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ये हैं हरियाणा के इतिहास के इकलौते कम्युनिस्ट पार्टी के सांसद - hindi latest news

झज्जर-रेवाड़ी सीट पर 1957 के लोकसभा चुनाव में कम्युनिस्ट पार्टी प्रत्याशी चौ. प्रताप सिंह दौलता ने कांग्रेस उम्मीदवार को हराया था.

चौ. प्रताप सिंह दौलता (फाइल फोटो)
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Published : Apr 15, 2019, 9:24 AM IST

Updated : Apr 15, 2019, 11:47 AM IST

चंडीगढ़: झज्जर-रेवाड़ी सीट पर 1957 के लोकसभा चुनाव में कम्युनिस्ट पार्टी प्रत्याशी चौ. प्रताप सिंह दौलता ने कांग्रेस उम्मीदवार को हराया था. चौ. प्रताप सिंह दौलता दूसरी लोकसभा के लिए 1957 में झज्जर-रेवाड़ी संसदीय क्षेत्र से चुने गए थे. उन्होंने कांग्रेस नेता घमंडीलाल बंसल को पराजित किया था.

13 अप्रैल 1918 को झज्जर के चिमनी गांव में पैदा हुए प्रताप सिंह कादियान गोत्र के थे. दौलता उनका प्रचलित नाम था. उनके राजनीतिक जीवन की शुरुआत यूनियनिस्ट पार्टी से हुई थी. वामपंथ के प्रति उनका रुझान इस कदर था कि अपने बेटे का नाम भी रूसी नेता बुल्गारिन से प्रेरित होकर बुल्गारिन सिंह रखा था.

वहीं अगले चुनाव में वे हरियाणा लोक समिति के प्रत्याशी जगदेव सिंह सिद्धान्ती से हार गए. हरियाणा बनने के बाद 1967 में वे बेरी विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में चुने गए, लेकिन 1968 में मध्यावधि चुनाव में हार गए. 1972 में दौलता निर्दलीय चुनाव जीतकर विधायक बने.

चंडीगढ़: झज्जर-रेवाड़ी सीट पर 1957 के लोकसभा चुनाव में कम्युनिस्ट पार्टी प्रत्याशी चौ. प्रताप सिंह दौलता ने कांग्रेस उम्मीदवार को हराया था. चौ. प्रताप सिंह दौलता दूसरी लोकसभा के लिए 1957 में झज्जर-रेवाड़ी संसदीय क्षेत्र से चुने गए थे. उन्होंने कांग्रेस नेता घमंडीलाल बंसल को पराजित किया था.

13 अप्रैल 1918 को झज्जर के चिमनी गांव में पैदा हुए प्रताप सिंह कादियान गोत्र के थे. दौलता उनका प्रचलित नाम था. उनके राजनीतिक जीवन की शुरुआत यूनियनिस्ट पार्टी से हुई थी. वामपंथ के प्रति उनका रुझान इस कदर था कि अपने बेटे का नाम भी रूसी नेता बुल्गारिन से प्रेरित होकर बुल्गारिन सिंह रखा था.

वहीं अगले चुनाव में वे हरियाणा लोक समिति के प्रत्याशी जगदेव सिंह सिद्धान्ती से हार गए. हरियाणा बनने के बाद 1967 में वे बेरी विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में चुने गए, लेकिन 1968 में मध्यावधि चुनाव में हार गए. 1972 में दौलता निर्दलीय चुनाव जीतकर विधायक बने.

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  • 1957 के चुनाव में कम्युनिस्ट प्रत्याशी दौलता ने कांग्रेस नेता घमंडीलाल बंसल को पराजित किया



चंडीगढ़: चौ. प्रताप सिंह दौलता दूसरी लोकसभा के लिए 1957 में झज्जर-रेवाड़ी संसदीय क्षेत्र से चुने गए थे। 13 अप्रैल 1918 को झज्जर के चिमनी गांव में पैदा हुए प्रताप सिंह कादियान गोत्र के थे। ‘दौलता’ उनका प्रचलित नाम था। उनके राजनीतिक जीवन की शुरुआत यूनियनिस्ट पार्टी से हुई थी। वामपंथ के प्रति उनका रुझान इस कदर था कि अपने बेटे का नाम भी रूसी नेता बुल्गारिन से प्रेरित होकर बुल्गारिन सिंह रखा था।





1957 के चुनाव में कम्युनिस्ट प्रत्याशी दौलता ने कांग्रेस नेता घमंडीलाल बंसल को पराजित किया। अगले चुनाव में वे हरियाणा लोक समिति के प्रत्याशी जगदेव सिंह सिद्धान्ती से हार गए। हरियाणा बनने के बाद 1967 में वे बेरी विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में चुने गए लेकिन 1968 में मध्यावधि चुनाव में हार गए। 1972 में दौलता निर्दलीय चुनाव जीतकर विधायक बने।


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Last Updated : Apr 15, 2019, 11:47 AM IST
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