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EX mla joins congress in Chandigarh: सैलजा ने निकाला, भूपेंद्र हुड्डा ने बुलाया: 8 पूर्व विधायक कांग्रेस में शामिल

कांग्रेस अध्यक्ष रहते हुए कुमारी सैलजा ने जिन नेताओं को पार्टी से निकाला था. अब नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा ने उन्हीं नेताओं को कांग्रेस पार्टी में शामिल करवाया है. जानें कौन हैं वो नेता और उनका पार्टी में आने से कितना फर्क पड़ेगा?

ex mla joins congress in chandigarh
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Published : May 23, 2022, 9:19 PM IST

Updated : May 23, 2022, 9:36 PM IST

चंडीगढ़: सोमवार को 8 पूर्व विधायकों ने हरियाणा कांग्रेस पार्टी का दामन (ex mla joins congress in chandigarh) थामा. नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा और हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष उदय भान ने सभी को पार्टी में शामिल किया. इनमें शारदा राठौर, रामनिवास घोड़ेला, नरेश सेलवाल, परमिंदर सिंह ढुल, जिले राम शर्मा, राकेश कंबोज, राजकुमार वाल्मीकि और सुभाष चौधरी शामिल हैं. इनके साथ एलएसपी प्रदेश अध्यक्ष किशनलाल पांचाल ने भी कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की है.

खबर है कि इन नेताओं की ज्वाइनिंग के लिए राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा कई दिनों से प्रयासरत थे. इस मौके पर भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उदयभान ने सभी नेताओं और उनके कार्यकर्ताओं का कांग्रेस में स्वागत किया. नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि एकसाथ इतनी बड़ी तादाद में दिग्गज नेताओं की पार्टी में ज्वाइनिंग जनता की भावनाओं को प्रतिबिंबित कर रही है. इससे स्पष्ट है कि अब जन भावनाएं कांग्रेस के साथ हैं. कांग्रेस को जनता का तगड़ा रिस्पॉन्स मिल रहा है.

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भूपेंद्र हुड्डा ने सभी को कांग्रेस में शामिल करवाया.

उन्होंने कहा कि भविष्य के लिए यही एकमात्र विकल्प है. आने वाला समय कांग्रेस का है. इस मौके पर हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष उदयभान ने कहा कि कांग्रेस में शामिल होने वाले सभी नेता अलग-अलग वर्गों और जातियों का प्रतिनिधित्व करते हैं. इनमें दो कंबोज, एक ब्राह्मण, एक जाट, दो अनुसूचित जाति वर्ग, एक राजपूत, एक पांचाल और एक प्रजापति समाज से संबंध रखते हैं. ये ज्वाइनिंग स्पष्ट संकेत दे रही है कि सभी वर्ग कांग्रेस के साथ है. इनके आने से पार्टी को और मजबूती मिलेगी.

उदय भान ने कहा कि अब सब मिलकर संगठन को आगे बढ़ाने के लिए मेहनत करेंगे. इस मौके पर राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा और कई बड़े नेता मौजूद रहे. बता दें कि जिन आठ पूर्व विधायकों ने कांग्रेस को ज्वाइन किया है उनमें से तीन को कुमारी सैलजा ने हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष रहते हुए पार्टी ने निकाला था. उन तीन पूर्व विधायकों में नरेश सेलवाल, शारदा राठौर और रामनिवास घोड़ेला का नाम शामिल है.

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8 पूर्व विधयकों ने कांग्रेस पार्टी ज्वाइन की है.

शारदा राठौर: शारदा राठौर फरीदाबाद जिले की बल्लभगढ़ विधानसभा सीट से 2005 से 2009 तक विधायक रहीं. 2005 के चुनाव में वो 34,076 मतों के अंतर से चुनाव जीतीं. इसके बाद 2009 में इनकी जीत का अंतर 23,844 वोटों का था. पिछले विधान सभा चुनाव से पहले अगस्त 2019 में शारदा कांग्रेस पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गई थी. माना जा रहा है कि उनके कांग्रेस में वापस आने से पूरे फरीदाबाद क्षेत्र में पार्टी को मजबूती मिलेगी.

राम निवास घोड़ेला: साल 2009 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में रामनिवास घोड़ेला सिरसा के बरवाला विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए थे. कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने की टीस के बाद उन्होंने साल 2019 में निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में चुनाव लड़ा था.

नरेश सेलवाल: नरेश सेलवाल हिसार जिले की उकलाना (सुरक्षित) सीट से 2009 में विधायक चुने गए. क्षेत्र की वर्तमान राजनीतिक परिस्थितियों को देखते हुए माना जा रहा है कि नरेश सेलवाल के वापस पार्टी में आने से कांग्रेस को अनुसूचित जाति वर्ग में और मजबूती मिलेगी और समाज में पार्टी का विस्तार होगा.

