भिवानी : भिवानी में शुक्रवार को कई जगहों पर (Vishwakarma Divas Celebrated Bhiwani) भगवान विश्वकर्मा की पूजा की गई. भगवान विश्वकर्मा को (Lord Vishwakarma is worshiped as Devashilpi) देवशिल्पी यानी की देवताओं के वास्तुकार के रूप में पूजा जाता है. उन्हें त्रिलोका या त्रिपक्षीय युग का भी निर्माता माना जाता है. साथ ही भगवान विश्वकर्मा में अपने शक्ति से देवताओं के उड़ान रथ, महल और हथियार का भी निर्माण किया था. माना जाता है की इंद्र का महा अस्त्र वज्र भी जो ऋषि दधिची के हड्डियों से बना हुआ था, वह भी भगवान विश्वकर्मा द्वारा ही बनाया गया था.
विश्वकर्मा पूजा लगभग सभी दफ्तरों में मनाया जाता है, लेकिन इंजीनियर, आर्किटेक्ट, चित्रकार, मैकेनिक, वैल्डिंग दुकान वाले या कारखानों में इसको मुख्य तौर से मनाया जाता है. उत्तर भारत में यह पूजा बड़े उल्लास के साथ मनाई जाती है. इस पूजा में शिल्पकार और वास्तुकार भगवान विश्वककर्मा की पूजा की जाती है. इस दिन सभी राजमिस्त्री, मजदूर, शिल्पकार सभी इस पूजा को बड़े धूमधाम से मनाते हैं.
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मिस्त्री भीष्म और बाबूलाल ने बताया कि दीपावली के अगले दिन विश्वकर्मा दिवस हर साल मनाया जाता है. आज हमने भगवान विश्कर्मा दिवस मनाया है. उन्होंने बताया कि इस दिन औजारों की पूजा की जाती है. उन्होंने बताया कि आज के दिन वे लोग सिर्फ पूजा अर्चना करने के उद्देश्य से ही दुकान खोलते है. पूजा में वे अपने औजारों की पूजा करते है और इस दौरान औजारों का प्रयोग नही करते है.
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