ETV Bharat / state

हाईकोर्ट की रोक के बाद भी की दूसरी शादी, हुई सजा - चंडीगढ़

दूसरा विवाह कर पति ने न सिर्फ हिन्दू मैरिज एक्ट के प्रावधान का उल्लंघन किया है बल्कि हाईकोर्ट के आदेशों की भी अवमानना की है लिहाजा हाईकोर्ट ने पति को इसका दोषी करार दिया.

हाईकोर्ट
author img

By

Published : Jun 8, 2019, 9:55 PM IST

चंडीगढ़: ट्रायल कोर्ट द्वारा पति-पत्नी के आपसी विवाद पर तलाक के सुनाये गए फैसले पर हाईकोर्ट द्वारा रोक लगाए जाने के बावजूद पति द्वारा दूसरी शादी किये जाने पर हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए पति को हाईकोर्ट के आदेशों की अवमानना का दोषी करार देते हुए दो महीने कैद की सजा सुना दी है.

क्या है मामाला ?
जस्टिस निर्मलजीत कौर ने ये आदेश पत्नी द्वारा अपने पति के खिलाफ हाईकोर्ट के आदेशों की अवमानना को लेकर दायर याचिका का निपटारा करते हुए दिए हैं. गौरतलब है कि फतेहाबाद की ट्रायल कोर्ट ने 14 जनवरी 2016 को फैसला सुनाते हुए दोनों पति-पत्नी को तलाक के आदेश जारी कर दिए थे. हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान पति ने कहा कि उसे सिर्फ ट्रायल कोर्ट द्वारा दिए गए तलाक के आदेशों के बारे में पता है. हाईकोर्ट ने जो तलाक के आदेशों पर रोक लगाई है उसके बारे में उसे जानकारी ही नहीं थी.

हाईकोर्ट ने अवमानना याचिका पर अपने फैसले में कहा है कि ट्रायल कोर्ट के आदेशों को हाईकोर्ट में चुनौती दिए जाने की जो समय सीमा तय की गई है. पत्नी ने उस समय सीमा के भीतर ही इन आदेशों को चुनौती दे दी थी. ये पति की जिम्मेदारी थी कि वह ये पता करता कि कहीं ट्रायल कोर्ट के फैसले को चुनौती तो नहीं दी गई है. इस तरह दूसरा विवाह कर पति ने न सिर्फ हिन्दू मैरिज एक्ट के प्रावधान का उल्लंघन किया है बल्कि हाईकोर्ट के आदेशों की भी अवमानना की है लिहाजा हाईकोर्ट ने पति को इसका दोषी करार देते हुए उसे दो महीने की कैद की सजा सुना दी है और उसे 15 दिनों के भीतर सीजेएम सिरसा के समक्ष आत्मसमर्पण करने के आदेश दे दिए हैं.

चंडीगढ़: ट्रायल कोर्ट द्वारा पति-पत्नी के आपसी विवाद पर तलाक के सुनाये गए फैसले पर हाईकोर्ट द्वारा रोक लगाए जाने के बावजूद पति द्वारा दूसरी शादी किये जाने पर हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए पति को हाईकोर्ट के आदेशों की अवमानना का दोषी करार देते हुए दो महीने कैद की सजा सुना दी है.

क्या है मामाला ?
जस्टिस निर्मलजीत कौर ने ये आदेश पत्नी द्वारा अपने पति के खिलाफ हाईकोर्ट के आदेशों की अवमानना को लेकर दायर याचिका का निपटारा करते हुए दिए हैं. गौरतलब है कि फतेहाबाद की ट्रायल कोर्ट ने 14 जनवरी 2016 को फैसला सुनाते हुए दोनों पति-पत्नी को तलाक के आदेश जारी कर दिए थे. हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान पति ने कहा कि उसे सिर्फ ट्रायल कोर्ट द्वारा दिए गए तलाक के आदेशों के बारे में पता है. हाईकोर्ट ने जो तलाक के आदेशों पर रोक लगाई है उसके बारे में उसे जानकारी ही नहीं थी.

