भिवानी: लगातार 10 वर्षो से सरकार की सेवा करते हुए स्कूली स्तर पर खिलाड़ियों को तैयार करने वाले पीटीआई को प्रदेश की मनोहर सरकार ने सेवामुक्त कर दिया. जिसके बाद से पिछले एक हजार दिनों से बर्खास्त पीटीआई सड़कों पर बैठकर अपनी बहाली की गुहार लगा रहे हैं. यही नहीं अपनी बहाली की मांग को लेकर बर्खास्त पीटीआई प्रदेश भर के मंत्री, सांसद, विधायकों तक को अवगत करवा चुके हैं, लेकिन उनकी कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है.
इसी कड़ी में शनिवार को बर्खास्त पीटीआई हरियाणा शारीरिक शिक्षक संघर्ष समिति के जिला प्रधान दिलबाग जांगड़ा के नेतृत्व में प्रदेश के कृषि मंत्री से मिले और हाथ जोड़कर अपनी बहाली की गुहार लगाई. दिलबाग जांगड़ा ने बताया कि प्रदेश के मुखिया ने बर्खास्त पीटीआई के समायोजन का आश्वासन दिया था, लेकिन आज तक उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है. उन्होंने कृषि मंत्री से गुहार लगाई कि वे प्रदेश के मुखिया पर बर्खास्त पीटीआई से किया समायोजन का वायदा पूरा करने का दबाव बनाएं, ताकि वे भी अपने परिवार का भरण-पोषण कर सके.
उन्होंने कहा कि लंबे समय से बेरोजगारी की मार झेल रहे बर्खास्त पीटीआई आर्थिक व मानसिक प्रताड़ना झेल रहे हैं. बर्खास्त पीटीआई के समक्ष अब घर का खर्च चलाना भी मुश्किल हो गया है. बेरोजगारी के कारण दुकानवालों ने राशन देना बंद कर दिया, तो वही उनके बच्चों के नाम भी स्कूलों से काटे जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि अब उनकी हालत बद से बदत्तर हो चुकी है. जल्द ही बर्खास्त पीटीआई की नौकरियां बहाल नहीं हुई, तो वे भूखा मरने की कगार पर पहुंच जाएंगे.
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इस मौके पर कृषि मंत्री ने बर्खास्त पीटीआई को आश्वासन दिया कि बर्खास्त पीटीआई की बहाली संबंधी मुख्यमंत्री से बात करेंगे. वहीं बहाली की मांग को लेकर जारी बर्खास्त पीटीआई का धरना को शनिवार को 1 हजार दिन पूरे हो गए. शनिवार को सुनील जांगड़ा, कृष्ण कुमार यादव, सुरेंद्र घुसकानी व राजेश कुमार क्रमिक अनशन पर रहे.