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स्पाइन सर्जरी पर 3 दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का दूसरा दिन, देश-विदेश के डॉक्टर्स शामिल - चंडीगढ़ में स्पाइन सर्जरी ट्रेनिंग

चंडीगढ़ में स्पाइन सर्जरी को लेकर तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया जा रहा है. देश-विदेश के लगभग 150 डॉक्टर न्यूनतम इनवेसिव स्पाइन सर्जरी पर तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लेंगे.

स्पाइन सर्जरी पर 3 दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का दूसरा दिन
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Published : Nov 2, 2019, 10:10 AM IST

चंडीगढ़ः मिनिमली इनवेसिव स्पाइन सर्जन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (MISSAB) और वर्ल्ड एंडोस्कोपिक स्पाइन सोसाइटी (WESS) के 6 ठवें वार्षिक सम्मेलन को लेकर चंडीगढ़ में तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया जा रहा है. जिसमें देश के अलावा विदेशों से भी कई जाने-माने स्पाइन सर्जन हिस्सा लेंगे. इस कॉन्फ्रेंस में भारतीय डॉक्टरों को स्पाइन सर्जरी में आ रही नई तकनीकें सिखाई जाएंगी.

आज कॉन्फ्रेंस का दूसरा दिन
सम्मेलन का उद्घाटन 1 नवंबर को चंडीगढ़ में किया गया. जबकि आज इसका दूसरा दिन है. 3 नवंबर को एनाटॉमी विभाग, गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (जीएमसीएच), सेक्टर 32 में आयोजित हैंड्स-ऑन कैडवरिक कार्यशाला के दौरान व्यावहारिक कौशल विकास पर जोर दिया जाएगा.

स्पाइन सर्जरी पर 3 दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का दूसरा दिन

देश-विदेश को डॉक्टर शामिल
कॉन्फ्रेंस के बारे में जानकारी देते हुए डॉ महेंद्र कौशल ने बताया कि कॉन्फ्रेंस का आयोजन 1 से 3 नवंबर के बीच किया जा रहा है. जिसमें चंडीगढ़ पीजीआई, चंडीगढ़ सेक्टर 32 अस्पताल, ऐम्स दिल्ली , मुंबई समेत देश के कई हिस्सों से स्पाइन सर्जन पहुंचेंगे. इसके अलावा अमेरिका, इंग्लैंड, साउथ कोरिया मलेशिया, सिंगापुर आदि देशों से स्पाइन सर्जन इस कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लेंगे.

नई तकनीकों से मिली मदद
उन्होंने कहा कि स्पाइन सर्जरी बहुत ही जटिल सर्जरी होती है. जिसमें डॉक्टर को बहुत ध्यान से काम करना पड़ता है. ये सर्जरी दूसरी अन्य सर्जरी के मुकाबले कहीं ज्यादा मुश्किल होती है. लेकिन अब कई नई तकनीक आ जाने की वजह से इस सर्जरी में रिस्क फैक्टर कम हुआ है. जिससे मरीज को भी फायदा होगा और डॉक्टरों के लिए भी कम तनाव पूर्ण होगी.

लाइव सर्जरी से होगी ट्रेनिंग
स्पाइन सर्जन डॉ महेंद्र कौशल ने कहा कि इस कॉन्फ्रेंस का मकसद यही है कि भारतीय डॉक्टर्स को इन नई तकनीकों के बारे में सिखाया जाए. ताकि वो भारत में ऑपरेशन करते वक्त इन तकनीकों का इस्तेमाल कर सकें. उन्होंने उदाहरण के लिए बताया कि स्पाइन सर्जरी में अब 'की हॉल' तकनीक आ चुकी है. जिसमें छोटे-छोटे सुराखों के जरिए ही स्पाइन सर्जरी को अंजाम दिया जा सकता है. ये तकनीक दूसरी पुरानी तकनीकों से आसान है और इसके परिणाम भी बेहतर है. डॉक्टर कौशल ने कहा कि इस कॉन्फ्रेंस में डॉक्टर अस्पताल में नई तरीकों के जरिए सर्जरी करेंगे और उस सर्जरी का सीधा प्रसारण कॉन्फ्रेंस हॉल में किया जाएगा ताकि सभी डॉक्टर लाइव सर्जरी देख सके और उसे समझ सके.

