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किसानों के बाद व्यापारी संगठन भी कृषि कानूनों के खिलाफ, कही ये बात

कृषि कानूनों के खिलाफ भिवानी में राष्ट्रीय जन उद्योग व्यापार संगठन ने प्रेस वार्ता की. इस दौरान व्यापारियों ने किसानों और मजदूरों को समर्थन देते हुए सरकार पर तानाशाह होने का आरोप लगाया.

traders organization protest against farm laws
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Published : Oct 10, 2020, 3:41 PM IST

भिवानी: किसानों के बाद अब व्यापारी संगठनों ने भी केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए कृषि कानूनों का विरोध शुरू कर दिया है. इसी के तहत भिवानी में राष्ट्रीय जन उद्योग व्यापार संगठन के प्रदेशाध्यक्ष गुलशन डंग ने एक पत्रकार वार्ता आयोजित कर कोरोना काल के दौरान किसानों और आढ़तियों पर नए कृषि कानून के प्रभाव को लेकर चर्चा की.

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने जो राहत पैकेज 20 लाख करोड़ रुपये का देने की बात कही थी उसका पैसा किसी भी व्यापारी की जेब में नहीं पहुंचा है. इस मौके पर उपस्थित व्यापारी नेता अशोक बवानीवाला और देवराज मेहता ने भी कहा कि सरकार किसान कानूनों पर पुनर्विचार कर इसमें संशोधन करें.

किसानों के बाद व्यापारी संगठन भी कृषि कानूनों के खिलाफ, कही ये बात

उन्होंने कहा कि कोई भी कानून तानाशाही तरीके से ना बनाया जाए बल्कि संबंधित लोगों और पक्षों की भी सुनवाई की जानी चाहिए. उन्होंने आरोप लगाया कि पहले सरकार व्यापारियों को बिचौलिया कहती रही अब उनकी जगह पर सोसायटिओं के माध्यम से राजनेता खुद बिचौलिए बनकर किसानों की उपज को खरीदेंगे.

ये भी पढे़ं- आज जारी होगी दिल्ली विश्वविद्यालय की पहली कट ऑफ लिस्ट, 12 अक्टूबर से प्रवेश

राष्ट्रीय जन उद्योग व्यापार संगठन के प्रदेश अध्यक्ष गुलशन डंग ने कहा कि सरकार व्यापारियों के लिए विशेष राहत पैकेज लेकर आए. जिसमें व्यापारियों को ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध करवाया जाए, ताकि व्यापारी अपने व्यापार को आगे बढ़ा सकें और देश की अर्थव्यवस्था में अपना योगदान दे सकें.

उन्होंने कहा कि अगर सरकार सहायता उपलब्ध नहीं कराती है तो उन्हें मजबूरन टैक्स देना बंद करना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि आज देश को चलाने में व्यापारी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. उन्होंने ये भी कहा कि आगामी 18 अक्टूबर को पानीपत में राज्य स्तरीय मीटिंग करके आगामी रणनीति को लेकर गहन चर्चा की जाएगी, जिसमें व्यापारी वर्ग बड़ा निर्णय ले सकते हैं.

भिवानी: किसानों के बाद अब व्यापारी संगठनों ने भी केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए कृषि कानूनों का विरोध शुरू कर दिया है. इसी के तहत भिवानी में राष्ट्रीय जन उद्योग व्यापार संगठन के प्रदेशाध्यक्ष गुलशन डंग ने एक पत्रकार वार्ता आयोजित कर कोरोना काल के दौरान किसानों और आढ़तियों पर नए कृषि कानून के प्रभाव को लेकर चर्चा की.

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने जो राहत पैकेज 20 लाख करोड़ रुपये का देने की बात कही थी उसका पैसा किसी भी व्यापारी की जेब में नहीं पहुंचा है. इस मौके पर उपस्थित व्यापारी नेता अशोक बवानीवाला और देवराज मेहता ने भी कहा कि सरकार किसान कानूनों पर पुनर्विचार कर इसमें संशोधन करें.

किसानों के बाद व्यापारी संगठन भी कृषि कानूनों के खिलाफ, कही ये बात

उन्होंने कहा कि कोई भी कानून तानाशाही तरीके से ना बनाया जाए बल्कि संबंधित लोगों और पक्षों की भी सुनवाई की जानी चाहिए. उन्होंने आरोप लगाया कि पहले सरकार व्यापारियों को बिचौलिया कहती रही अब उनकी जगह पर सोसायटिओं के माध्यम से राजनेता खुद बिचौलिए बनकर किसानों की उपज को खरीदेंगे.

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राष्ट्रीय जन उद्योग व्यापार संगठन के प्रदेश अध्यक्ष गुलशन डंग ने कहा कि सरकार व्यापारियों के लिए विशेष राहत पैकेज लेकर आए. जिसमें व्यापारियों को ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध करवाया जाए, ताकि व्यापारी अपने व्यापार को आगे बढ़ा सकें और देश की अर्थव्यवस्था में अपना योगदान दे सकें.

उन्होंने कहा कि अगर सरकार सहायता उपलब्ध नहीं कराती है तो उन्हें मजबूरन टैक्स देना बंद करना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि आज देश को चलाने में व्यापारी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. उन्होंने ये भी कहा कि आगामी 18 अक्टूबर को पानीपत में राज्य स्तरीय मीटिंग करके आगामी रणनीति को लेकर गहन चर्चा की जाएगी, जिसमें व्यापारी वर्ग बड़ा निर्णय ले सकते हैं.

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