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भिवानी डाडम हादसा: शवों के मिलने का सिलसिला जारी, अबतक 5 लोगों की मौत, बचाव कार्य जारी

bhiwani dadam accident update news: भिवानी डाडम हादसे में राहत कार्य (relief work at dadam mining zone) जारी है. इसमें अब तक 7 लोगों को निकाला जा चुका है. जिसमें से 5 लोग मृत पाए गए हैं. पुलिस की मानें तो राहत कार्यों में अभी भी 24 घंटे का वक्त और लग सकता है.

landslide in bhiwani
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Published : Jan 3, 2022, 10:54 AM IST

Updated : Jan 3, 2022, 1:35 PM IST

भिवानी: डाडम हादसे (hill slipped in bhiwani) में शवों के मिलने का सिलसिला तीसरे दिन भी जारी है. बचाव कार्य में जुटी टीम को देर रात एक और शव बरामद हुआ है. जिसके बाद मरने वालों की संख्या 5 हो गई है. अभी तक भिवानी डाडम हादसे में 5 लोगों का शव मिला है. जबकि दो गंभीर रूप से घायल मिले हैं. 48 घंटे बीत जाने के बाद भी NDRF, हिसार कैंट फोर्स सहित भिवानी जिला प्रशासन की टीम राहत और बचाव कार्यों में जुटी है.

पूरे क्षेत्र (dadam mining zone in bhiwani) में जारी राहत कार्यों को पूरा होने में 24 घंटे और लगने की संभावना जताई जा रही है. NDRF के डिप्टी कमांडेंट बीआर मीणा ने कहा कि अभी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि जब तक मलबे को पूरी तरह से हटाया नहीं जाता तब तक उनका काम जारी रहेगा. हालांकि बीआर मीणा ने और शव मिलने की संभावनाओं से इनकार किया है.

कैसे हुआ हादसा?: इस बारे में खानक डाडम क्रेशर एसोसिएशन के चेयरमैन मास्टर सतबीर रतेरा ने बताया कि जिस समय यह घटना घटी, कोई खनन कार्य नहीं हो रहा था. खनन क्षेत्र (dadam mining zone bhiwani) दोनों तरफ से फोरेस्ट एरिया से घिरा हुआ है. फोरेस्ट एरिया क्षेत्र से हजारों टन का पहाड़ दरकर (landslide in bhiwani) खनन क्षेत्र की तरफ आया, जिसमें अभी तक पांच वाहनों के दबने की पुष्टि हो पाई है. अभी तक 10 लोगों के दबे होने की आशंका हैं. दो व्यक्ति उपचाराधीन हैं. जबकि 5 मजदूरों की मौत हुई है.

ये भी पढ़ें- जानिए कैसे खिसका भिवानी में डाडम का पहाड़, कौन है हादसे का जिम्मेदार?

भिवानी जिले के तोशाम विधानसभा क्षेत्र के तहत डाडम गांव खनन कार्यों (dadam mining zone) के लिए जाना जाता है. बता दें कि प्रदूषण पर रोकथाम के लिए लंबे समय से खनन कार्य बंद किया गया था. दो दिन पहले ही विभाग की ओर से खनन की अनुमति मिली थी. दो दिन पहले ही खनन के लिए बिजली विभाग ने पावर सप्लाई शुरू की थी. डाडम एरिया में अरावली की पहाड़ियों में खनन का टेंडर मैसर्स गोवर्धन माइंस एंड मिनरल्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के पास है. कंपनी ने वर्ष 2018 में यह टेंडर 10 साल के लिए लिया. जहां हादसा हुआ वो गोवर्धन माइंस कंपनी का काम चल रहा था. जानकारी के मुताबिक हादसे में पीड़ित लोग खनन श्रेत्र में अलग-अलग काम करते थे.

हरियाणा की विश्वसनीय खबरें पढ़ने के लिए गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड करें Etv Bharat APP

भिवानी: डाडम हादसे (hill slipped in bhiwani) में शवों के मिलने का सिलसिला तीसरे दिन भी जारी है. बचाव कार्य में जुटी टीम को देर रात एक और शव बरामद हुआ है. जिसके बाद मरने वालों की संख्या 5 हो गई है. अभी तक भिवानी डाडम हादसे में 5 लोगों का शव मिला है. जबकि दो गंभीर रूप से घायल मिले हैं. 48 घंटे बीत जाने के बाद भी NDRF, हिसार कैंट फोर्स सहित भिवानी जिला प्रशासन की टीम राहत और बचाव कार्यों में जुटी है.

पूरे क्षेत्र (dadam mining zone in bhiwani) में जारी राहत कार्यों को पूरा होने में 24 घंटे और लगने की संभावना जताई जा रही है. NDRF के डिप्टी कमांडेंट बीआर मीणा ने कहा कि अभी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि जब तक मलबे को पूरी तरह से हटाया नहीं जाता तब तक उनका काम जारी रहेगा. हालांकि बीआर मीणा ने और शव मिलने की संभावनाओं से इनकार किया है.

कैसे हुआ हादसा?: इस बारे में खानक डाडम क्रेशर एसोसिएशन के चेयरमैन मास्टर सतबीर रतेरा ने बताया कि जिस समय यह घटना घटी, कोई खनन कार्य नहीं हो रहा था. खनन क्षेत्र (dadam mining zone bhiwani) दोनों तरफ से फोरेस्ट एरिया से घिरा हुआ है. फोरेस्ट एरिया क्षेत्र से हजारों टन का पहाड़ दरकर (landslide in bhiwani) खनन क्षेत्र की तरफ आया, जिसमें अभी तक पांच वाहनों के दबने की पुष्टि हो पाई है. अभी तक 10 लोगों के दबे होने की आशंका हैं. दो व्यक्ति उपचाराधीन हैं. जबकि 5 मजदूरों की मौत हुई है.

ये भी पढ़ें- जानिए कैसे खिसका भिवानी में डाडम का पहाड़, कौन है हादसे का जिम्मेदार?

भिवानी जिले के तोशाम विधानसभा क्षेत्र के तहत डाडम गांव खनन कार्यों (dadam mining zone) के लिए जाना जाता है. बता दें कि प्रदूषण पर रोकथाम के लिए लंबे समय से खनन कार्य बंद किया गया था. दो दिन पहले ही विभाग की ओर से खनन की अनुमति मिली थी. दो दिन पहले ही खनन के लिए बिजली विभाग ने पावर सप्लाई शुरू की थी. डाडम एरिया में अरावली की पहाड़ियों में खनन का टेंडर मैसर्स गोवर्धन माइंस एंड मिनरल्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के पास है. कंपनी ने वर्ष 2018 में यह टेंडर 10 साल के लिए लिया. जहां हादसा हुआ वो गोवर्धन माइंस कंपनी का काम चल रहा था. जानकारी के मुताबिक हादसे में पीड़ित लोग खनन श्रेत्र में अलग-अलग काम करते थे.

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Last Updated : Jan 3, 2022, 1:35 PM IST
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