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जानिए कैसे खिसका भिवानी में डाडम का पहाड़, कौन है हादसे का जिम्मेदार?

हरियाणा के भिवानी जिले के डाडम खनन क्षेत्र में पहाड़ खिसकने से बड़ा हादसा (Landslide Accident In Dadam Mining Zone) हो गया. इस हादसे में चार लोग जान गवां चुके हैं, वहीं कई लोगों के फंसे होने की खबर है. ईटीवी भारत हरियाणा की टीम ने इस हादसे के वजह खोजने की कोशिश की. कई खनन जानकारों से बात करने के बाद कुछ ऐसी बातें पता चली हैं जो बेहद हैरान करने वाली हैं.

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भिवानी में खिसका डाडम का पहाड़
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Published : Jan 1, 2022, 8:12 PM IST

भिवानी: हरियाणा के भिवानी जिले के डाडम खनन क्षेत्र में पहाड़ खिसकने की वजह से (Landslide Accident In bhiwani) शनिवार का दिन काल बनकर आया. बताया जा रहा है ये हादसा सुबह करीब सवा 8 बजे हुआ. इस हादसे में आधा दर्जन से ज्यादा वाहन, दर्जनभर लोग दब गए और चार लोगों ने जान गवां दी. इस हादसे के कारणों की पड़ताल की जाए, तो जानकारों के मुताबिक एक बात साफ नजर आती है कि निर्धारित मापदंडों तोड़ा गया है, जिससे ये हादसा हुआ है.

जानकारों का कहना है कि खनन करने वाली कंपनियों ने 300 से 500 फुट गहराई तक खनन करके पहाड़ को असंतुलित की स्थिति में पहुंचा दिया है, जिसका नतीजा यह रहा कि पहाड़ भरभराकर गिर पड़ा. लीज पर लिए गए इन खदानों को पिछले 40 वर्षो के दौरान 300 से 500 फुट तक गहराई में खोदा गया.

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सैकड़ों फीट गहरे खोदे गए पहाड़

'किसी भी सरकार ने नहीं लिया एक्शन': राजनीतिक जानकारों का कहना है कि पिछले 40 साल में किसी भी पार्टी की सरकार रही हो, सभी ने इस खनन कार्य की अनियमित्ताओं को लगभग आंख मूंदकर समर्थन किया. पांच से छह: वर्ष पहले सुप्रीम कोर्ट ने इस क्षेत्र की पहाड़ की लीज को रद्द भी कर दिया था. जिसके बाद मामला कोर्ट में गया और खनन कार्य की इजाजत फिर से मिल गई.

ये पढे़ं- भिवानी में पहाड़ खिसकने से बड़ा हादसा: चार की मौत, अभी भी कई दबे, मदद के लिए बुलाई ARMY

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बीजेपी सांसद धर्मबीर सिंह ने लगाए गंभीर आरोप

बीजेपी सांसद ने उठाए सावाल: वहीं भिवानी से बीजेपी सांसद धर्मबीर सिंह (BJP MP Dharambir singh) ने इस हादसे को लेकर कहा कि खनन में कहीं ना कहीं बड़ी लापरवाही व गड़बड़ रही जो ये हादसा हुआ है. सांसद का सीधा-सीधा आरोप है कि ये हादसा खनन माफिया की गड़बड़ी से हुआ है. सांसद ने सीएम से जांच कर कार्रवाई की मांग की और कहा कि कोई कितना बड़ा आदमी हो, सजा मिलनी चाहिए. सांसद धर्मबीर सिंह ने कहा कि डाडम में खनन माफिया गुंडागर्दी करता है. वहां बदमाशों को तैनात कर गड़बड़ी को छिपाया जाता है. वहां किसी को आने-जाने या जांच नहीं होने दी जाती.

ये पढ़ें- भिवानी हादसे को लेकर बीजेपी सांसद धर्मबीर सिंह ने उठाए गंभीर सवाल, सीएम से करेंगे जांच की मांग

प्रदूषण के चलते 50 दिन से बंद थे खनन क्षेत्र: 10 नवंबर, 2021 को एनसीआर रीजन में प्रदूषण के चलते डाडम सहित पूरे खनन कार्य बंद कर दिया गया था. इसके बाद दिसंबर माह में एनजीटी की बैठकें हुई, लेकिन पहाड़ खनन को एयर क्वॉलिटी नहीं सुधरने के चलते बंद ही रखा गया.