साउथ कोरिया के डॉक्टर दे रहे हैं ट्रेनिंग
कॉन्फ्रेंस में साउथ कोरिया के स्पाइन सर्जन डॉ सांग क्यू सोन भी मौजूद हैं. डॉक्टर सांग यू बी टेक्निक में माहिर हैं और वे इस कॉन्फ्रेंस में भारतीय डॉक्टर्स को इस तकनीक से अवगत कराएंगे. स्पाइन सर्जन डॉक्टर सांग ने कहा कि यू बी तकनीक एक बहुत ही उन्नत तकनीक है. इसलिए वे भारतीय डॉक्टर्स को ये तकनीक सिखाने के लिए भारत आए हैं. वे चाहते हैं कि पूरी दुनिया में इस तकनीक का इस्तेमाल किया जाए, ताकि मरीजों को ज्यादा से ज्यादा फायदा पहुंचाया जा सके.

चंडीगढ़ः मिनिमली इनवेसिव स्पाइन सर्जन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (MISSAB) और वर्ल्ड एंडोस्कोपिक स्पाइन सोसाइटी (WESS) के 6 ठवें वार्षिक सम्मेलन को लेकर चंडीगढ़ में तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया जा रहा है. जिसमें देश के अलावा विदेशों से भी कई जाने-माने स्पाइन सर्जन हिस्सा लेंगे. इस कॉन्फ्रेंस में भारतीय डॉक्टरों को स्पाइन सर्जरी में आ रही नई तकनीकें सिखाई जाएंगी.

आज कॉन्फ्रेंस का दूसरा दिन
सम्मेलन का उद्घाटन 1 नवंबर को चंडीगढ़ में किया गया. जबकि आज इसका दूसरा दिन है. 3 नवंबर को एनाटॉमी विभाग, गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (जीएमसीएच), सेक्टर 32 में आयोजित हैंड्स-ऑन कैडवरिक कार्यशाला के दौरान व्यावहारिक कौशल विकास पर जोर दिया जाएगा.

स्पाइन सर्जरी पर 3 दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का दूसरा दिन

देश-विदेश को डॉक्टर शामिल
कॉन्फ्रेंस के बारे में जानकारी देते हुए डॉ महेंद्र कौशल ने बताया कि कॉन्फ्रेंस का आयोजन 1 से 3 नवंबर के बीच किया जा रहा है. जिसमें चंडीगढ़ पीजीआई, चंडीगढ़ सेक्टर 32 अस्पताल, ऐम्स दिल्ली , मुंबई समेत देश के कई हिस्सों से स्पाइन सर्जन पहुंचेंगे. इसके अलावा अमेरिका, इंग्लैंड, साउथ कोरिया मलेशिया, सिंगापुर आदि देशों से स्पाइन सर्जन इस कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लेंगे.

नई तकनीकों से मिली मदद
उन्होंने कहा कि स्पाइन सर्जरी बहुत ही जटिल सर्जरी होती है. जिसमें डॉक्टर को बहुत ध्यान से काम करना पड़ता है. ये सर्जरी दूसरी अन्य सर्जरी के मुकाबले कहीं ज्यादा मुश्किल होती है. लेकिन अब कई नई तकनीक आ जाने की वजह से इस सर्जरी में रिस्क फैक्टर कम हुआ है. जिससे मरीज को भी फायदा होगा और डॉक्टरों के लिए भी कम तनाव पूर्ण होगी.

लाइव सर्जरी से होगी ट्रेनिंग
स्पाइन सर्जन डॉ महेंद्र कौशल ने कहा कि इस कॉन्फ्रेंस का मकसद यही है कि भारतीय डॉक्टर्स को इन नई तकनीकों के बारे में सिखाया जाए. ताकि वो भारत में ऑपरेशन करते वक्त इन तकनीकों का इस्तेमाल कर सकें. उन्होंने उदाहरण के लिए बताया कि स्पाइन सर्जरी में अब 'की हॉल' तकनीक आ चुकी है. जिसमें छोटे-छोटे सुराखों के जरिए ही स्पाइन सर्जरी को अंजाम दिया जा सकता है. ये तकनीक दूसरी पुरानी तकनीकों से आसान है और इसके परिणाम भी बेहतर है. डॉक्टर कौशल ने कहा कि इस कॉन्फ्रेंस में डॉक्टर अस्पताल में नई तरीकों के जरिए सर्जरी करेंगे और उस सर्जरी का सीधा प्रसारण कॉन्फ्रेंस हॉल में किया जाएगा ताकि सभी डॉक्टर लाइव सर्जरी देख सके और उसे समझ सके.

