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भिवानी ब्लास्ट मामला: 32 लाख मुआवजा और नौकरी के वादे पर माने परिजन, 5 दिन बाद मृतक का हुआ अंतिम संस्कार

भिवानी के सिवानी कस्बे में हुए पटाखा विस्फोट (Siwani blast case) हादसे के 5 दिन बाद आखिरकार प्रशासन और मृतक के परिजनों में सहमति बन गई. प्रशासन के परिजनों की मांगे मानने के आश्वासन के बाद परिजनों ने मृतक मोहित का पोस्टमार्टम करवाकर अंतिम संस्कार कर दिया.

Siwani blast case Relatives agreed on the promise of Rs 32 lakh compensation and job
सिवानी ब्लास्ट मामला: 32 लाख मुआवजा और नौकरी देने के वादे पर माने परिजन, 5 दिन बाद मृतक कर्मचारी का हुआ अंतिम संस्कार
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Published : Nov 28, 2022, 12:45 PM IST

भिवानी: जिले के सिवानी कस्बे में पटाखों में हुए विस्फोट (Siwani blast case) में मारे गए मोहित उर्फ मोनू के परिजनों और प्रशासन के बीच सहमति बनने के बाद मृतक का पोस्टमार्टम करवाकर अंतिम संस्कार कर दिया गया. दोनों पक्षों के बीच पिछले 5 दिनों से सहमति नहीं बन पाई थी. आखिरकार परिजनों को 32 लाख रुपए मुआवजा और मृतक की पत्नी को सरकारी नौकरी के वादे के बाद परिजन अंतिम संस्कार के लिए राजी हुए.

इस दौरान भिवानी के अतिरिक्त उपायुक्त राहुल नरवाल, सर्वजन समाज दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष वेदपाल तंवर व सर्व कर्मचारी आयोग के चेयरमैन चंद्रप्रकाश बोस्ती धरना स्थल पर परिजनों से मिलने पहुंचे थे. इन्होंने परिजनों को उनकी सभी मांगें पूरी करने का आश्वासन दिया. हालांकि मुआवजा राशि को लेकर परिजनों का संशय अभी भी बरकरार है. प्रशासन और मृतक के परिजनों के बीच 32 लाख रुपये मुआवजे को लेकर सहमति बन गई. लेकिन प्रशासन ने इसके लिए कुछ समय देने की बात रखी.

इस पर सर्वजन समाज दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष वेदपाल तंवर ने प्रशासन की तरफ से जमानत के तौर पर अपने खुद के बैंक खाते से 32 लाख रुपये का चेक सौंपा. उन्होंने कहा कि प्रशासन अगर मुआवजा राशि नहीं देगा तो परिजन उसका यह चेक अपने बैंक खाते में जमा कर सकते हैं. इस पर परिजनों ने सहमति जताई. प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए मृतक मोहित के शव को पोस्टमार्टम के लिए भिवानी के सामान्य अस्पताल भिजवाया. रविवार देर शाम बनी सहमति के बाद प्रशासन और अधिकारियों ने राहत की सांस ली.

पढ़ें: भिवानी में अवैध पटाखों को नष्ट करते वक्त हुआ ब्लास्ट, नगरपालिका कर्मचारी की मौत, 8 घायल

बता दें कि सर्वजन समाज दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष वेदपाल तंवर और सफाई कर्मचारी आयोग के चेयरमैन चंद्रप्रकाश बोस्ती रविवार सुबह मृतक के परिजनों से मिले. कृषि मंत्री जेपी दलाल व प्रशासनिक अधिकारियों को उन्होंने परिजनों की मांगों से अवगत कराया. जिसके बाद अतिरिक्त उपायुक्त राहुल नरवाल एक बार फिर से रविवार शाम सिवानी पहुंचे और परिजनों से बात की थी.

भिवानी के अतिरिक्त उपायुक्त राहुल नरवाल ने बताया कि प्रशासन ने मृतक के परिजनों की सभी मांगों को स्वीकार कर लिया है. मृतक की पत्नी को नौकरी और मुआवजा राशि देने को लेकर वे हरियाणा सरकार को प्रस्ताव भेज रहे हैं. परिजनों की सहमति के बाद प्रशासन की निगरानी में मृतक का पोस्टमार्टम करवाया गया है. उन्होंने बताया कि पटाखा विस्फोट मामले में घायल लोगों का इलाज सरकार अपने खर्च पर कराएगी.

यह था मामला: सिवानी कस्बे में बीते 23 नवंबर को कोर्ट के निर्देश पर पटाखा फैक्ट्री से जब्त किए गए अवैध पटाखों को नष्ट करने की कार्रवाई की गई थी. इस दौरान वहां अचानक विस्फोट (siwani blast) हो गया. इस हादसे में नगर पालिका कर्मचारी, पुलिसकर्मी और तहसीलदार सहित कई अधिकारी-कर्मचारी घायल हो गए थे. हादसे में नगर पालिका के सफाई कर्मचारी मोहित उर्फ मोनू की मौत हो गई.

