भिवानी: जिले में 155 गांव ऐसे हैं, जिनमें भू-जल का दोहन अत्यधिक किया जा रहा है, जबकि यहां पानी की मात्रा कम है. अटल भू-जल योजना के तहत इन 155 गांवों के भू-जल सुधार के लिए जल सुरक्षा प्लान तैयार किया जा रहा है. भिवानी जिले के 96 गांव ऐसे भी हैं, जो रेड जोन में हैं, जिनका भू-जल स्तर 30 मीटर की गहराई से ज्यादा है और जिले के 35 गांवों का भू-जल स्तर पिंक जोन में, जिनमें पानी का स्तर 20 से 30 मी. के बीच में है. इन गांवों में भू-जल स्तर सुधार के लिए केंद्र सरकार की योजना के तहत पानी की खपत को कम करने व पानी की आपूर्ति को बढ़ाने पर काम किया जा रहा है.
इसके साथ-साथ इन गांवों में पी-ट्यूब लगाई जा रही है, जिससे भू-जल स्तर व पानी गुणवत्ता जांची जाएगी. उल्लेखनीय है कि अटल भू-जल योजना केंद्र सरकार द्वारा संचालित एक महत्वाकांक्षी योजना है. इसका मुख्य उद्देश्य गिरते भू-जल की समस्या को दूर कर भू-जल स्तर को बढ़ाना है. इस योजना में जिला भिवानी को शामिल किया गया है. जिले के घटते भू-जल स्तर को रोकने के लिए सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग हरियाणा और जिला कार्यक्रम प्रबंधन इकाई द्वारा ग्राम पंचायतों को जागरूक किया जा रहा है.
भिवानी में भी इस योजना पर कार्य शुरु कर दिया गया है. योजना के तहत भू-जल स्तर सुधार के लिए चिन्हित किए गए गांवों में रेन गेज मीटर लगाए जाएंगे, जिससे बारिश नापी जाएगी. इसके अलावा वाटर लेवल इंडीकेटर लगाया जाएगा, जो पानी गहराई नापने का काम करेगा. इसके अलावा विलेज वाटर एवं सीवरेज कमेटी को वाटर टेस्टिंग किट दी जाएगी, जो समय-समय पर पानी की गुणवत्ता की जांच करेगी. जिले में आगामी तीन साल के मद्देनजर पानी खपत और समुचित आपूर्ति को लेकर भी जिला जल संसाधन योजना पर कार्य किया जा रहा है.
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इसके तहत मुख्यरूप से सिंचाई विभाग, जनस्वास्थ्य विभाग, पशुपालन विभाग,वन विभाग, पंचायत विभाग, राजस्व विभाग, मछली पालन विभाग, कृषि विभाग आदि प्रमुख विभागों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने-अपने विभाग के तहत पानी की खपत और समुचित आपूर्ति का डाटा तैयार किया जा रहा है ताकि आने वाले तीन सालों के लिए एक विशेष योजना तैयार की जा सके. जिले के गांवों की बात करें तो बवानीखेड़ा खंड में एक भी गांव ऐसा नहीं है, जो कि रेड जोन हो. यहां पिंक जोन में भी कोई गांव नही है. बहल खंड में 29 गांव रेड जोन मे हैं.
विभाग के जनसम्पर्क अधिकारी कुलविंद्र सिंह ने बताया कि हर गांव में दस बोरवेल और नलकूपों पर फ्लो मीटर लगाए जाएंगे, जिसके माध्यम से सरकार को गांव में भू-जल की निकासी के बारे में जानकारी मिलेगी. वहीं गांव में होने वाले भू-जल के उपयोग के बारे में भी जानकारी प्राप्त होगी. किसानों से फ्लो मीटर के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा. उन्होंने किसानों से अपील कि है कि वे अपने बोरवेल पर फ्लो मीटर लगवाएं. जिले के खंड कैरू, लोहारू, तोशाम और बहल में अटल भूजल योजना पर काम शुरू हो गया है. रेड जोन और पिंक जोन वाले गांवों में शिविर लगाकर लोगों को जल संरक्षण के बारे में जागरूक भी किया जा रहा है ताकि लोग भूमिगत पानी का अधिक दोहन न करें.
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