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फरीदाबाद में नोटा से हार गये थे 22 प्रत्याशी

2014 के लोकसभा चुनाव की बात है. फरीदाबाद में 22 प्रत्याशी ऐसे थे जो नोटा से ही हार गए थे. इसलिए इस बार भी प्रत्याशियों को नोटा का विशेष ध्यान रखना होगा.

जब नोटा पड़ गया भारी
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Published : Apr 16, 2019, 8:05 PM IST

Updated : Apr 16, 2019, 10:04 PM IST

फरीदाबाद- पार्टियों को समझ लेना चाहिए कि अब चुनाव में कोई भी नेता नहीं चलेगा. इसका सबसे बड़ा उदाहरण फरीदाबाद की जनता ने 2014 में दिया था. 2014 के लोकसभा चुनाव में फरीदाबाद से कुल 22 प्रत्यशी मैदान में थे. जिनमें 22 प्रत्याशी ऐसे थे जिन्हें नोटा से भी कम वोट मिले थे.

यहां फुल था नोटा का कोटा !

फरीदाबाद लोकसभा क्षेत्र में 3328 लोगों ने नोटा को वोट दिया था. अगर पूरे प्रदेश की बात की जाये तो 34 हजार 256 लोगों ने नोटा का इस्तेमाल किया था.

इन प्रत्याशियों के मिले नोटा से कम वोट

फरीदाबाद से प्रत्याशी कलचंद को 967, कुसुम कुमारी को 620, खुशदिल सहगल को 685, खेमी ठाकुर को 1940, चौधरी ध्यानचंद को 711, दीपक गौड़ को 479, निर्मला को 976, मोहम्मद मुकीम को 1735, रविंद्र भाटी को 1689, सुखवीर को 1084, हामिद खान को 2761, डॉ. क्षेत्रपाल सिंह 1942, धर्मेंद्र को 665, नानक चंद को 2550, मनधीर सिंह मान को 644, मुकेश कुमार सिंह को 442, राजेंद्र को 410, लक्ष्मण को 456, ललित मित्तल को 420, विजय राज को 407, सुशीला को 524 और संजय मौर्य को कुल 1104 वोट मिले थे.

यहां नोटा ने हरा दिये कई नेता
यहां नोटा ने हरा दिये कई नेता

शहरी मतदाताओं को भाया नोटा !

फरीदाबाद लोकसभा क्षेत्र के बड़खल विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक मतदाताओं ने नोटा का इस्तेमाल किया था. ये पूरी तरह से शहरी क्षेत्र है और यहां 752 लोगों ने नोटा का बटन दबाया था. सबसे कम नोटा का इस्तेमाल हथीन विधानसभा क्षेत्र में हुआ था. यहां कुल 121 लोगों ने नोटा का बटन दबाया था. ग्रामीण क्षेत्र के विधानसभा क्षेत्रों में नोटा का कम इस्तेमाल हुआ था, जबकि शहरी क्षेत्र के विधानसभा क्षेत्रों में अधिक मतदाताओं ने नोटा का इस्तेमाल किया था.

नोटा क्या है ?

फर्ज कीजिए आपको किसी पार्टी का कोई उम्मीदवार पसंद न हो और आप उनमें से किसी को भी अपना वोट देना नहीं चाहते हैं तो फिर आप क्या करेंगे. इसलिए निर्वाचन आयोग ने ऐसी व्यवस्था की कि वोटिंग प्रणाली में एक ऐसा तंत्र विकसित किया जाए ताकि ये दर्ज हो सके कि कितने फीसदी लोगों ने किसी को भी वोट देना उचित नहीं समझा है. यानी अब चुनाव में आपके पास एक और विकल्प होता है कि आप इनमें से कोई नहीं का भी बटन दबा सकते हैं. यानी आपको इनमें से कोई भी उम्मीदवार पसंद नहीं है. ईवीम मशीन में NONE OF THE ABOVE यानी NOTA का गुलाबी बटन होता है.