मृतक के परिजन बुधवार रात से सामान्य अस्पताल में शव के साथ अपनी मांगों को लेकर धरना दे रहे थे. परिजन मांगें नहीं माने जाने तक मृतक का पोस्टमार्टम नहीं करवाने की जिद पर अड़े थे. लगातार प्रशासन और परिजनों के बीच मुआवजा राशि को लेकर बात चल रही थी. सिवानी के एसडीएम व भिवानी एडीसी भी कई बार परिजनों से मिले थे. लेकिन दोनों पक्षों के बीच सहमति नहीं बन पाई थी.

पढ़ें: पानीपत: तीसरी मंजिल से गिरकर वकील की संदिग्ध मौत, पुलिस कर रही जांच

भिवानी: जिले के सिवानी कस्बे में पटाखों में हुए विस्फोट (Siwani blast case) में मारे गए मोहित उर्फ मोनू के परिजनों और प्रशासन के बीच सहमति बनने के बाद मृतक का पोस्टमार्टम करवाकर अंतिम संस्कार कर दिया गया. दोनों पक्षों के बीच पिछले 5 दिनों से सहमति नहीं बन पाई थी. आखिरकार परिजनों को 32 लाख रुपए मुआवजा और मृतक की पत्नी को सरकारी नौकरी के वादे के बाद परिजन अंतिम संस्कार के लिए राजी हुए.

इस दौरान भिवानी के अतिरिक्त उपायुक्त राहुल नरवाल, सर्वजन समाज दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष वेदपाल तंवर व सर्व कर्मचारी आयोग के चेयरमैन चंद्रप्रकाश बोस्ती धरना स्थल पर परिजनों से मिलने पहुंचे थे. इन्होंने परिजनों को उनकी सभी मांगें पूरी करने का आश्वासन दिया. हालांकि मुआवजा राशि को लेकर परिजनों का संशय अभी भी बरकरार है. प्रशासन और मृतक के परिजनों के बीच 32 लाख रुपये मुआवजे को लेकर सहमति बन गई. लेकिन प्रशासन ने इसके लिए कुछ समय देने की बात रखी.

इस पर सर्वजन समाज दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष वेदपाल तंवर ने प्रशासन की तरफ से जमानत के तौर पर अपने खुद के बैंक खाते से 32 लाख रुपये का चेक सौंपा. उन्होंने कहा कि प्रशासन अगर मुआवजा राशि नहीं देगा तो परिजन उसका यह चेक अपने बैंक खाते में जमा कर सकते हैं. इस पर परिजनों ने सहमति जताई. प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए मृतक मोहित के शव को पोस्टमार्टम के लिए भिवानी के सामान्य अस्पताल भिजवाया. रविवार देर शाम बनी सहमति के बाद प्रशासन और अधिकारियों ने राहत की सांस ली.

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बता दें कि सर्वजन समाज दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष वेदपाल तंवर और सफाई कर्मचारी आयोग के चेयरमैन चंद्रप्रकाश बोस्ती रविवार सुबह मृतक के परिजनों से मिले. कृषि मंत्री जेपी दलाल व प्रशासनिक अधिकारियों को उन्होंने परिजनों की मांगों से अवगत कराया. जिसके बाद अतिरिक्त उपायुक्त राहुल नरवाल एक बार फिर से रविवार शाम सिवानी पहुंचे और परिजनों से बात की थी.

भिवानी के अतिरिक्त उपायुक्त राहुल नरवाल ने बताया कि प्रशासन ने मृतक के परिजनों की सभी मांगों को स्वीकार कर लिया है. मृतक की पत्नी को नौकरी और मुआवजा राशि देने को लेकर वे हरियाणा सरकार को प्रस्ताव भेज रहे हैं. परिजनों की सहमति के बाद प्रशासन की निगरानी में मृतक का पोस्टमार्टम करवाया गया है. उन्होंने बताया कि पटाखा विस्फोट मामले में घायल लोगों का इलाज सरकार अपने खर्च पर कराएगी.

यह था मामला: सिवानी कस्बे में बीते 23 नवंबर को कोर्ट के निर्देश पर पटाखा फैक्ट्री से जब्त किए गए अवैध पटाखों को नष्ट करने की कार्रवाई की गई थी. इस दौरान वहां अचानक विस्फोट (siwani blast) हो गया. इस हादसे में नगर पालिका कर्मचारी, पुलिसकर्मी और तहसीलदार सहित कई अधिकारी-कर्मचारी घायल हो गए थे. हादसे में नगर पालिका के सफाई कर्मचारी मोहित उर्फ मोनू की मौत हो गई.

मृतक के परिजन बुधवार रात से सामान्य अस्पताल में शव के साथ अपनी मांगों को लेकर धरना दे रहे थे. परिजन मांगें नहीं माने जाने तक मृतक का पोस्टमार्टम नहीं करवाने की जिद पर अड़े थे. लगातार प्रशासन और परिजनों के बीच मुआवजा राशि को लेकर बात चल रही थी. सिवानी के एसडीएम व भिवानी एडीसी भी कई बार परिजनों से मिले थे. लेकिन दोनों पक्षों के बीच सहमति नहीं बन पाई थी.

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