चंडीगढ़: पंजाब यूनिवर्सिटी में रविवार को 68वां दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया. इस मौके पर यूनिवर्सिटी के कुलपति और भारत के उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की. इस दौरान पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक वीपी सिंह बदनौर भी कार्यक्रम में मौजूद रहे.
छात्र-छात्राओं को दी गई डिग्रियां
इस दौरान 1012 स्टूडेंट को डिग्रियां दी गई. डिग्री पाने वालों में लड़कियों की संख्या लड़कों के मुकाबले ज्यादा थी. दीक्षांत समारोह में 438 विद्यार्थियों को पीएचडी की डिग्री दी गई.
डॉक्टर के.सिवान को किया गया सम्मानित
इस अवसर पर वेंकैया नायडू ने इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन के चेयरमैन डॉक्टर के. सिवान को विज्ञान रत्न अवॉर्ड से सम्मानित किया.
'अपनी जमीन और भाषा से जुड़ना जरूरी'
इस मौके पर उपराष्ट्रपति ने कहा कि युवाओं को हमेशा अपनी जमीन और अपनी भाषा से जुड़े रहना चाहिए और हर किसी को अपनी मातृभाषा से प्यार होना चाहिए. क्योंकि अगर कोई अपनी मातृभाषा में पारंगत होगा वह तभी दूसरी भाषाओं को भी अच्छी तरह से जान पाएगा.
'मातृभाषा हमारी आंखों की तरह'
उन्होंने कहा की मातृभाषा हमारी आंखों की तरह है और दूसरी भाषा हमारे चश्मे की तरह है अगर हमारे पास आंखें नहीं होंगी तो चश्मा भी किसी काम का नहीं होगा. साथ ही साथ नायडू ने युवाओं को बेहतर जीवनशैली अच्छे खानपान की सलाह भी दी. ताकि युवाओं का स्वास्थ्य ठीक रहे और वह देश की तरक्की में बराबर का योगदान दे सकें.