भिवानी: हरियाणा के भिवानी में पहाड़ खिसकने (landslide in bhiwani) से बड़ा हादसा हो गया. इस हादसे में 4 लोगों की मौत हो गई जबकि दो व्यक्ति घायल हुए हैं. एक मृतक पंजाब का रहने वाला है जबकि बाकी लोगों की शिनाख्त नहीं हो पाई है. घायलों में झारखंड और बिहार के लोग शामिल हैं. अब भी करीब दस लोगों के खदान में फंसे होने की आशंका जताई जा रही है. यहां अभी तक राहत और बचाव का कार्य जारी है. हादसे के बाद पूरा जिला प्रशासन मौके पर पहुंच चुका है. यहां रात भर बचाव कार्य चला.
प्रशासन द्वारा लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है. गाजियाबाद से NDRF की टीम, मधुबन से SDRF की टीम पहुंच चुकी है. वहीं हिसार से आर्मी की एक यूनिट बुलाई गई है. हादसे के बाद प्रशासन राहत कार्यों में जुट गया है. पहाड़ के मलबे को हटाकर लोगों की तलाश की जा रही है. हालांकि दबे हुए व्यक्तियों की संख्या को लेकर कुछ भी स्पष्ट आंकड़ा अभी सामने नहीं आ पाया है. पुलिस प्रशासन ने पहाड़ दरकने वाले स्थान पर मीडियाकर्मियों और आम लोगों के जाने पर पाबंदी लगा दी है. घटनास्थल से दूर ही आम लोगों को रोका गया है.
भिवानी के डीसी रिपुदमन सिंह ढिल्लों ने बताया कि कुल 5 लोगों को बचाया गया है, जिसमें से तीन की मौत हो गई और एक व्यक्ति घायल हुआ है. हमने NDRF की टीमें बुलाई हैं, इसलिए बचाव अभियान आज भी जारी रहेगा. हादसा आज सुबह करीब साढ़े नौ बजे हुआ था. प्रशासन को सूचना मिलते ही बचाव के पर्याप्त उपाय किए गए. भूस्खलन में करीब 10-12 वाहन और 15-20 लोग फंस गए थे.
वहीं हादसे के बाद हरियाणा खनन मंत्री मूलचंद शर्मा ने हादसे पर दुख जताया है. मंत्री ने इस मामले की कमेटी बनाकर जांच कराने की भी बात कही है. खनन मंत्री शर्मा का कहना है कि सरकार की पहली प्राथमिकता वहां पर लोगों को बाहर निकालना है. इसके लिए प्रशासनिक अधिकारियों को उनकी तरफ से आदेश दिए जा चुके हैं. मूलचंद शर्मा ने स्पष्ट किया कि इस हादसे की कमेटी के द्वारा जांच कराई जाएगी. सबसे पहले वहां पर मलबे को हटाने का काम पूरा किया जाना है ताकि अगर मलबे के नीचे कोई दबा हुआ है तो उसको निकाला जा सके. हालांकि अभी तक मंत्री की तरफ से मृतकों और घायलों को मुआवजा देने का किसी तरह का कोई ऐलान नहीं किया गया है.
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गौरतलब है कि भिवानी के तोशाम विधानसभा क्षेत्र के तहत डाडम गांव खनन कार्यों के लिए जाना जाता (dadam mining zone) है. शनिवार सुबह खनन कार्य के दौरान पहाड़ का एक बड़ा हिस्सा अचानक से दरक गया. इसके वजह से यहां खड़ी आधा दर्जन के करीब पोकलैंड मशीनें और डंपर दब गए. हादसे के फौरन बाद प्रशासन राहत बचाव के कार्य में जुट गया. आपको बता दें कि प्रदूषण के चलते 2 महीने पहले यहां खनन कार्य पर रोक लगा दी गई थी. बंद पड़े क्रशरों को शुक्रवार को ही हरियाणा प्रदूषण बोर्ड ने चलाने की अनुमति दी थी लेकिन शनिवार को पहाड़ खिसकने से बड़ा हादसा हो गया.
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