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134-ए के तहत दाखिल बच्चों के अभिभावकों की होगी आर्थिक पिछड़ेपन की जांच

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Published : Dec 21, 2019, 4:25 PM IST

हरियाणा में 134-ए नियम के तहत जिन भी बच्चों का दाखिला हुआ है अब उनके माता-पिता के आर्थिक पिछड़ेपन की जांच की जाएगी. ये फैसला हरियाणा मौलिक शिक्षा निदेशालय ने लिया है.

अभिभावकों की होगी आर्थिक पिछड़ेपन की जांच
अभिभावकों की होगी आर्थिक पिछड़ेपन की जांच

भिवानी: फर्जी दस्तावेजों के सहारे बच्चों को दाखिला दिलाने वालों की अब खैर नहीं होगी, क्योंकि अब आर्थिक रूप से पिछड़ेपन के अंतर्गत निजी स्कूलों में नियम 134ए के तहत अपने बच्चों को दाखिला दिलाने वालों के दस्तावेजों की जांच होगी.

134-ए में अनियमितताओं के बाद लिया गया बड़ा फैसला
स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल परमार ने नियम 134ए में गरीब बच्चों के दाखिला के दौरान अनियमितताएं बरते जाने संबंधी शिकायतें मौलिक शिक्षा निदेशालय को दी थी. शिकायत में ये भी हवाला दिया गया था कि कई अभिभावकों ने तो फर्जी दस्तावेजों के सहारे बच्चों को नियम 134ए के तहत दाखिला दिलाया दिया, जिसकी फिजिकल वेरिफिकेशन कराए जाने की भी मांग उठाई गई थी.

Parents of children admitted under 134A to be investigated for economic backwardness
अभिभावकों की होगी आर्थिक पिछड़ेपन की जांच

ये भी पढ़ें- ना पुलिस ना पीसीआर, महिला सुरक्षा के मुद्दे पर फेल हुई गुरुग्राम पुलिस

मौलक शिक्षा निदेशालय द्वारा वर्तमान शैक्षशिक सत्र 2019-20 के तहत करीब सवा लाख आर्थिक पिछड़ेपन के अंतर्गत आने वाले अभिभावकों के बच्चों को दाखिला 134ए के तहत दिया हुआ है. जबकि प्रदेशभर में करीब पौने तीन लाख वैकेंसी थी, मगर सभी सीटों पर गरीब बच्चों के दाखिले नहीं हो पाए थे.

जिन सीटों पर निजी स्कूलों में दाखिले किए गए उनमें भी कुछ अभिभावकों ने फर्जी यानी झूठी जानकारी देकर बच्चों को निजी स्कूलों में दाखिला दिला दिया. स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के समक्ष ऐसी कई शिकायतें आई, जिसके बाद इस संबंध में मौलिक शिक्षा निदेशालय को शिकायतें भेजकर अवगत कराया गया.

अब अभिभावकों द्वारा दिए गए दस्तावेजों की होगी जांच
अब मौलिक शिक्षा निदेशालय ने प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों और जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर निजी स्कूलों में नियम 134ए के तहत दाखिला पाने वाले बच्चों के अभिभावकों द्वारा उपलब्ध कराए गए दस्तावेजों की जांच के आदेश दिए हैं.

'गरीब का हक किसी को मारने नहीं देंगे'
शिकायतकर्ता बृजपाल परमार ने बताया कि उनका संगठन गरीब बच्चों की शिक्षा और उनका हक दिलाने के लिए काम कर रहा है. किसी भी अपात्र द्वारा पात्र बच्चे की हकमारी नहीं करने दी जाएगी.

भिवानी: फर्जी दस्तावेजों के सहारे बच्चों को दाखिला दिलाने वालों की अब खैर नहीं होगी, क्योंकि अब आर्थिक रूप से पिछड़ेपन के अंतर्गत निजी स्कूलों में नियम 134ए के तहत अपने बच्चों को दाखिला दिलाने वालों के दस्तावेजों की जांच होगी.

134-ए में अनियमितताओं के बाद लिया गया बड़ा फैसला
स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल परमार ने नियम 134ए में गरीब बच्चों के दाखिला के दौरान अनियमितताएं बरते जाने संबंधी शिकायतें मौलिक शिक्षा निदेशालय को दी थी. शिकायत में ये भी हवाला दिया गया था कि कई अभिभावकों ने तो फर्जी दस्तावेजों के सहारे बच्चों को नियम 134ए के तहत दाखिला दिलाया दिया, जिसकी फिजिकल वेरिफिकेशन कराए जाने की भी मांग उठाई गई थी.

Parents of children admitted under 134A to be investigated for economic backwardness
अभिभावकों की होगी आर्थिक पिछड़ेपन की जांच

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मौलक शिक्षा निदेशालय द्वारा वर्तमान शैक्षशिक सत्र 2019-20 के तहत करीब सवा लाख आर्थिक पिछड़ेपन के अंतर्गत आने वाले अभिभावकों के बच्चों को दाखिला 134ए के तहत दिया हुआ है. जबकि प्रदेशभर में करीब पौने तीन लाख वैकेंसी थी, मगर सभी सीटों पर गरीब बच्चों के दाखिले नहीं हो पाए थे.

