चंडीगढ़: शुक्रवार को सफाई कर्मचारियों और गार्बेज कलेक्टर्स ने नगर निगम और कमिश्नर के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया. इन लोगों ने अपनी कई मांगों को लेकर प्रदर्शन किया. इनका का आरोप है सफाई कर्मचारियों और गार्बेज कलेक्टर्स का शोषण हो रहा है और उन्हें उनके हक नहीं दिया जा रहे.
चंडीगढ़ से कर्मचारी यूनियन के महासचिव ओमपाल चौहान ने बताया कि नगर निगम सफाई कर्मचारियों और गार्बेज कलेक्टर्स का जमकर शोषण कर रहा है. उन्होंने कहा कि नगर निगम की ओर से उन्हें स्मार्ट वॉच दी गई है, ताकि नगर निगम के अधिकारी सभी कर्मचारियों पर नजर रख सकें, लेकिन इस स्मार्ट वॉच की वजह से लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है.
'हमें गुलामों की तरह घड़ियां पहना दी गई हैं'
उन्होंने कहा कि इस स्मार्ट वॉच को ना तो गर्भवती महिलाएं पहन सकती हैं और ना ही दिल के मरीज पहन सकते हैं. हमने कई बार नगर निगम कमिश्नर के.के यादव से ये अपील की है कि वो इन घड़ियों को वापस ले लें, मगर उनकी सुनवाई नहीं की जा रही. उन्होंने कहा कि हमें गुलामों की तरह ये घड़ियां पहना दी गई हैं, ताकि नगर निगम के अधिकारी पूरा दिन हमारी हर गतिविधि को देख सकें.
इसके अलावा उन्होंने कहा किस सफाई कर्मचारियों के परिवार में अगर ड्यूटी के दौरान किसी की मौत हो जाती है, तो उसके बदले में परिवार को ना तो नौकरी दी जा रही है और ना ही किसी तरह का मुआवजा दिया जा रहा है. हमारी मांग है कि ऐसे पीड़ित परिवार को नौकरी और उचित मुआवजा दिया जाए.
अनिश्चितकालीन हड़ताल पर 4200 सफाई कर्मचारी
ओमपाल ने कहा कि कोरोना काल में हमने भी दूसरे कर्मचारियों की तरह लोगों की सेवा की है. हमने भी अपनी जान जोखिम में डालकर सारी जिम्मेदारी को निभाया है, लेकिन इसके बदले में दूसरे कर्मचारियों को वेतन के साथ-साथ बोनस भी दिया गया, लेकिन हमें पूरा वेतन भी नहीं दिया जा रहा. कम से कम हमें समान काम के साथ समान वेतन तो मिलना ही चाहिए. गौरतलत बै कि चंडीगढ़ के करीब 4200 सफाई कर्मचारी और गार्बेज कलेक्टर्स अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं.
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