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वक्त पर दें RTI का जवाब नहीं तो लगेगा जुर्माना- SIC

राज्य सूचना आयोग ने शिक्षा निदेशालय द्वारा सूचनाएं समय पर उपलब्ध नहीं कराए जाने को गंभीरता से लिया है. आयोग ने संबंधित अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए 25 हजार रुपये जुर्माना लगाए जाने की चेतावनी दी है.

राज्य सूचना आयोग ऑफिस हरियाणा
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Published : May 28, 2019, 8:04 PM IST

Updated : May 28, 2019, 9:22 PM IST

भिवानीः आरटीआई द्वारा मांगी गई सूचनाओं को समय पर उपलब्ध नहीं कराए जाने के मामले में राज्य सूचना आयोग ने मौलिक शिक्षा निदेशालय के अधिकारियों से जवाब तलब किया है. मौलिक शिक्षा निदेशालय के एसपीआई को व्यक्तिगत तौर पर भी तलब किया गया है और 15 दिन के अंदर जानकारी मुहैया कराए जाने के भी कड़े निर्देश दिए गए हैं.

इन स्कूलों की मांगी गई थी जानकारी

दरअसल, स्वास्थ्य, शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल परमार ने मौलिक शिक्षा निदेशालय से शहर के ही चार निजी स्कूलों की मान्यता संबंधी विभिन्न बिंदुओं पर जानकारी मांगी थी. बृजपाल परमार ने बताया कि उन्होंने मौलिक शिक्षा निदेशालय में 10 दिसंबर 2018 को शहर के ही चार निजी स्कूलों की मान्यता संबंधी विभिन्न पहलुओं से जुड़ी जानकारी आरटीआई के जरिए मांगी थी. मगर मौलिक शिक्षा निदेशालय से निर्धारित समय अवधि के दौरान कोई जवाब नहीं आया.

इसके बाद मामले को 23 जनवरी 2019 को मौलिक शिक्षा निदेशक के समक्ष रखा गया लेकिन इसके बावजूद भी निदेशालय ने आरटीआई का कोई जवाब नहीं दिया. इसके बाद 21 मार्च को आरटीआई कार्यकर्ता द्वितीय अपील में चला गया. द्वितीय अपील में भी शिक्षा अधिकारियों ने कोई जानकारी नहीं दी. राज्य सूचना आयोग के समक्ष 9 मई को मामला पहुंचा. जिस पर आयोग ने कड़ा रुख अपनाते हुए मौलिक शिक्षा निदेशालय को आरटीआई कार्यकर्ता को समय पर सूचनाएं उपलब्ध नहीं कराए जाने पर कड़ी फटकार लगाई.

सूचना आयोग ने इस मामले में मौलिक शिक्षा निदेशालय के अधिकारियों को तलब किया और सूचनाएं ना देने पर 25 हजार रुपये जुर्माना लगाए जाने की भी चेतावनी दे डाली.

भिवानीः आरटीआई द्वारा मांगी गई सूचनाओं को समय पर उपलब्ध नहीं कराए जाने के मामले में राज्य सूचना आयोग ने मौलिक शिक्षा निदेशालय के अधिकारियों से जवाब तलब किया है. मौलिक शिक्षा निदेशालय के एसपीआई को व्यक्तिगत तौर पर भी तलब किया गया है और 15 दिन के अंदर जानकारी मुहैया कराए जाने के भी कड़े निर्देश दिए गए हैं.

इन स्कूलों की मांगी गई थी जानकारी

दरअसल, स्वास्थ्य, शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल परमार ने मौलिक शिक्षा निदेशालय से शहर के ही चार निजी स्कूलों की मान्यता संबंधी विभिन्न बिंदुओं पर जानकारी मांगी थी. बृजपाल परमार ने बताया कि उन्होंने मौलिक शिक्षा निदेशालय में 10 दिसंबर 2018 को शहर के ही चार निजी स्कूलों की मान्यता संबंधी विभिन्न पहलुओं से जुड़ी जानकारी आरटीआई के जरिए मांगी थी. मगर मौलिक शिक्षा निदेशालय से निर्धारित समय अवधि के दौरान कोई जवाब नहीं आया.

इसके बाद मामले को 23 जनवरी 2019 को मौलिक शिक्षा निदेशक के समक्ष रखा गया लेकिन इसके बावजूद भी निदेशालय ने आरटीआई का कोई जवाब नहीं दिया. इसके बाद 21 मार्च को आरटीआई कार्यकर्ता द्वितीय अपील में चला गया. द्वितीय अपील में भी शिक्षा अधिकारियों ने कोई जानकारी नहीं दी. राज्य सूचना आयोग के समक्ष 9 मई को मामला पहुंचा. जिस पर आयोग ने कड़ा रुख अपनाते हुए मौलिक शिक्षा निदेशालय को आरटीआई कार्यकर्ता को समय पर सूचनाएं उपलब्ध नहीं कराए जाने पर कड़ी फटकार लगाई.