परमिंदर सिंह ढुल: परमिंदर सिंह ढुल 2009 और 2014 में जींद जिले की जुलाना सीट से इनेलो की टिकट पर विधायक चुने गए और दोनों चुनाव में जीत का अंतर 10,000 मतों से अधिक था. साल 2019 में उन्होंने बीजेपी की टिकट पर चुनाव लड़ा और 37,749 वोट प्राप्त कर दूसरे स्थान पर रहे.

जिले राम शर्मा: जिले राम शर्मा साल 2009 में करनाल जिले की असंध सीट से कांग्रेस की टिकट पर विधायक रहे. जिले राम शर्मा की क्षेत्र और ब्राह्मण समाज में मजबूत पकड़ है.

राकेश कंबोज: राकेश कंबोज 2005 में करनाल जिले की इंद्री सीट से विधायक रहे. हजकां के प्रत्याशी के रुप में 2009 में 26,153 वोट और 2014 में 18,892 वोट लेकर वो इसी सीट से तीसरे स्थान पर रहे. 2019 में निर्दलीय चुनाव लड़ते हुए 46,659 वोट लिए और दूसरे स्थान पर रहे.

राजकुमार वाल्मीकि: राजकुमार वाल्मीकि 1985 से 1991 तक यूथ कांग्रेस में सेक्रेटरी पद पर रहे. इसके बाद जुंडला विधानसभा क्षेत्र से 1991 से 1996 तक विधायक रहे तथा मुख्य संसदीय सचिव के पद पर आसीन रहे. 1998 में लोकसभा अंबाला से चुनाव लड़े, जिसमें उन्हें करीब 1,75000 वोट प्राप्त किए. 2014 में लोकसभा क्षेत्र अंबाला से चुनाव लड़े, जिसमें उन्हें करीब 3 लाख वोट प्राप्त हुए. 2006 से 2014 तक scheduled caste finance and development corporation के चेयरमैन पद पर रहे. आज आम आदमी पार्टी को छोड़ कर कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए. राजकुमार वाल्मीकि आम आदमी पार्टी के अंबाला से प्रभारी थे.

सुभाष चौधरी: सुभाष चौधरी विधानसभा क्षेत्र जगाधरी से 1996 से 2000 विधायक और मंत्री रहे. वो 2005 से 2009 तक विधायक रहे.

किशन लाल पांचाल: किशन लाल पांचाल (प्रदेश अध्यक्ष लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी) ने रोहतक से 2019 में लोकसभा व बहादुरगढ़ से विधानसभा चुनाव लड़ा. अब किशन लाल पांचाल लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी छोड़ कर कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए हैं.

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चंडीगढ़: सोमवार को 8 पूर्व विधायकों ने हरियाणा कांग्रेस पार्टी का दामन (ex mla joins congress in chandigarh) थामा. नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा और हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष उदय भान ने सभी को पार्टी में शामिल किया. इनमें शारदा राठौर, रामनिवास घोड़ेला, नरेश सेलवाल, परमिंदर सिंह ढुल, जिले राम शर्मा, राकेश कंबोज, राजकुमार वाल्मीकि और सुभाष चौधरी शामिल हैं. इनके साथ एलएसपी प्रदेश अध्यक्ष किशनलाल पांचाल ने भी कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की है.

खबर है कि इन नेताओं की ज्वाइनिंग के लिए राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा कई दिनों से प्रयासरत थे. इस मौके पर भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उदयभान ने सभी नेताओं और उनके कार्यकर्ताओं का कांग्रेस में स्वागत किया. नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि एकसाथ इतनी बड़ी तादाद में दिग्गज नेताओं की पार्टी में ज्वाइनिंग जनता की भावनाओं को प्रतिबिंबित कर रही है. इससे स्पष्ट है कि अब जन भावनाएं कांग्रेस के साथ हैं. कांग्रेस को जनता का तगड़ा रिस्पॉन्स मिल रहा है.

ex mla joins congress in chandigarh
भूपेंद्र हुड्डा ने सभी को कांग्रेस में शामिल करवाया.

उन्होंने कहा कि भविष्य के लिए यही एकमात्र विकल्प है. आने वाला समय कांग्रेस का है. इस मौके पर हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष उदयभान ने कहा कि कांग्रेस में शामिल होने वाले सभी नेता अलग-अलग वर्गों और जातियों का प्रतिनिधित्व करते हैं. इनमें दो कंबोज, एक ब्राह्मण, एक जाट, दो अनुसूचित जाति वर्ग, एक राजपूत, एक पांचाल और एक प्रजापति समाज से संबंध रखते हैं. ये ज्वाइनिंग स्पष्ट संकेत दे रही है कि सभी वर्ग कांग्रेस के साथ है. इनके आने से पार्टी को और मजबूती मिलेगी.

