भिवानी: हरियाणा में राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के सात जिलों में सरसों की खरीद दो दिन के लिए फिर से शुरू कर दी गई है. जिसके बाद से अनाज मंडियों में भीड़ बढ़ गई है. बड़ी संख्या में किसान ट्रैक्टरों में अपनी सरसों भरकर सरकार द्वारा दिए जा रहे न्यूनतम समर्थन मूल्य 5450 रुपये में बेचने के लिए सुबह से ही पहुंचने शुरू हो गए. जिसके चलते मंडियों के गेट के पर लंबी कतारें देखने को मिली. वहीं, सडक़ों पर भी डेढ़ से दो किलोमीटर तक ट्रैक्टर कतारों में अपनी बारी का इंतजार करते नजर आए. इसी को देखते हुए भिवानी अनाज मंडी में जिला प्रशासन ने विशेष व्यवस्था करते हुए गेट पास पर्ची के लिए काउंटरों की संख्या दो से 6 कर दी.
अब इन 7 जिलों में खरीद जारी: इसके अलावा आपको बता दें कि पहले दिन हरियाणा में 6 जिलों में सरसों की सरकारी खरीद की जा रही थी. लेकिन इसमे अब सिरसा को जोड़ दिया गया है, तो अब कुल मिलाकर प्रदेश के सात जिलों में सरसों की सरकारी खरीद की जा रही है. जिसमे जिला भिवानी के अलावा चरखी दादरी, रेवाड़ी, सिरसा, झज्जर, महेंदगढ़, और नूंह जिलों में सरसों की खरीद शुरू की गई.
SDM व CTM ने मंडी में करवाए इंतजाम: भिवानी अनाज मंडी में भिवानी एसडीएम संदीप अग्रवाल व सीटीएम हरदीप कुमार स्वयं मंडी निरीक्षण के लिए पहुंचे. उन्होंने लाइन में लगे किसानों को धूप न लगे, इसके लिए शामियाने की व्यवस्था करवाई. साथ ही गेट पास पर्ची के काउंटर की पर्चियों की संख्या तीन गुणा करवाने के अलावा धूप को देखते हुए पीने के पानी व शरबत की व्यवस्था भी की.
राज्य सरकार को लिखा जाएगा पत्र: एसडीएम संदीप अग्रवाल ने बताया कि भिवानी जिला में कल 4500 के लगभग किसानों के रजिस्ट्रेशन किए गए. वहीं, आज भी बड़ी संख्या में सरसों की खरीद के लिए प्रक्रिया अपनाई जा रही है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के निर्देश पर दो दिन के लिए यह प्रक्रिया चल रही है. यदि सरकार के निर्देश हुए तो इसे आगे भी बढ़ाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि जो भी किसान मंडी में मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पर रजिस्ट्रेशन के पास पहुंचेंगा, उसे निश्चित तौर पर गेट पास पर्ची दी जाएगी. मंडी में भीड़ ज्यादा होने को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि वे किसानों की मांग पर राज्य सरकार को समय बढ़ाने को लेकर पत्र लिखकर भेजेंगे.
क्या बोले किसान ?: वहीं, मंडी में पहुंचे किसान जयवीर सिंह, दिलबाग, सत्यवान एवं पवन ने बताया कि मंडी में दो दिन के लिए सरसों की खरीद शुरू की गई है. इससे उन्हे अब मंडी के बाहर 4300 से पांच हजार के बीच सरसो ना बेचकर सरकार द्वारा दिए गए न्यूनतम समर्थन मूल्य 5450 रुपये पर बेचकर लाभ होगा. हालांकि उन्होंने कहा कि एक दिन में सिर्फ 25 क्विंटल सरसों खरीदी जा रही है. जबकि उनका उत्पादन 25 क्विंटल से अधिक है.
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किसानों ने की 10 दिन बढ़ाने की मांग: किसानों ने यह भी मांग की कि सरसों खरीद का समय दो दिन से बढ़ाकर एक सप्ताह से 10 दिन कर दिया जाए. ताकि उनकी पूरी सरसों की फसल बिक सके. गौरतलब है कि पिछले वर्ष खुले बाजार में किसानों को अच्छे भाव मिले थे. जिसके चलते अबकी बार किसानों ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अपनी फसल बेचने की बजाए उसे स्टॉक करना उचित समझा. लेकिन खुले बाजार में भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य से भी नीचे रह गए. ऐसे में सरकार द्वारा दो दिन के लिए फिर से सरसों की खरीद शुरू की गई. जहां बड़ी संख्या में किसान अपनी फसल को बेचने के लिए पहुंचे.