भिवानी: विपक्ष हरियाणा में बेरोजगारी को एक बड़ा मुद्दा बनाने में लगा हुआ है. इस मुद्दे पर विपक्षी पार्टियां लगातार प्रदेश सरकार और बीजेपी पर हमलावर हैं. ऐसे में हरियाणा सार्वजनिक उपक्रम ब्यूरो के चेयरमैन सुभाष बराला ने पलटवार करते हुए कहा कि सरकार के इस कार्यकाल के दौरान हरियाणा में एक लाख से अधिक सरकारी नौकरियां दी गई हैं. इसके अलावा करीब 12 लाख जॉब्स निजी क्षेत्र में दिए गए हैं. उन्होंने सरकार की योजनाओं के बारे में बताते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने सभी वर्गो का ध्यान रखते हुए लोगों के लिए ऐतिहासिक कार्य किए हैं. सरकार ने बिजली पानी, रोजगार व अन्य मुद्दों पर जन हितैषी कार्य किए हैं.
हरियाणा सार्वजनिक उपक्रम ब्यूरो के चेयरमैन सुभाष बराला बजट पर परिचर्चा करने भिवानी पहुंचे थे. सुभाष बराला ने कहा कि हरियाणा में मनोहर लाल की सरकार व देश में नरेंद्र मोदी की सरकार ने ऐसे फैसले लिए हैं, जो देश हित में मिल का पत्थर साबित हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फैसलों से देश की जनता ने राहत की सांस ली है. बराला ने कहा कि हरियाणा सरकार ने रोजगार की दिशा में अनेक कार्य किए हैं.
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पिछली सरकार ने अपने कार्यकाल में 60 हजार नौकरियां दी थी, उनकी सरकार अभी तक एक लाख से ज्यादा सरकारी नौकरियां दे चुकी है. प्रदेश सरकार ने जनता पर कोई नया टैक्स भी नहीं लगया है. उन्होंने बताया कि हरियाणा में जीडीपी 5.62 बढ़ी है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर जीडीपी 4.58 बढ़ी है. बराला ने कहा कि कैपिटल एक्सपेंडिचर 2014 में 4 हजार 700 करोड़ था, अब 57 हजार करोड़ हुआ है.
हरियाणा में प्रति व्यक्ति आय पर बराला ने कहा कि यह 3 लाख रुपए प्रति वर्ष होने का अनुमान है. बराला ने कहा कि हरियाणा में सभी क्षेत्रों में विशेष कार्य हुए हैं, फिर वह कृषि, सड़क या अन्य कोई सेक्टर हो, सभी क्षेत्रों में विकास कार्य कराए गए हैं. उन्होंने बताया कि एसवाईएल पर भी बजट सरकार ने रखा है. उन्होंने कहा कि बेरोजगारी से लड़ने के लिए प्रदेश में सरकार 1 हजार 500 अरहंत स्टोर खोलेगी, ताकि लोगों को रोजगार मिल सके.
शिक्षा के क्षेत्र में भी सरकार ने कार्य किए हैं और 2 हजार प्ले स्कूल खोले जाएंगे. प्रदेश में व्यायामशाला, नए हॉस्पिटल और महिला कॉलेज खोले जा रहे हैं. बजट में दिव्यांग व श्रमिकों को भी विशेष रूप से फायदा दिया गया है. हरियाणा सरकार ने किसानों के लिए पेंशन योजना दी है. एक हजार 158 करोड़ रुपए की राशि किसानों को दी गई है. प्रकृति खेती को लेकर भी सरकार ने अपना बजट तय किया है.