भिवानी: जिले से कंचन और मोनिका ने अपनी शादी में घोड़ी पर बनवारा (घुड़चढ़ी) निकालकर एक नई पहल की शुरुआत की है. दहेज प्रथा और कन्या भ्रूण हत्या जैसी कुरीतियों को छोड़कर बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का संदेश देते हुए दोनों बेटियों ने घोड़े पर बैठकर बनवारा निकाला. दुल्हन समेत परिवार के लोगों ने शहरभर में डीजे बजाकर खुशियां मनाई. महिला, पुरुष और बच्चों ने जमकर डांस किया.
जमकर थिरके लोग
आपको बता दें कि अक्सर इस तरह के बनवारा या घुड़चढ़ी लड़कों की शादी में निकाली जाती है. लेकिन भिवानी के इस परिवार की सोच सबसे अलग है. इस परिवार को लोगों का मानना है कि उनकी ये पहल समाच को नई दिशा देगी. इस तरह की पहल करने वाला ये परिवार भिवानी का पहला परिवार है.
लड़कियों के लिए परिवार की पहल
ऐसा पहली बार हुआ जब किसी दुल्हन ने घोड़े पर अपना बनवारा (घुड़चढ़ी) निकाला है. इस तरह की शादी में पूरे शहर के लोग शामिल हुए. इस तरह की शिक्षा से ही समाज की रुढ़ियों को खत्म किया जा सकता है.
इसे भी पढ़ें: चंडीगढ़ः दस्तावेजों का गृह मंत्री को सौंपा बंडल, कुंडू के निशाने पर एक और पूर्व मंत्री
लड़कियों का बनवारा
दुल्हन मोनिका और कंचन का कहना है कि परिजन हमारा बनवारा (घुड़चढ़ी) निकाल रहे हैं, हमें बेहद खुशी हो रही है. हमारी दोनों की शादी है. हमारे परिवार ने शुरू से ही हमें लड़कों की तरह रखा है. बचपन से ही किसी तरह की कोई प्रतिबंध नहीं था. लड़कियां किसी भी क्षेत्र में लड़कों से पीछे नहीं है.
नहीं होता लड़की-लड़के में फर्क
वहीं दुल्हन बनने जा रही लड़की की भावी और परिवार के अन्य लोगों का कहना है कि हमारा परिवार सबसे अलग विचारधारा वाला परिवार है. लड़कों और लड़कियों में किसी प्रकार का कोई भेदभाव नहीं किया जाता है. दुल्हन ने घोड़े पर अपना बनवारा (घुड़चढ़ी) निकाला है.