चंडीगढ़ : 2000 रुपए का सुंदर गुलाबी नोट जब मार्केट में आया तो उसे पाने और छूने की होड़ लगी थी. हर कोई एक बार इस नोट को अपने बटुए में देखना चाह रहा था. लेकिन धीरे-धीरे ये नोट बटुए से निकल कुछ धन्ना सेठों की अलमारी में काले धन के तौर पर जमा हो गया. और फिर आखिरकार एक दिन आया, जब सरकार ने इसे वापस लेने का ऐलान कर दिया.
तिजोरियों से निकला 2000 का नोट : सरकार का फैसला आया तो धीरे-धीरे ये नोट अलमारियों और तिजोरियों से बाहर आने लगा. ज्यादातर आम लोगों ने भी सरकार की दी गई टाइमलाइन में बैंक जाकर नोटों को एक्सचेंज कर लिया, पर इसके बावजूद कई लोग ऐसा नहीं कर पाए. अब इसके पीछे उनकी कई तरह की वजह रही. कुछ लोग भूल गए तो कहीं नोट किसी को सरप्राइज़ की तरह अलमारी और घर की बाकी जगह पर मिले. बस फिर क्या था सोचे जल्दी जाएं और बैंक जाकर नोट बदल लें, लेकिन हाय री किस्मत, पता चला कि अब बैंक में नहीं, सिर्फ आरबीआई के दफ्तरों में ही इन गुलाबी-गुलाबी नोटों को बदला जा सकेगा. बस समझिए यहीं से ऐसे लोगों का बुरा समय हो गया शुरू.
लाइन जारी, आफत भारी : लोग दौड़ते-भागते पहुंचते हैं चंडीगढ़ आरबीआई के दफ्तर लेकिन वहां जाने पर पता चलता है कि आप लाइन में हैं. जी हां जनाब, वो भी ऐसी वैसी नहीं, वो लाइन जो ख़त्म होने का नाम ना लें. कुछ लोग बड़ी उम्मीदों के साथ लाइन में लगते हैं कि चलो कुछ घंटों में तो नंबर आ ही जाएगा. लेकिन यही घंटे कब दिनों में तब्दील हो गए, उन्हें पता ही नहीं चला. लाइन ऐसी कि ख़त्म ही ना हो. बड़ी आस में सुबह-सुबह लाइन में लगे, लेकिन पता चल रहा है कि ऑफिस बंद होने का टाइम आया तो नंबर आने की बारी आई. अब ऐसे में मरता, क्या नहीं करता. अगले दिन फिर आइए लाइन में.
चंडीगढ़ आरबीआई दफ्तर का हाल : 2000 के नोट बदलवाने का सिलसिला यहां भी ख़त्म नहीं हो रहा. आपको जानकर हैरानी होगी कि चंडीगढ़ आरबीआई रीजनल ब्रांच के बाहर सुबह 3 बजे से 2000 के नोट बदलवाने के लिए लाइन लगनी शुरू हो रही है. घंटों के इंतज़ार के बाद लोगों की बारी आती है और नोट बदलते ही ऐसा लगता है मानो कारू का ख़ज़ाना हाथ लग गया हो.
दर्द-ए-दिल : 2000 के नोट बदलवाने के लिए पहुंच रहे लोगों का कहना है कि सरकार को ऐसे नोट छापने की जरूरत ही क्या थी, जिसे पब्लिक को बदलवाना पड़े. उन्होंने कहा कि सरकार को छोटे नोट छापने चाहिए थे, जिससे लोगों को असुविधा ना हो. कई लोगों का कहना है कि वे सुबह 5 बजे से अपनी बारी के इंतज़ार में लाइन में लग जाते हैं, लेकिन उनका नंबर ही नहीं आता. कई लोग ऐसे भी मिले, जिन्होंने कहा कि वे तीसरी दफा नोट बदलवाने के लिए आरबीआई के दफ्तर पहुंचे हैं. वहीं कई लोगों ने कहा कि लोग कतार में लगे हैं, लेकिन टोकन का इंतज़ाम तक नहीं किया गया है. कम से कम टोकन मुहैया कराने की दरकार थी. वहीं कुछ लोगों को डर भी था कि कहीं कोई उनके पैसे लेकर ना भाग जाए. वहीं कई लोगों का कहना था कि कुछ लोग कम पैसे देकर 2000 रुपए के नोट बदलने के लिए आस-पास घूम रहे हैं.
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आसपास के राज्यों से भी आ रहे लोग : आपको बता दें कि पिछले दो हफ्तों से आरबीआई चंडीगढ़ रीजनल ब्रांच के बाहर रोजाना सैकड़ों लोगों की लाइन लग रही है, जिनमें बुजुर्ग महिलाएं और युवा दिन भर खड़े होकर अपने पैसे बदलवाने के लिए इंतजार कर रहे हैं. वहीं आस-पास के राज्यों से भी लोग नोट बदलवाने के लिए चंडीगढ़ के आरबीआई दफ्तर का रुख कर रहे हैं.
आरबीआई दफ्तर के बाहर रोज लग रही लाइन : आपको बता दें कि बैंकों को 7 अक्टूबर तक 2000 रुपए के नोट बदलने का वक्त दिया गया था. इस समयसीमा के बाद अब सिर्फ आरबीआई के दफ्तरों में ही 2000 रुपए के नोटों को बदला जा सकेगा. इसी के चलते अब चंडीगढ़ के आरबीआई के दफ्तर के बाहर रोजाना लोगों की लाइनें नज़र आ रही है. जिनका नंबर नहीं आता, वे अगले दिन दोबारा आकर लाइन में खड़े हो जाते हैं.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट ? : चार्टर्ड अकाउंटेंट और आरबीआई के ऑडिट टीम के सदस्य रहे प्रेम गर्ग ने बताया कि इस वक्त कुछ ही 2000 के नोट बदलने के लिए रह गए हैं. वहीं बैंकों द्वारा हर नोट का ब्यौरा रखना मुश्किल है. इन नोटों को आरबीआई तक पहुंचाने का खर्च भी एक बैंक के लिए काफी ज्यादा है. ऐसे में आरबीआई ने फैसला लिया था कि वो बाकी बचे 2000 के नोटों को जमा करेगा. वहीं अब तक आरबीआई ने 2000 के नोटों को वापस लेने की आखिरी तारीख नहीं बताई है. ऐसे में लोगों को ज्यादा पैनिक होने की जरूरत नहीं है.