साउथ कोरिया के डॉक्टर दे रहे हैं ट्रेनिंग
कॉन्फ्रेंस में साउथ कोरिया के स्पाइन सर्जन डॉ सांग क्यू सोन भी मौजूद हैं. डॉक्टर सांग यू बी टेक्निक में माहिर हैं और वे इस कॉन्फ्रेंस में भारतीय डॉक्टर्स को इस तकनीक से अवगत कराएंगे. स्पाइन सर्जन डॉक्टर सांग ने कहा कि यू बी तकनीक एक बहुत ही उन्नत तकनीक है. इसलिए वे भारतीय डॉक्टर्स को ये तकनीक सिखाने के लिए भारत आए हैं. वे चाहते हैं कि पूरी दुनिया में इस तकनीक का इस्तेमाल किया जाए, ताकि मरीजों को ज्यादा से ज्यादा फायदा पहुंचाया जा सके.

Intro:चंडीगढ़ में स्पाइन सर्जरी को लेकर एक अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस का आयोजन किया जाएगा । जिसमें देश के अलावा विदेशों से भी कई जाने-माने स्पाइन सर्जन हिस्सा लेंगे ।इस कॉन्फ्रेंस में भारतीय डॉक्टरों को स्पाइन सर्जरी में आ रही नई तकनीकें सिखाई जाएंगी।


Body:इस कांफ्रेंस के बारे में जानकारी देते हुए डॉ महेंद्र कौशल ने बताया कि कांफ्रेंस का आयोजन 1 से 3 नवंबर के बीच किया जाएगा। जिसमें चंडीगढ़ पीजीआई, चंडीगढ़ सेक्टर 32 अस्पताल, ऐम्स दिल्ली , मुंबई समेत देश के कई हिस्सों से स्पाइन सर्जन पहुंचेंगे। इसके अलावा अमेरिका, इंग्लैंड, साउथ कोरिया मलेशिया, सिंगापुर आदि कई देशों से स्पाइन सर्जन इस कांफ्रेंस में हिस्सा लेंगे।
उन्होंने कहा कि स्पाइन सर्जरी बहुत ही जटिल सर्जरी होती है। जिसमें डॉक्टर को बहुत ध्यान से काम करना पड़ता है। यह सर्जरी दूसरी अन्य सर्जरी के मुकाबले कहीं ज्यादा मुश्किल होती है । लेकिन अब कई नई तकनीकी आ जाने की वजह से इस सर्जरी में रिस्क फैक्टर कम हुआ है । जिससे मरीज को भी फायदा होगा और डॉक्टरों के लिए भी कम तनाव पूर्ण होगी।
इस कांफ्रेंस का मकसद यही है कि भारतीय डॉक्टरों को इन नई तकनीकों के बारे में सिखाया जाए । ताकि वह भारत में ऑपरेशन करते वक्त इन तकनीकों का इस्तेमाल कर सकें।
उन्होंने उदाहरण के लिए बताया कि स्पाइन सर्जरी में अब की हॉल तकनीक आ चुकी है । जिसमें छोटे-छोटे सुराखों के जरिए ही स्पाइन सर्जरी को अंजाम दिया जा सकता है। यह तकनीक दूसरी पुरानी तकनीकों से आसान है और इसके परिणाम भी बेहतर है।
इसके अलावा उन्होंने कहा कि इस कॉन्फ्रेंस में साउथ कोरिया के स्पाइन सर्जन डॉ सांग क्यू सोन भी पहुंचे हैं। डॉक्टर सांग यू बी टेक्निक में माहिर है। और वे इस कॉन्फ्रेंस में भारतीय डॉक्टरों को इस तकनीक से अवगत कराएंगे।
डॉक्टर कौशल ने कहा किस कॉन्फ्रेंस में डॉक्टर अस्पताल में नई तरीकों के जरिए सर्जरी करेंगे और उस सर्जरी का सीधा प्रसारण कॉन्फ्रेंस हॉल में किया जाएगा ताकि सभी डॉक्टर लाइव सर्जरी देख सके और उसे समझ सके।

डॉक्टर सांग ने कहा कि यू बी तकनीक एक बहुत ही उन्नत तकनीक है और इसलिए वे भारतीय डॉक्टरों को यह तकनीक सिखाने के लिए भारत आए हैं। वे चाहते हैं कि पूरी दुनिया में इस तकनीक का इस्तेमाल किया जाए। ताकि मरीजों को ज्यादा से ज्यादा फायदा पहुंचाया जा सके।


बाइट- डॉ महेंद्र कौशल स्पाइन सर्जन

बाइट - डॉ सांग क्यू सोन, स्पाइन सर्जन, दक्षिण कोरिया


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