चंडीगढ़: सुप्रीम कोर्ट के आदेशों पर हाई कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा सरकार को जवाब तलब कर जानकारी देने के लिए कहा था कि उनके राज्य में कितने सांसदों, विधायकों, पूर्व सांसदों और विधायकों के खिलाफ मामले दर्ज हैं. जिसका जवाब देते हुए हरियाणा सरकार ने हाईकोर्ट को बताया कि उनके राज्य में सांसदों और विधायकों के खिलाफ ऐसे 21 आपराधिक मामले दर्ज हैं.
वहीं पंजाब सरकार ने बताया कि पंजाब के 96 पूर्व और मौजूदा सांसद और विधायकों के खिलाफ 183 मामले दर्ज हैं. इनमें से चार मौजूदा, 5 पूर्व सांसद, 35 मौजूदा विधायक और पूर्व 52 विधायक शामिल हैं. जिनमें राज्य के सभी राजनीतिक पार्टियों के नेता शामिल हैं.
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हरियाणा सरकार ने हाईकोर्ट को बताया कि हरियाणा के 21 पूर्व और मौजूदा सांसदों और विधायकों के खिलाफ केस दर्ज हैं. जिनमें से 8 हरियाणा के पूर्व विधायकों और 2 केस हिमाचल प्रदेश के पूर्व विधायकों के खिलाफ दर्ज हैं. इनके अलावा तीन केस सीबीआई को सौंपे गए हैं. इन 21 में से 15 केस ट्रायल कोर्ट में पेंडिंग हैं और 6 केस अपील और रिवीजन में हैं.
जस्टिस राजेंद्र गुप्ता एवं जस्टिस करमजीत सिंह की खंडपीठ ने इस जानकारी को रिकॉर्ड में लेते हुए अब केंद्र सरकार को सांसदों और विधायकों के खिलाफ सीबीआई और ईडी द्वारा चलाए जा रहे केसों का भी ब्योरा 24 मई को मामले की अगली सुनवाई पर दिए जाने के आदेश दिए हैं.
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बता दें कि अश्वनी उपाध्याय बनाम केंद्र सरकार के केस में सुप्रीम कोर्ट ने ही सभी राज्यों के हाईकोर्ट को अपने राज्यों के जिन सांसदों और विधायकों के खिलाफ आपराधिक केस चल रहे हैं उन सभी की जानकारी मांगी थी. इन्हीं आदेशों पर सभी राज्यों की हाईकोर्ट ने अपने-अपने क्षेत्र अधिकार के राज्यों से ये जानकारी मांगी थी जो जानकारी सभी राज्यों की ओर से सुप्रीम कोर्ट को सौंपी गई थी. उसके अनुसार देश भर के 1765 सांसदों और विधायकों के खिलाफ 3045 आपराधिक मामले लंबित हैं.