हाईकोर्ट ने अवमानना याचिका पर अपने फैसले में कहा है कि ट्रायल कोर्ट के आदेशों को हाईकोर्ट में चुनौती दिए जाने की जो समय सीमा तय की गई है. पत्नी ने उस समय सीमा के भीतर ही इन आदेशों को चुनौती दे दी थी. ये पति की जिम्मेदारी थी कि वह ये पता करता कि कहीं ट्रायल कोर्ट के फैसले को चुनौती तो नहीं दी गई है. इस तरह दूसरा विवाह कर पति ने न सिर्फ हिन्दू मैरिज एक्ट के प्रावधान का उल्लंघन किया है बल्कि हाईकोर्ट के आदेशों की भी अवमानना की है लिहाजा हाईकोर्ट ने पति को इसका दोषी करार देते हुए उसे दो महीने की कैद की सजा सुना दी है और उसे 15 दिनों के भीतर सीजेएम सिरसा के समक्ष आत्मसमर्पण करने के आदेश दे दिए हैं.

Intro:पति को हाईकोर्ट के आदेशों की अवमानना का दोषी करार दो महीने कैद की सजा सुना Body:
ट्रायल कोर्ट द्वारा पति-पत्नी के आपसी विवाद पर तलाक के सुनाये गए फैसले पर हाईकोर्ट द्वारा रोक लगाए जाने के बावजूद पति द्वारा दूसरी शादी किये जाने पर हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए पति को हाईकोर्ट के आदेशों की अवमानना का दोषी करार दो महीने कैद की सजा सुना दी है
जस्टिस निर्मलजीत कौर ने यह आदेश पत्नी द्वारा अपने पति के खिलाफ हाई कोर्ट के आदेशों की अवमानना को लेकर दायर याचिका का निपटारा करते हुए दिए हैं गौरतलब है कि फतेहाबाद की ट्रायल कोर्ट ने 14 जनवरी 2016 को फैसला सुनाते हुए दोनों पति-पत्नी को तलाक के आदेश जारी कर दिए थे ट्रायल कोर्ट के इस फैसले को पत्नी ने हाई कोर्ट में चुनौती दे दी थी हाई कोर्ट की खंडपीठ ने पत्नी की अपील पर सुनवाई करते हुए 11 फरवरी 2016 को ट्रायल कोर्ट द्वारा दिए तलाक के आदेशों पर रोक लगा दी थी बाद में पत्नी को पता चला कि उसके पति ने 31 मार्च 2016 को किसी और महिला से दूसरी शादी कर ली है इसके बाद पत्नी ने अपने पति के खिलाफ फतेहाबाद के एस.पी. को शिकायत कर दी थी
इसके बाद पत्नी ने पति के खिलाफ मुख्य मंत्री को शिकायत दे दी इस शिकायत पर जांच के दौरान पति ने स्वीकार कर लिया है कि उसने दूसरी शादी कर ली है और अगस्त 2017 में दूसरी शादी से उसकी एक संतान भी है इसके बाद महिला ने पति के खिलाफ हाई कोर्ट द्वारा उनके तलाक के आदेशों पर रोक लगाए जाने के बावजूद भी दूसरी शादी किये जाने पर हाई कोर्ट के आदेशों की अवमानना की याचिका दायर कर कार्रवाई की मांग की हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान पति ने कहा कि उसे सिर्फ ट्रायल कोर्ट द्वारा दिए गए तलाक के आदेशों के बारे में पता है हाई कोर्ट ने ने जो तलाक के आदेशों पर रोक लगाई है उसके बारे में उसे जानकारी ही नहीं थी
हाई कोर्ट ने अवमानना याचिका पर अपने फैसले में कहा है कि ट्रायल कोर्ट के आदेशों को हाई कोर्ट में चुनौती दिए जाने की जो समय सीमा तय की गई है पत्नी ने उस समय सीमा के भीतर ही इन आदेशों को चुनौती दे दी थी यह पति की जिम्मेदारी थी कि वह यह पता करता कि कहीं ट्रायल कोर्ट को फैसले को चुनौती तो नहीं दी गई है इस तरह दूसरा विवाह कर पति ने न सिर्फ हिन्दू मैरिज एक्ट के प्रावधान का उलंघन किया है बल्कि हाई कोर्ट के आदेशों की भी अवमानना की है लिहाजा हाई कोर्ट ने पति को इसका दोषी करार देते हुए उसे दो महीनों की कैद की सजा सुना दी है और उसे 15 दिनों के भीतर सी.जे.एम. सिरसा के समक्ष आत्मसमर्पण करने के आदेश दे दिए हैं
Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.