फरीदाबाद- पार्टियों को समझ लेना चाहिए कि अब चुनाव में कोई भी नेता नहीं चलेगा. इसका सबसे बड़ा उदाहरण फरीदाबाद की जनता ने 2014 में दिया था. 2014 के लोकसभा चुनाव में फरीदाबाद से कुल 22 प्रत्यशी मैदान में थे. जिनमें 22 प्रत्याशी ऐसे थे जिन्हें नोटा से भी कम वोट मिले थे.

यहां फुल था नोटा का कोटा !

फरीदाबाद लोकसभा क्षेत्र में 3328 लोगों ने नोटा को वोट दिया था. अगर पूरे प्रदेश की बात की जाये तो 34 हजार 256 लोगों ने नोटा का इस्तेमाल किया था.

इन प्रत्याशियों के मिले नोटा से कम वोट

फरीदाबाद से प्रत्याशी कलचंद को 967, कुसुम कुमारी को 620, खुशदिल सहगल को 685, खेमी ठाकुर को 1940, चौधरी ध्यानचंद को 711, दीपक गौड़ को 479, निर्मला को 976, मोहम्मद मुकीम को 1735, रविंद्र भाटी को 1689, सुखवीर को 1084, हामिद खान को 2761, डॉ. क्षेत्रपाल सिंह 1942, धर्मेंद्र को 665, नानक चंद को 2550, मनधीर सिंह मान को 644, मुकेश कुमार सिंह को 442, राजेंद्र को 410, लक्ष्मण को 456, ललित मित्तल को 420, विजय राज को 407, सुशीला को 524 और संजय मौर्य को कुल 1104 वोट मिले थे.

यहां नोटा ने हरा दिये कई नेता
यहां नोटा ने हरा दिये कई नेता

शहरी मतदाताओं को भाया नोटा !

फरीदाबाद लोकसभा क्षेत्र के बड़खल विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक मतदाताओं ने नोटा का इस्तेमाल किया था. ये पूरी तरह से शहरी क्षेत्र है और यहां 752 लोगों ने नोटा का बटन दबाया था. सबसे कम नोटा का इस्तेमाल हथीन विधानसभा क्षेत्र में हुआ था. यहां कुल 121 लोगों ने नोटा का बटन दबाया था. ग्रामीण क्षेत्र के विधानसभा क्षेत्रों में नोटा का कम इस्तेमाल हुआ था, जबकि शहरी क्षेत्र के विधानसभा क्षेत्रों में अधिक मतदाताओं ने नोटा का इस्तेमाल किया था.

नोटा क्या है ?

फर्ज कीजिए आपको किसी पार्टी का कोई उम्मीदवार पसंद न हो और आप उनमें से किसी को भी अपना वोट देना नहीं चाहते हैं तो फिर आप क्या करेंगे. इसलिए निर्वाचन आयोग ने ऐसी व्यवस्था की कि वोटिंग प्रणाली में एक ऐसा तंत्र विकसित किया जाए ताकि ये दर्ज हो सके कि कितने फीसदी लोगों ने किसी को भी वोट देना उचित नहीं समझा है. यानी अब चुनाव में आपके पास एक और विकल्प होता है कि आप इनमें से कोई नहीं का भी बटन दबा सकते हैं. यानी आपको इनमें से कोई भी उम्मीदवार पसंद नहीं है. ईवीम मशीन में NONE OF THE ABOVE यानी NOTA का गुलाबी बटन होता है.

2014 के फरीदाबाद लोकसभा चुनाव में कुल 27 में से 22 प्रत्याशियों को पछाड़ दिया था नोटा ने


फरीदाबाद। चुनावों के दौरान विभिन्न दलों के उम्मीदवारों व निर्दलीय प्रत्याशियों का नोटा से भी कड़ा मुकाबला होता दिखाई दे रहा है। बीते चुनाव के आंकड़ों के अनुसार इस मुकाबले में नोटा ने अधिकतर उम्मीदवारों को पछाड़ दिया। 2014 में फरीदाबाद लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ने वाले कुल 27 प्रत्याशियों में से सिर्फ पांच को ही नोटा से अधिक वोट मिले थे।

