भिवानी: बुधवार को अपने पूरे परिवार के साथ लघु सचिवालय के बाहर पीटीआई टीचर्स ने प्रदर्शन किया. ये टीचर लगातार सरकार से नौकरी बहाली की मांग कर रहे हैं. धरने के दौरान इन टीचर्स ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
धरने पर बैठे पीटीआई टीचर का कहना है कि इसके लिए सभी जनसंगठन लामबद्ध होकर बड़ा आंदोलन करेंगे. वे हर गांव में जाकर सरकार की जनविरोधी नीतियों को उजागर करेंगे. जिससे कि सरकार की दोगली नीति लोगों के सामने आ सके. उन्होंने कहा कि उनका ये आंदोलन हर जिले में चला हुआ है. प्रतिदिन एक परिवार के लोग क्रमिक अनशन पर बैठते हैं.
पीटीआई टीचर की बहाली पर हरियाणा सरकार उनका दोबारा से टेस्ट रखवा रही है. इस पर पीटीआई टीचर का कहना है कि जब वे लगे थे, तो उन्होंने अपनी सभी प्रक्रिया पूरी की थी. अब दोबारा टेस्ट रखने का क्या मतलब है? सरकार उनके साथ भद्दा मजाक कर रही है. उन्होंने कहा कि अधिकतर पीटीआई तो कई बीमारियों से ग्रसित हैं और कइयों को कोरोना हो रखा है. ऐसे में वो टेस्ट नहीं दे सकते.
ये है पूरा मामला?
हरियाणा स्टाफ सेलेक्शन कमीशन ने अप्रैल 2010 में 1983 पीटीआई को प्रदेशभर में भर्ती किया था. इस दौरान नियुक्तियों में असफल रहे अभ्यर्थियों में संजीव कुमार, जिले राम और एक अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर नियुक्ति में गड़बड़ी का आरोप लगा चुनौती दी थी. याचिका में कहा गया था कि ऐसे उम्मीदवारों को भी नियुक्ति दी गई थी, जिनके शैक्षणिक दस्तावेज फर्जी हैं.
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हाई कोर्ट की सिंगल बेंच ने याचिका पर सुनवाई कर पीटीआई की भर्ती को रद्द कर दिया था. उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी फैसला बरकरार रखा था. वहीं सुप्रीम कोर्ट के आदेश को मानते हुए हरियाणा सरकार ने इसी साल 1983 पीटीआई शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया है. जिसके बाद से प्रदेशभर में पीटीआई शिक्षकों की बहाली को लेकर प्रदर्शन जारी है.