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रोजगार बचाने को लेकर रेहड़ी संचालकों ने उपायुक्त को सौंपा ज्ञापन, लगाई मदद की गुहार - रेहड़ी

पुलिस के मुताबिक दुकानों के सामने और मेन बाजार में रेहड़ियों की वजह से जाम की स्थिति बनी रहती है.

प्रदर्शन करते रेहड़ी मजदूर
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Published : Jun 29, 2019, 8:32 AM IST

भिवानी: ट्रैफिक पुलिस ने शहर को जाम मुक्त करने के लिए अभियान चलाया. जिसके तहत रेहड़ी संचालकों को मुख्य चौराहों से 150 मीटर दूर रेहड़ी लगाने को कहा गया. पुलिस के इस कदम से रेहड़ी संचालक खासे नाराज नजर आए.

पुलिस का कहना है कि चौक-चौराहों के 150 मीटर के दायरे में कोई रेहड़ी नहीं लगेगी. इससे जाम लगता है. इसके बाद परेशान रेहड़ी वालों ने उपायुक्त को ज्ञापन सौंप कर अपने रोजगार को बचाने की गुहार लगाई है.

रेहड़ी वालों का कहना है कि वो पिछले 15 से 20 सालों से रेहड़ी लगा रहे हैं और अब स्थानीय पुलिस चौकी के एएसआई की ओर से उन्हें रेहड़ी हटाने के आदेश मिल रहे हैं. अगर वह अपनी रेहड़ी हटाते हैं तो उनके पास कोई और काम नहीं हैं. जिसकी चलते उनके परिवार का खर्च नहीं चल पाएगा और वो अपने बच्चों को पढ़ा लिखा भी नहीं पाएंगे. सभी रेहड़ी मजदूरों ने उपायुक्त को ज्ञापन सौंप कर रेहड़ लगाने की अनुमति मांगी है.

रेहड़ी वालों को नहीं दिया गया कोई निश्चित स्थान

बता दें कि पूरे शहर में करीब साढ़े तीन हजार रेहड़ी संचालकों का जिला प्रशासन की ओर से सर्वे करवाया गया है. प्रशासन इन दुकानदारों को लाइसेंस देकर जगह देने का प्लान कर रहा है. इसके लिए अलग-अलग जोन भी निर्धारित किए जा चुके हैं. लेकिन मामला में पिछले सात-आठ महीने से कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है.

क्लिक कर देखें वीडियो

सड़क किनारे रेहड़ी और दुकानें लगाने पर बनती है जाम की समस्या

फुटपाथ और सड़क किनारे रेहड़ियों की वजह से सड़क पर जाम लग जाता है. इसके बाद शहर के दुकानदार फुटपाथ पर अतिक्रमण करते हैं और उसके बाद बची जगह पर रेहड़ी वाले अपना ठिकाना जमा लेते हैं. जिसके चलते शहर में जाम की समस्या बन जाती है.

भिवानी: ट्रैफिक पुलिस ने शहर को जाम मुक्त करने के लिए अभियान चलाया. जिसके तहत रेहड़ी संचालकों को मुख्य चौराहों से 150 मीटर दूर रेहड़ी लगाने को कहा गया. पुलिस के इस कदम से रेहड़ी संचालक खासे नाराज नजर आए.

पुलिस का कहना है कि चौक-चौराहों के 150 मीटर के दायरे में कोई रेहड़ी नहीं लगेगी. इससे जाम लगता है. इसके बाद परेशान रेहड़ी वालों ने उपायुक्त को ज्ञापन सौंप कर अपने रोजगार को बचाने की गुहार लगाई है.

रेहड़ी वालों का कहना है कि वो पिछले 15 से 20 सालों से रेहड़ी लगा रहे हैं और अब स्थानीय पुलिस चौकी के एएसआई की ओर से उन्हें रेहड़ी हटाने के आदेश मिल रहे हैं. अगर वह अपनी रेहड़ी हटाते हैं तो उनके पास कोई और काम नहीं हैं. जिसकी चलते उनके परिवार का खर्च नहीं चल पाएगा और वो अपने बच्चों को पढ़ा लिखा भी नहीं पाएंगे. सभी रेहड़ी मजदूरों ने उपायुक्त को ज्ञापन सौंप कर रेहड़ लगाने की अनुमति मांगी है.

रेहड़ी वालों को नहीं दिया गया कोई निश्चित स्थान

बता दें कि पूरे शहर में करीब साढ़े तीन हजार रेहड़ी संचालकों का जिला प्रशासन की ओर से सर्वे करवाया गया है. प्रशासन इन दुकानदारों को लाइसेंस देकर जगह देने का प्लान कर रहा है. इसके लिए अलग-अलग जोन भी निर्धारित किए जा चुके हैं. लेकिन मामला में पिछले सात-आठ महीने से कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है.

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सड़क किनारे रेहड़ी और दुकानें लगाने पर बनती है जाम की समस्या

फुटपाथ और सड़क किनारे रेहड़ियों की वजह से सड़क पर जाम लग जाता है. इसके बाद शहर के दुकानदार फुटपाथ पर अतिक्रमण करते हैं और उसके बाद बची जगह पर रेहड़ी वाले अपना ठिकाना जमा लेते हैं. जिसके चलते शहर में जाम की समस्या बन जाती है.

Intro:भिवानी में रेहड़ी लगाने वालों की रेहड़ी पुलिस द्वारा हटाने को लेकर रेहड़ी लगाने वाले मजदूरों ने जिला उपायक्त को सौपा ज्ञापन ।


Body:भिवानी के रोहतक गेट पर रहने लगाने वाले मजदूरों की पुलिस द्वारा रैली हटवाने के मामले को लेकर रेहड़ी मजदूरों ने आज जिला उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा और उन्होंने मांग की कि रेहड़ी मजदूरों को अपने रेहड़ी वहां पर लगाने की अनुमति दी जाए । ताकि वे अपना घर चला सके । रेहड़ी मजदूर ने बताया कि वे पिछले 15 - 20 साल से अपनी रैली को लगाते हैं और अब स्थानीय पुलिस चौकी के एएसआई द्वारा उन्हें हटाने के आदेश मिल रहे हैं । अगर वह अपनी रेहड़ी हटाते हैं तो उनके पास कोई और काम नहीं होगा और काम ना होने की वजह से उनका घर खर्च नहीं चलेगा और उनके बच्चे भी नहीं पढ़ पाएंगे तो ऐसे में उनकी जिला उपायुक्त से मांग है कि इन सभी रेडी मजदूरों को अपनी रैली लगाने की अनुमति दी जाए ।
बाइट- शशि कुमार ( रेहड़ी लगाने वाला )


Conclusion:अपनी रेडी से अपना घर परिवार चलाने वाले को अब पुलिस का डंडा दिखाई दे रहा है और इसी डर के कारण है । आज जिला उपायुक्त से मिले और मांग की गई उन्हें अपनी रैली के माध्यम से मजदूरी करने दी जाए ।
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