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Pitra Moksha Amavasya2 023: पितृ मोक्ष अमावस्या पर गौ हत्या के पाप से बचें ! हरियाणा सरकार ने किया अलर्ट - How does acidosis affect cows

Pitra Moksha Amavasya 2023 पितृ मोक्ष अमावस्या पर गायों को तला हुआ भोजन ना खिलाया जाए. इससे गायों की मौत भी हो सकती है.तला भोजन खाने से पशुओं को एसिडोसिस बीमारी हो जाती है. उनको अफरा लगता है. हरियाणा सरकार ने ऐसी स्थिति से पशुओं को बचाने के लिए गौशाला प्रबंधकों को खास हिदायत दी है. Haryana government order for stopping acidosis in cattle

Pitra Moksha Amavasya2023
पितृ मोक्ष अमावस्या पर गाय को नहीं खिलाएं तला हुआ भोजन
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Oct 10, 2023, 6:06 PM IST

Updated : Oct 10, 2023, 6:37 PM IST

गाय को तला भोजन ना खिलाने की हिदायत दी गई है.

भिवानी: पितृ मोक्ष अमावस्या यानि पितरों के विदाई का दिन. ये 14 अक्टूबर को है. इस दिन पितरों की विदाई को सुखद बनाने के लिए घरों में अच्छा भोजन बनाया जाता है.पुण्य कमाने के लिए इसी तले हुए भोजन को गायों को खिलाया जाता है. बस यही तला हुआ भोजन गायों की मौत का कारण भी बन सकता है. और पुण्य कमाने की जगह आपको पाप लग सकता है. ऐसा क्यों हैं ? वो आगे खबर में बताएंगे. बहरहाल, इसे रोकने के लिए हरियाणा सरकार ने खास निर्देश जारी किए हैं. गौशाला प्रबंधकों को बोला गया है कि पशुओं का ध्यान रखें. उनको तला हुआ भोजन ना मिले.

हरियाणा सरकार ने क्या कहा ? श्राद्ध की अमावस्या पर गायों की मौतों को रोकने के लिए पशुपालन एवं डेयरी विभाग ने कमर कस ली है. विभाग के उपमंडलाधिकारी डा. प्रदीप कालीरावण ने एक पत्र जारी कर सभी पशु चिकित्सकों को आदेश दिए है कि वे अमावस्या के दिन अपने आधीन आने वाली गौशाला के प्रबंधकों को समझाएं. वे अमावस्या के दिन गौमाता को खीर, हलवा, पुरी इत्यादि ना खिलाएं, ना ही खिलाने दें. तली हुई चीजें गायों के लिए मौत का कारण बन जाती है.इस आदेश के बाद गांवों में पशु चिकित्सक किसानों को समझा रहे हैं. वे भी ऐसा कदम ना उठाएं. इसी कड़ी में पशु चिकित्सालय बलियाली के पशु चिकित्सक डा. विजय सनसनवाल ने बताया,'हमने बलियाली के श्रीकृष्ण गौशाला में गायों की देखरेख करने वाले स्टॉफ की बैठक ली है. हमने कहा है कि गायों को तला हुआ भोजन करवाने की अपेक्षा पित्तरों को खुश करने के लिए दान लें. लोगों से भी बोला है कि गौशाला में रूपए दान देकर रसीद प्राप्त करें. या फिर गायों के लिए हरा चारा, गुड़ इत्यादि दें. इससे गौवंश की जान भी बच जाएगी और गौ-सेवा से पितर भी खुश होंगे.'

कैसे नुकसान पहुंचाती है तली हुई चीजें ?: पशु चिकित्सक डॉ. सनसनवाल के अनुसार,'तली हुई चीजें खाने से गायों में अफारा आ जाता है. इससे एसिडोसिस बन जाती है. ये एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर में या कहें खून में बहुत अधिक एसिड हो जाता है.' दरअसल पशु सामान्य तौर पर हरे चारे पर ज्यादा निर्भर रहते हैं. उनका शरीर तली हुई चींजों को पचा नहीं पाता है.

