर को जवाब दायर करने को कहा है ।


Body:गुरुग्राम के आरटीआई कार्यकर्ता ने हाईकोर्ट में रिवीजन याचिका दायर करते हुए गुरुग्राम कोर्ट के उस आदेश को रद्द करने की मांग की जिसमें राव के खिलाफ फर्जी शैक्षिक योग्यता दर्शाने संबंधी उनकी शिकायत को खारिज कर दिया था । याचिका के अनुसार हरिंदर ढींगरा ने मंत्री राव नरबीर की शैक्षणिक योग्यता की जानकारी मांगी थी । दिसंबर 2018 में उन्हें राव नरबीर के शपथ पत्रों और शैक्षणिक योग्यता की जानकारी मिली । याचिकाकर्ता का आरोप है कि राव नरबीर ने वर्ष 2005 2009 और 2014 में चुनाव लड़ा और शपथ पत्र दाखिल किया उन्होंने वर्ष 2005 में शपथ पत्र दाखिल किया की दसवीं की पढ़ाई 1976 में माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश से पास की है 2009 के चुनाव में शपथ पत्र दाखिल किया कि उन्होंने दसवीं बिरला विद्या मंदिर नैनीताल से की है वहीं वर्ष 1986 में राव ने हिंदी साहित्य में स्नातक करने की बात कही है । याचिकाकर्ता के अनुसार राव नरबीर ने चुनाव में झूठे पत्र दाखिल किए जिसके आधार पर झूठी जानकारी देने के खिलाफ राव नरबीर पर कार्रवाई करने की मांग की गई है ।


Conclusion:गौरतलब है कि इसी आधार पर पहले गुरुग्राम कोर्ट में भी यह याचिका दायर की थी लेकिन गुरुग्राम कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी थी इसके बाद याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है याचिकाकर्ता ने राव नरबीर के खिलाफ झूठी जानकारी देने पर कार्रवाई करने की मांग हाईकोर्ट में याचिका के माध्यम से की है । दूसरी तरफ पिछली सुनवाई पर हाई कोर्ट की तरफ से रामनवमी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया था जिस पर राव नरबीर को हाईकोर्ट में जवाब देना था . मगर उनके वकील ने कोर्ट में पेश होकर जवाब देने के लिए समय मांगा है ।
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