उदय भान ने कहा कि अब सब मिलकर संगठन को आगे बढ़ाने के लिए मेहनत करेंगे. इस मौके पर राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा और कई बड़े नेता मौजूद रहे. बता दें कि जिन आठ पूर्व विधायकों ने कांग्रेस को ज्वाइन किया है उनमें से तीन को कुमारी सैलजा ने हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष रहते हुए पार्टी ने निकाला था. उन तीन पूर्व विधायकों में नरेश सेलवाल, शारदा राठौर और रामनिवास घोड़ेला का नाम शामिल है.

ex mla joins congress in chandigarh
8 पूर्व विधयकों ने कांग्रेस पार्टी ज्वाइन की है.

शारदा राठौर: शारदा राठौर फरीदाबाद जिले की बल्लभगढ़ विधानसभा सीट से 2005 से 2009 तक विधायक रहीं. 2005 के चुनाव में वो 34,076 मतों के अंतर से चुनाव जीतीं. इसके बाद 2009 में इनकी जीत का अंतर 23,844 वोटों का था. पिछले विधान सभा चुनाव से पहले अगस्त 2019 में शारदा कांग्रेस पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गई थी. माना जा रहा है कि उनके कांग्रेस में वापस आने से पूरे फरीदाबाद क्षेत्र में पार्टी को मजबूती मिलेगी.

राम निवास घोड़ेला: साल 2009 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में रामनिवास घोड़ेला सिरसा के बरवाला विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए थे. कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने की टीस के बाद उन्होंने साल 2019 में निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में चुनाव लड़ा था.

नरेश सेलवाल: नरेश सेलवाल हिसार जिले की उकलाना (सुरक्षित) सीट से 2009 में विधायक चुने गए. क्षेत्र की वर्तमान राजनीतिक परिस्थितियों को देखते हुए माना जा रहा है कि नरेश सेलवाल के वापस पार्टी में आने से कांग्रेस को अनुसूचित जाति वर्ग में और मजबूती मिलेगी और समाज में पार्टी का विस्तार होगा.

परमिंदर सिंह ढुल: परमिंदर सिंह ढुल 2009 और 2014 में जींद जिले की जुलाना सीट से इनेलो की टिकट पर विधायक चुने गए और दोनों चुनाव में जीत का अंतर 10,000 मतों से अधिक था. साल 2019 में उन्होंने बीजेपी की टिकट पर चुनाव लड़ा और 37,749 वोट प्राप्त कर दूसरे स्थान पर रहे.

जिले राम शर्मा: जिले राम शर्मा साल 2009 में करनाल जिले की असंध सीट से कांग्रेस की टिकट पर विधायक रहे. जिले राम शर्मा की क्षेत्र और ब्राह्मण समाज में मजबूत पकड़ है.

राकेश कंबोज: राकेश कंबोज 2005 में करनाल जिले की इंद्री सीट से विधायक रहे. हजकां के प्रत्याशी के रुप में 2009 में 26,153 वोट और 2014 में 18,892 वोट लेकर वो इसी सीट से तीसरे स्थान पर रहे. 2019 में निर्दलीय चुनाव लड़ते हुए 46,659 वोट लिए और दूसरे स्थान पर रहे.

राजकुमार वाल्मीकि: राजकुमार वाल्मीकि 1985 से 1991 तक यूथ कांग्रेस में सेक्रेटरी पद पर रहे. इसके बाद जुंडला विधानसभा क्षेत्र से 1991 से 1996 तक विधायक रहे तथा मुख्य संसदीय सचिव के पद पर आसीन रहे. 1998 में लोकसभा अंबाला से चुनाव लड़े, जिसमें उन्हें करीब 1,75000 वोट प्राप्त किए. 2014 में लोकसभा क्षेत्र अंबाला से चुनाव लड़े, जिसमें उन्हें करीब 3 लाख वोट प्राप्त हुए. 2006 से 2014 तक scheduled caste finance and development corporation के चेयरमैन पद पर रहे. आज आम आदमी पार्टी को छोड़ कर कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए. राजकुमार वाल्मीकि आम आदमी पार्टी के अंबाला से प्रभारी थे.

सुभाष चौधरी: सुभाष चौधरी विधानसभा क्षेत्र जगाधरी से 1996 से 2000 विधायक और मंत्री रहे. वो 2005 से 2009 तक विधायक रहे.

किशन लाल पांचाल: किशन लाल पांचाल (प्रदेश अध्यक्ष लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी) ने रोहतक से 2019 में लोकसभा व बहादुरगढ़ से विधानसभा चुनाव लड़ा. अब किशन लाल पांचाल लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी छोड़ कर कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए हैं.

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Last Updated : May 23, 2022, 9:36 PM IST
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