क्या हैं एसिडोसिस के लक्षण: पशु चिकित्सकों के अनुसार सामान्य तौर पर रोग का नुकसान हर पशु पर अलग-अलग होता है.रोग के लक्षण इस पर निर्भर करता है कि पशु ने कितना कार्बोहाइड्रेट खाया है. बीमारी की शुरूआत में जानवर बहुत सुस्त होता है. इसके बाद उसके शरीर में कमजोरी बढ़ने लगती है. वो खाने को चबाना बंद कर देता है. उनके शरीर में बेचैनी और घबराहट बढ़ जाती है. वो थोड़ी देर में बैठते हैं, फिर खड़े हो जाते हैं. इसकी वजह से उनसे दूध निकलना भी कम हो जाता है.

गाय को तला भोजन ना खिलाने की हिदायत दी गई है.

भिवानी: पितृ मोक्ष अमावस्या यानि पितरों के विदाई का दिन. ये 14 अक्टूबर को है. इस दिन पितरों की विदाई को सुखद बनाने के लिए घरों में अच्छा भोजन बनाया जाता है.पुण्य कमाने के लिए इसी तले हुए भोजन को गायों को खिलाया जाता है. बस यही तला हुआ भोजन गायों की मौत का कारण भी बन सकता है. और पुण्य कमाने की जगह आपको पाप लग सकता है. ऐसा क्यों हैं ? वो आगे खबर में बताएंगे. बहरहाल, इसे रोकने के लिए हरियाणा सरकार ने खास निर्देश जारी किए हैं. गौशाला प्रबंधकों को बोला गया है कि पशुओं का ध्यान रखें. उनको तला हुआ भोजन ना मिले.

हरियाणा सरकार ने क्या कहा ? श्राद्ध की अमावस्या पर गायों की मौतों को रोकने के लिए पशुपालन एवं डेयरी विभाग ने कमर कस ली है. विभाग के उपमंडलाधिकारी डा. प्रदीप कालीरावण ने एक पत्र जारी कर सभी पशु चिकित्सकों को आदेश दिए है कि वे अमावस्या के दिन अपने आधीन आने वाली गौशाला के प्रबंधकों को समझाएं. वे अमावस्या के दिन गौमाता को खीर, हलवा, पुरी इत्यादि ना खिलाएं, ना ही खिलाने दें. तली हुई चीजें गायों के लिए मौत का कारण बन जाती है.इस आदेश के बाद गांवों में पशु चिकित्सक किसानों को समझा रहे हैं. वे भी ऐसा कदम ना उठाएं. इसी कड़ी में पशु चिकित्सालय बलियाली के पशु चिकित्सक डा. विजय सनसनवाल ने बताया,'हमने बलियाली के श्रीकृष्ण गौशाला में गायों की देखरेख करने वाले स्टॉफ की बैठक ली है. हमने कहा है कि गायों को तला हुआ भोजन करवाने की अपेक्षा पित्तरों को खुश करने के लिए दान लें. लोगों से भी बोला है कि गौशाला में रूपए दान देकर रसीद प्राप्त करें. या फिर गायों के लिए हरा चारा, गुड़ इत्यादि दें. इससे गौवंश की जान भी बच जाएगी और गौ-सेवा से पितर भी खुश होंगे.'

कैसे नुकसान पहुंचाती है तली हुई चीजें ?: पशु चिकित्सक डॉ. सनसनवाल के अनुसार,'तली हुई चीजें खाने से गायों में अफारा आ जाता है. इससे एसिडोसिस बन जाती है. ये एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर में या कहें खून में बहुत अधिक एसिड हो जाता है.' दरअसल पशु सामान्य तौर पर हरे चारे पर ज्यादा निर्भर रहते हैं. उनका शरीर तली हुई चींजों को पचा नहीं पाता है.

क्या हैं एसिडोसिस के लक्षण: पशु चिकित्सकों के अनुसार सामान्य तौर पर रोग का नुकसान हर पशु पर अलग-अलग होता है.रोग के लक्षण इस पर निर्भर करता है कि पशु ने कितना कार्बोहाइड्रेट खाया है. बीमारी की शुरूआत में जानवर बहुत सुस्त होता है. इसके बाद उसके शरीर में कमजोरी बढ़ने लगती है. वो खाने को चबाना बंद कर देता है. उनके शरीर में बेचैनी और घबराहट बढ़ जाती है. वो थोड़ी देर में बैठते हैं, फिर खड़े हो जाते हैं. इसकी वजह से उनसे दूध निकलना भी कम हो जाता है.

Last Updated : Oct 10, 2023, 6:37 PM IST
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