चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने लंबे वक्त से अनुबंध पर काम कर रहे करीब 4400 कंप्यूटर शिक्षकों और लैब सहायकों को जून के महीने की तनख्वाह ना देने का फैसला किया है. जिसके तहत सेकेंडरी शिक्षा निदेशालय ने एक पत्र भी जारी कर दिया है.
बता दें कि सेकेंडरी शिक्षा निदेशालय की ओर से 17 जुलाई 2019 से 30 जून 2020 तक के लिए 4400 कंप्यूटर शिक्षकों और लैब सहायकों को अनुबंध के आधार पर रखा गया था. कोविड-19 के चलते स्कूलों में किसी तरह की रेगुलर क्लासेस ना होने के चलने इन शिक्षकों और सहायकों को जून के महीने का मानदेय ना देने का फैसला लिया गया है.
निदेशालय की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि इन कर्मचारियों को जून का मानदेय नहीं दिया जाएगा. ये कर्मचारी इस महीने की हाजिरी न लगाएं, न ही उनसे किसी प्रकार का काम लें. जबकि, शिक्षक और सहायक स्कूलों, विभिन्न कार्यालयों और बतौर बीएलओ 19 दिन तक ये सभी ड्यूटी निभा चुके हैं. इनका अनुबंध इसी 30 जून को खत्म होना है.
विभाग की ओर से जारी आदेश को लैब सहायक संघ की ओर से तुगलकी फरमान बताया गया है और कहा गया है कि लैब सहायक कोरोना योद्धा के तौर पर भी तैनात हैं. अगर माननीय देना नहीं देना था तो मई के अंतिम हफ्ते में आदेश जारी करने चाहिए थे. 19 जून को पत्र जारी करना बिल्कुल गलत है.
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वहीं 4400 कंप्यूटर शिक्षकों और लैब सहायकों को जून महीने का वेतन नहीं देने के आदेश का कांग्रेस राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने भी विरोध किया है. उन्होंने ट्वीट किया है कि हर रोज प्रदेश की बीजेपी-जेजेपी सरकार लोगों के पेट पर लात मारने का काम कर रही है. उन्होंने कहा कि हर रोज नौकरी छीनने और रोज नई नई प्रताड़ना करना खट्टर सरकार का अब रास्ता बन गया है .