ईवीएम में सभी प्रत्याशियों के नाम के बाद सबसे आखिरी विकल्प के तौर पर नोटा का बटन शामिल रहता है। नोटा यानी नन ऑफ द एबव (उपरोक्त में से कोई नहीं) का बटन सभी उम्मीदवारों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच देता है। पिछले लोकसभा चुनावों के दौरान प्रदेश भर में 34 हजार 256 लोगों ने नोटा का इस्तेमाल किया था। नोटा का इस्तेमाल करने के मामले में फरीदाबाद लोकसभा क्षेत्र के मतदाता प्रदेश में चौथे स्थान पर रहे थे। यहां कुल 3328 लोगों ने नोटा का इस्तेमाल किया था। साल 2014 के आम चुनाव में फरीदाबाद लोकसभा क्षेत्र से कुल 27 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे। इनमें से पांच प्रमुख पार्टियों के उम्मीदवारों को छोड़कर कोई और प्रत्याशी नोटा से अधिक वोट नहीं हासिल कर सका।

इन्हें मिले नोटा से अधिक वोट

बीजेपी प्रत्याशी कृष्णपाल गुर्जर को सबसे अधिक 652472 वोट मिले थे। इसके अलावा कांग्रेस प्रत्याशी अवतार सिंह भड़ाना को 185642 वोट, इनेलो प्रत्याशी आरके आनंद को 132472 वोट, बीएसपी प्रत्याशी राजेंद्र शर्मा को 66000 वोट और आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी पुरुषोत्तम डागर को 67355 वोट प्राप्त हुए थे। बाकी सभी 22 उम्मीदवार ऐसे थे, जिन्हें जनता ने नकार दिया और इन सबको नोटा से भी कम वोट मिले।

ये 22 प्रत्याशी पिछड़े थे

फरीदाबाद में 3328 वोट नोटा को पड़ा था। वहीं, प्रत्याशी कलचंद को 967, कुसुम कुमारी को 620, खुशदिल सहगल को 685, खेमी ठाकुर को 1940, चौधरी दयानचंद को 711, दीपक गौड़ को 479, निर्मला को 976, मोहम्मद मुकीम को 1735, रविंद्र भाटी को 1689, सुखवीर को 1084, हामिद खान को 2761, डॉ. क्षेत्रपाल सिंह 1942, धर्मेंद्र को 665, नानक चंद को 2550, मनधीर सिंह मान को 644, मुकेश कुमार सिंह को 442, राजेंद्र को 410, लक्ष्मण को 456, ललित मित्तल को 420, विजय राज को 407, मनधीर सिंह मान की पत्नी सुशीला को 524 व संजय मौर्य को कुल 1104 वोट मिले थे।

बड़खल क्षेत्र में डाले गए थे सबसे अधिक नोटा

फरीदाबाद लोकसभा क्षेत्र के बड़खल विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक मतदाताओं ने नोटा का इस्तेमाल किया था। यह पूरी तरह से शहरी क्षेत्र है और यहां 752 लोगों ने नोटा का बटन दबाया था। सबसे कम नोटा का इस्तेमाल हथीन विधानसभा क्षेत्र में हुआ था। यहां कुल 121 लोगों ने नोटा का बटन दबाया था। ग्रामीण क्षेत्र के विधानसभा क्षेत्रों में नोटा का कम इस्तेमाल हुआ था, जबकि शहरी क्षेत्र के विधानसभा क्षेत्रों में अधिक मतदाताओं ने नोटा का इस्तेमाल किया था।

विधानसभा क्षेत्र वार आंकड़े

विधानसभा क्षेत्र नोटा

हथीन \ --121

होडल --128

पलवल --229

पृथला--- 151

एनआईटी फरीदाबाद --434

बड़खल--- 752

बल्लभगढ़ --424

फरीदाबाद --593

तिगांव-- 496

Last Updated : Apr 16, 2019, 10:04 PM IST
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