भिवानी: भिवानी जिला दक्षिणी हरियाणा का मरूस्थली क्षेत्र है, जो लंबे समय से सरकारों से विकास की दरकार लगाए हुए है. इस क्षेत्र का विकास चौ. बंसीलाल ने अपने समय में करवाया. यहां के रेगिस्तानी क्षेत्र में लिफ्ट इरिगेशन से पहली बार नहरी पानी आया, लेकिन समय के साथ लिफ्ट इरिगेशन जैसी व्यवस्थाएं धाराशाही होती गई और सरकारों ने भी इस ओर ध्यान देना बंद कर दिया.
वर्तमान सरकार ने कराया विकास
वर्तमान मनोहर लाल सरकार ने भिवानी जिले के लोहारू, तोशाम के साथ लगते मरूस्थली हलकों की नहरों में टेल तक पानी पहुंचाने का काम किया. जिसका नतीजा यह रहा कि भिवानी जिले की चार विधनासभा सीटों में से तीन पर बीजेपी अपना परचम लहराने में सफल रही.
जेपी दलाल के हाथ लगी जीत
भिवानी की लोहारू विधानसभा में पहली बार बीजेपी का कमल खिला है. इस बार बीजेपी उम्मीदवार जेपी दलाल ने इनेलो से विधायक ओम प्रकाश को हराया है. इस क्षेत्र में पिछले पांच सालों में सरकार ने नहरों में टेल तक पानी पहुचाया तथा फसल खराब होने पर किसानों को मुआवजा भी दिया. इसके साथ ही इस क्षेत्र में सडकों का निर्माण भी पहले के मुकाबले काफी बेहतर रहा है.
बवानीखेड़ से विशंभर वाल्मीकि ने खिलाया कमल
बवानीखेड़ा हलके में दोबारा से बीजेपी के का कमल विधायक बने विशंभर वाल्मीकि ने खिलाया. आरक्षित विधनसभा क्षेत्र बवानीखेड़ा में बीजेपी की जीत के पीछे इस क्षेत्र में बड़ी संख्या एससी-ए और एससी-बी वर्ग है. मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कॉलेज और विश्वविद्यालय स्तर दाखिलों में एससी-ए वर्ग से जुड़ी 42 जातियों के लोगों को दस प्रतिशत अलग से आरक्षण का लाभ दिलवाया. लोगों की मूलभूत जरूरतों को भी पूरा किया.
घनश्याम सर्राफ लगातार तीसरी बने विधायक
भिवानी विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी विधायक घनश्याम सर्राफ लगातार तीसरी बार जीतने में सफल रहे. इसके लिए जहां उनकी व्यक्तिगत छवि और मिलनसार स्वभाव काम आया, वहीं दूसरी तरफ भिवानी हलके के शहरी क्षेत्र में बड़े स्तर पर गलियों के निर्माण में मतदाताओं को आकर्षित करने का काम किया.
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तोशाम से चौथी बार विधायक बनी किरण चौधरी
भिवानी जिले का तोशाम एकमात्र ऐसा हलका रहा, जहां से कांग्रेस की कद्दावर नेता लगातार चौथी बार यहां से विधायक चुनी गई. यह चौ. बंसीलाल का अभेद दुर्ग रहा है, जिसे भेद पाने में बीजेपी अबकी बार भी कामयाब नहीं हो पाई तथा किरण चौधरी ने बीजेपी को करारी मात दी है.
कुल मिलाकर बात करें तो बीजेपी के विकास का मॉडल भिवानी जिले में कामयाब दिखा लेकिन प्रदेश भर में यह मॉडल फीका पड़ गया. शायद यही कारण है कि 75 पार का दावा करने वाली बीजेपी मात्र 40 पर ही सिमट कर रह गई.