Accident in dadam mining zone in bhiwani
क्रशर जोन दोबारा खोलने का आदेश पत्र

ये पढें- भिवानी माइनिंग जोन हादसे को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने की सीएम मनोहर लाल से बात

कई बार खान से जुड़े ठेकेदार, मजदूर व अन्य लोगों ने जिला प्रशासन को ज्ञापन देकर खादान खोले जाने की मांग रखी. क्रेशर और खनन संचालकों की ओर से लागतार धरना भी दिया गया कि अब एयर क्वालिटी सुधर गई है. ऐसे में इसे फिर से शुरू किया जाना चाहिए. जिसके बाद पहाड़ों पर खनन की इजाजत लगभग 50 दिन बाद 30 दिसंबर की रात को दी गई. खनन कार्यो के लिए काटे गए बिजली के कनेक्शनों को वापस जोड़ दिया गया. 31 दिसंबर की सुबह से खनन कार्य शुरू हो गया. 24 घंटे में ही ये बड़ा हादसा हो गया.

ये पढे़ं- भिवानी हादसे के लिए भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सरकार को ठहराया जिम्मेदार, मुआवजे देने और जांच की मांग की

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भिवानी: हरियाणा के भिवानी जिले के डाडम खनन क्षेत्र में पहाड़ खिसकने की वजह से (Landslide Accident In bhiwani) शनिवार का दिन काल बनकर आया. बताया जा रहा है ये हादसा सुबह करीब सवा 8 बजे हुआ. इस हादसे में आधा दर्जन से ज्यादा वाहन, दर्जनभर लोग दब गए और चार लोगों ने जान गवां दी. इस हादसे के कारणों की पड़ताल की जाए, तो जानकारों के मुताबिक एक बात साफ नजर आती है कि निर्धारित मापदंडों तोड़ा गया है, जिससे ये हादसा हुआ है.

जानकारों का कहना है कि खनन करने वाली कंपनियों ने 300 से 500 फुट गहराई तक खनन करके पहाड़ को असंतुलित की स्थिति में पहुंचा दिया है, जिसका नतीजा यह रहा कि पहाड़ भरभराकर गिर पड़ा. लीज पर लिए गए इन खदानों को पिछले 40 वर्षो के दौरान 300 से 500 फुट तक गहराई में खोदा गया.

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सैकड़ों फीट गहरे खोदे गए पहाड़

'किसी भी सरकार ने नहीं लिया एक्शन': राजनीतिक जानकारों का कहना है कि पिछले 40 साल में किसी भी पार्टी की सरकार रही हो, सभी ने इस खनन कार्य की अनियमित्ताओं को लगभग आंख मूंदकर समर्थन किया. पांच से छह: वर्ष पहले सुप्रीम कोर्ट ने इस क्षेत्र की पहाड़ की लीज को रद्द भी कर दिया था. जिसके बाद मामला कोर्ट में गया और खनन कार्य की इजाजत फिर से मिल गई.

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बीजेपी सांसद ने उठाए सावाल: वहीं भिवानी से बीजेपी सांसद धर्मबीर सिंह (BJP MP Dharambir singh) ने इस हादसे को लेकर कहा कि खनन में कहीं ना कहीं बड़ी लापरवाही व गड़बड़ रही जो ये हादसा हुआ है. सांसद का सीधा-सीधा आरोप है कि ये हादसा खनन माफिया की गड़बड़ी से हुआ है. सांसद ने सीएम से जांच कर कार्रवाई की मांग की और कहा कि कोई कितना बड़ा आदमी हो, सजा मिलनी चाहिए. सांसद धर्मबीर सिंह ने कहा कि डाडम में खनन माफिया गुंडागर्दी करता है. वहां बदमाशों को तैनात कर गड़बड़ी को छिपाया जाता है. वहां किसी को आने-जाने या जांच नहीं होने दी जाती.

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प्रदूषण के चलते 50 दिन से बंद थे खनन क्षेत्र: 10 नवंबर, 2021 को एनसीआर रीजन में प्रदूषण के चलते डाडम सहित पूरे खनन कार्य बंद कर दिया गया था. इसके बाद दिसंबर माह में एनजीटी की बैठकें हुई, लेकिन पहाड़ खनन को एयर क्वॉलिटी नहीं सुधरने के चलते बंद ही रखा गया.

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