सूचना आयोग ने इस मामले में मौलिक शिक्षा निदेशालय के अधिकारियों को तलब किया और सूचनाएं ना देने पर 25 हजार रुपये जुर्माना लगाए जाने की भी चेतावनी दे डाली.

Intro:राज्य सूचना आयोग ने किया मौलिक शिक्षा निदेशालय के अधिकारियों से किया जवाब तलब
स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष ने मांगी थी शिक्षा निदेशालय से चार निजी स्कूलों की जानकारी
शहर के ही चार निजी स्कूलों की मान्यता संबंधी दस्तावेजों की मांगी थी आरटीआई
राज्य सूचना आयोग ने किया एसपीआईओ को व्यक्तिगत रूप से तलब, 15 दिन के अंदर देना होगा जवाब, 25 हजार का जुर्माना लगाने की दी चेतावनी
हरियाणा मौलिक शिक्षा निदेशालय की लेट लतीफी का भी जवाब नहीं। आरटीआई द्वारा मांगी गई सूचनाओं को समय पर उपलब्ध नहीं कराए जाने के मामले में राज्य सूचना आयोग ने मौलिक शिक्षा निदेशालय के अधिकारियों से जवाब तलब किया है। इतना ही नहीं मौलिक शिक्षा निदेशालय के एसपीआई को व्यक्तिगत तौर पर भी तलब किया गया है और इसी के साथ 15 दिन के अंदर जानकारी मुहैया कराए जाने के भी कड़े निर्देश दिए गए हैं। राज्य सूचना आयोग ने शिक्षा निदेशालय द्वारा सूचनाएं समय पर उपलब्ध नहीं कराए जाने को गंभीरता से लिया और इसी को लेकर आयोग ने संबंधित अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए 25 हजार रुपये जुर्माना लगाए जाने की चेतावनी दी है।
दरअसल स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल परमार ने मौलिक शिक्षा निदेशालय से शहर के ही चार निजी स्कूलों की मान्यता संबंधी विभिन्न बिंदुओं पर जानकारी मांगी थी। बृजपाल परमार ने बताया कि उन्होंने मौलिक शिक्षा निदेशालय में 10 दिसंबर 2018 को शहर के ही चार निजी स्कूलों की मान्यता संबंधी विभिन्न पहलुओं से जुड़ी जानकारी आरटीआई के जरिए मांगी थी। मगर मौलिक शिक्षा निदेशालय से निर्धारित समयावधि के दौरान कोई जवाब नहीं आया। इसके बाद उन्होंने मामले की 23 जनवरी 2019 को मौलिक शिक्षा निदेशक के समक्ष की। मगर इसके बावजूद भी निदेशालय ने आरटीआई का कोई जवाब नहीं दिया। इसके बाद 21 मार्च को आरटीआई कार्यकर्ता द्वितीय अपील में चला गया। मगर द्वितीय अपील में भी शिक्षा अधिकारियों ने कोई जानकारी नहीं दी। राज्य सूचना आयोग के समक्ष 9 मई को मामला पहुंचा। जिस पर आयोग ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए मौलिक शिक्षा निदेशालय को आरटीआई कार्यकर्ता को समय पर सूचनाएं उपलब्ध नहीं कराए जाने पर कड़ी फटकार लगाई। सूचना आयोग ने इस मामले में मौलिक शिक्षा निदेशालय के अधिकारियों को तलब किया और सूचनाएं ना देने पर 25 हजार रुपये जुर्माना लगाए जाने की भी चेतावनी दे डाली। Body:राज्य सूचना आयोग ने किया मौलिक शिक्षा निदेशालय के अधिकारियों से किया जवाब तलब
स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष ने मांगी थी शिक्षा निदेशालय से चार निजी स्कूलों की जानकारी
शहर के ही चार निजी स्कूलों की मान्यता संबंधी दस्तावेजों की मांगी थी आरटीआई
राज्य सूचना आयोग ने किया एसपीआईओ को व्यक्तिगत रूप से तलब, 15 दिन के अंदर देना होगा जवाब, 25 हजार का जुर्माना लगाने की दी चेतावनी
हरियाणा मौलिक शिक्षा निदेशालय की लेट लतीफी का भी जवाब नहीं। आरटीआई द्वारा मांगी गई सूचनाओं को समय पर उपलब्ध नहीं कराए जाने के मामले में राज्य सूचना आयोग ने मौलिक शिक्षा निदेशालय के अधिकारियों से जवाब तलब किया है। इतना ही नहीं मौलिक शिक्षा निदेशालय के एसपीआई को व्यक्तिगत तौर पर भी तलब किया गया है और इसी के साथ 15 दिन के अंदर जानकारी मुहैया कराए जाने के भी कड़े निर्देश दिए गए हैं। राज्य सूचना आयोग ने शिक्षा निदेशालय द्वारा सूचनाएं समय पर उपलब्ध नहीं कराए जाने को गंभीरता से लिया और इसी को लेकर आयोग ने संबंधित अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए 25 हजार रुपये जुर्माना लगाए जाने की चेतावनी दी है।
