भिवानी: हरियाणा सरकार द्वारा आमजन के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने के लिए अनेक स्वरोजगार योजनाएं चलाई जा रही हैं. इन योजनाओं में से मत्स्य विभाग की प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना स्वरोजगार में वरदान साबित हो रही है. इस योजना को अपनाकर जिले के कई महिला व पुरुष सफल व्यवासी बन रहें हैं. इसी कड़ी में गांव झुप्पा की सुमन भी झींगा पालन में प्रति वर्ष साढ़े आठ लाख रुपए कमा रही हैं.
प्रदेश के कृषि एवं पशुपालन मंत्री जेपी दलाल द्वारा किसानों की आय को बढ़ाने के लिए कृषि में आधुनिक तकनीक, उद्यान व मत्स्य पालन पर पूरा जोर दिया जा रहा है. मत्स्य विभाग हरियाणा द्वारा मछली पालन के प्रोजेक्ट पर महिला व अनुसूचित जाति को 60 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जाता है. डीसी नरेश नरवाल के निर्देशानुसार भिवानी में मत्स्य पालन विभाग द्वारा लोगों को झींगा मछली पालन के प्रति जागरूक किया जा रहा है, जिसका असर अब दिखाई देने लगा है.
भिवानी में लगभग 225 एकड़ में झींगा पालन किया जा रहा है. पुरुषों के साथ-साथ महिलाएं भी मत्स्य पालन व्यवसाय को अपनाकर लाखों रुपए कमा रही हैं. जानकारी के अनुसार सुमन अपने परिवार के साथ एनसीआर (गुरुग्राम) में अपना व्यवसाय करती थी लेकिन कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान उन्हें अपने गांव आना पड़ा. क्योंकि लॉकडाउन लंबी अवधि के लिए था.
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इसलिए उस अवधि के दौरान उन्हें लगा कि गांव में ही कोई कार्य करना चाहिए तो उन्होंने काम की तलाश के दौरान देखा कि आस पास के क्षेत्रों में झींगा पालन किया जा रहा है. सुमन ने भी झींगा पालन के लिए डीएफओ कार्यालय भिवानी से संपर्क किया और इस बारे में विस्तार से जानकारी हासिल की. सुमन ने गांव झुंपा में अपने साथी विनोद और कमलेश के साथ मिलकर झींगा पालन शुरू किया.
आज वह एक प्रतिवर्ष साढ़े आठ लाख रुपए कमाकर सफल मच्छी पालक बन चुकी हैं. जिला मत्स्य अधिकारी सिकंदर सांगवान ने बताया कि प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही एक ऐसी योजना है, जिसके माध्यम से लोगों को आत्मनिर्भर बनाते हुए उनके जीवन स्तर में सुधार करना है. भी धीरे-धीरे भिवानी में झींगा पालन का दायरा बढ़ता जा रहा है.
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उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण शिविर के जरिए लोगों को झींगा पालन के बारे में जागरूक करने के साथ ही समय-समय पर जागरूकता शिविर भी आयोजित किए जाते हैं. सिवानी व लोहारू क्षेत्र में खारा पानी अधिक है, इस कारण यह झींगा पालन के लिए उपयुक्त है. डीसी नरेश नरवाल ने बताया कि सरकार प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अंतर्गत जलीय कृषि को बढ़ावा देना चाहती है.
यह योजना मत्स्य पालन व्यवसाय से जुड़े मत्स्य पालकों की आर्थिक स्थिति मजबूत करने में वरदान सिद्ध हो रही हैं. योजना के तहत सरकार की ओर से 40 से 60 प्रतिशत तक वित्तीय सहायता दी जाती है. डीसी ने कहा कि इस योजना के तहत झींगा मछली पालन को लेकर मत्स्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे लोगों को स्वरोजगार हेतू जागरूक करें.