दरअसल स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल परमार ने मौलिक शिक्षा निदेशालय से शहर के ही चार निजी स्कूलों की मान्यता संबंधी विभिन्न बिंदुओं पर जानकारी मांगी थी। बृजपाल परमार ने बताया कि उन्होंने मौलिक शिक्षा निदेशालय में 10 दिसंबर 2018 को शहर के ही चार निजी स्कूलों की मान्यता संबंधी विभिन्न पहलुओं से जुड़ी जानकारी आरटीआई के जरिए मांगी थी। मगर मौलिक शिक्षा निदेशालय से निर्धारित समयावधि के दौरान कोई जवाब नहीं आया। इसके बाद उन्होंने मामले की 23 जनवरी 2019 को मौलिक शिक्षा निदेशक के समक्ष की। मगर इसके बावजूद भी निदेशालय ने आरटीआई का कोई जवाब नहीं दिया। इसके बाद 21 मार्च को आरटीआई कार्यकर्ता द्वितीय अपील में चला गया। मगर द्वितीय अपील में भी शिक्षा अधिकारियों ने कोई जानकारी नहीं दी। राज्य सूचना आयोग के समक्ष 9 मई को मामला पहुंचा। जिस पर आयोग ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए मौलिक शिक्षा निदेशालय को आरटीआई कार्यकर्ता को समय पर सूचनाएं उपलब्ध नहीं कराए जाने पर कड़ी फटकार लगाई। सूचना आयोग ने इस मामले में मौलिक शिक्षा निदेशालय के अधिकारियों को तलब किया और सूचनाएं ना देने पर 25 हजार रुपये जुर्माना लगाए जाने की भी चेतावनी दे डाली। Conclusion:राज्य सूचना आयोग ने किया मौलिक शिक्षा निदेशालय के अधिकारियों से किया जवाब तलब
स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष ने मांगी थी शिक्षा निदेशालय से चार निजी स्कूलों की जानकारी
शहर के ही चार निजी स्कूलों की मान्यता संबंधी दस्तावेजों की मांगी थी आरटीआई
राज्य सूचना आयोग ने किया एसपीआईओ को व्यक्तिगत रूप से तलब, 15 दिन के अंदर देना होगा जवाब, 25 हजार का जुर्माना लगाने की दी चेतावनी
हरियाणा मौलिक शिक्षा निदेशालय की लेट लतीफी का भी जवाब नहीं। आरटीआई द्वारा मांगी गई सूचनाओं को समय पर उपलब्ध नहीं कराए जाने के मामले में राज्य सूचना आयोग ने मौलिक शिक्षा निदेशालय के अधिकारियों से जवाब तलब किया है। इतना ही नहीं मौलिक शिक्षा निदेशालय के एसपीआई को व्यक्तिगत तौर पर भी तलब किया गया है और इसी के साथ 15 दिन के अंदर जानकारी मुहैया कराए जाने के भी कड़े निर्देश दिए गए हैं। राज्य सूचना आयोग ने शिक्षा निदेशालय द्वारा सूचनाएं समय पर उपलब्ध नहीं कराए जाने को गंभीरता से लिया और इसी को लेकर आयोग ने संबंधित अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए 25 हजार रुपये जुर्माना लगाए जाने की चेतावनी दी है।
दरअसल स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल परमार ने मौलिक शिक्षा निदेशालय से शहर के ही चार निजी स्कूलों की मान्यता संबंधी विभिन्न बिंदुओं पर जानकारी मांगी थी। बृजपाल परमार ने बताया कि उन्होंने मौलिक शिक्षा निदेशालय में 10 दिसंबर 2018 को शहर के ही चार निजी स्कूलों की मान्यता संबंधी विभिन्न पहलुओं से जुड़ी जानकारी आरटीआई के जरिए मांगी थी। मगर मौलिक शिक्षा निदेशालय से निर्धारित समयावधि के दौरान कोई जवाब नहीं आया। इसके बाद उन्होंने मामले की 23 जनवरी 2019 को मौलिक शिक्षा निदेशक के समक्ष की। मगर इसके बावजूद भी निदेशालय ने आरटीआई का कोई जवाब नहीं दिया। इसके बाद 21 मार्च को आरटीआई कार्यकर्ता द्वितीय अपील में चला गया। मगर द्वितीय अपील में भी शिक्षा अधिकारियों ने कोई जानकारी नहीं दी। राज्य सूचना आयोग के समक्ष 9 मई को मामला पहुंचा। जिस पर आयोग ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए मौलिक शिक्षा निदेशालय को आरटीआई कार्यकर्ता को समय पर सूचनाएं उपलब्ध नहीं कराए जाने पर कड़ी फटकार लगाई। सूचना आयोग ने इस मामले में मौलिक शिक्षा निदेशालय के अधिकारियों को तलब किया और सूचनाएं ना देने पर 25 हजार रुपये जुर्माना लगाए जाने की भी चेतावनी दे डाली।
Last Updated : May 28, 2019, 9:22 PM IST
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