जिन सीटों पर निजी स्कूलों में दाखिले किए गए उनमें भी कुछ अभिभावकों ने फर्जी यानी झूठी जानकारी देकर बच्चों को निजी स्कूलों में दाखिला दिला दिया. स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के समक्ष ऐसी कई शिकायतें आई, जिसके बाद इस संबंध में मौलिक शिक्षा निदेशालय को शिकायतें भेजकर अवगत कराया गया.

अब अभिभावकों द्वारा दिए गए दस्तावेजों की होगी जांच
अब मौलिक शिक्षा निदेशालय ने प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों और जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर निजी स्कूलों में नियम 134ए के तहत दाखिला पाने वाले बच्चों के अभिभावकों द्वारा उपलब्ध कराए गए दस्तावेजों की जांच के आदेश दिए हैं.

'गरीब का हक किसी को मारने नहीं देंगे'
शिकायतकर्ता बृजपाल परमार ने बताया कि उनका संगठन गरीब बच्चों की शिक्षा और उनका हक दिलाने के लिए काम कर रहा है. किसी भी अपात्र द्वारा पात्र बच्चे की हकमारी नहीं करने दी जाएगी.

Intro:नियम 134ए के तहत दाखिल बच्चों के अभिभावकों की होगी आर्थिक पिछड़ेपन की जांच
सवा लाख बच्चों के दाखिलों की होगी जांच
मौलिक शिक्षा निदेशालय ने जारी किए आदेश
भिवानी, 21 दिसंबर : फर्जी दस्तावेजों के सहारे बच्चों को दाखिला दिलाने वालों की खैर नहीं होगी। क्योंकि अब आर्थिक रूप से पिछड़ेपन के अंतर्गत निजी स्कूलों में नियम 134ए के तहत अपने बच्चों को दाखिला दिलाने वालों के दस्तावेजों की जांच के मौलिक शिक्षा निदेशलय ने आदेश दिए हैं। स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल परमार ने नियम 134ए में गरीब बच्चों के दाखिला के दौरान अनियमितताएं बरते जाने संबंधी शिकायतें मौलिक शिक्षा निदेशालय को दी थी। शिकायत में यह भी हवाला दिया गया था कि कई अभिभावकों ने तो फर्जी दस्तावेजों के सहारे बच्चों को नियम 134ए के तहत दाखिला दिलाया दिया, जिसकी फिजिकल वेरिफिकेशन कराए जाने की भी मांग उठाई गई थी।
Body: मौलिक शिक्षा निदेशालय द्वारा वर्तमान शैक्षशिक सत्र 2019-20 के तहत करीब सवा लाख आर्थिक पिछड़ेपन के अंतर्गत आने वाले अभिभावकों के बच्चों को दाखिला 134ए के तहत दिया हुआ है। जबकि प्रदेशभर में करीब पौने तीन लाख वैकेंसी थी, मगर सभी सीटों पर गरीब बच्चों के दाखिले नहीं हो पाए थे। जिन सीटों पर निजी स्कूलों में दाखिले किए गए उनमें भी कुछ अभिभावकों ने फर्जी यानी झूठी जानकारी देकर बच्चों को निजी स्कूलों में दाखिला दिला दिया। स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के समक्ष ऐसी कई शिकायतें आई, जिसके बाद इस संबंध में मौलिक शिक्षा निदेशालय को शिकायतें भेजकर अवगत कराया गया। अब मौलिक शिक्षा निदेशालय ने प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों व जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर निजी स्कूलों में नियम 134ए के तहत दाखिला पाने वाले बच्चों के अभिभावकों द्वारा उपलब्ध कराए गए दस्तावेजों की जांच के आदेश दिए हैं।
Conclusion: स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल परमार ने बताया कि अपात्र होते हुए भी पात्र की श्रेणी में आने के लिए गलत सूचनाएं देकर फर्जी सर्टिफिकेट बनवाकर गलत तथ्यों के सहारे पात्र गरीब बच्चों के अधिकारों पर कुंडली जमाने वाले अभिभावकों पर कड़ी कार्रवाई कराई जाएगी। ऐसे अभिभावकों के खिलाफ शिक्षा विभाग को गुमराह करने व झूठे तथ्य मुहैया कराकर गलत तरीके से लाभ उठाने पर धोखाधड़ी का भी केस दर्ज हो सकता है। जबकि सरकारी योजना लाभ गलत तरीके से लेने में अगर किसी सरकारी कर्मचारी की भूमिका भी शामिल पाई जाती है तो उस पर भी साजिश के तहत धोखाधड़ी करने का मामला बनता है। ऐसे मामलों में संगठन अपात्र लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करा पात्र लोगों के बच्चों को उनका हक दिलाया जाएगा। बृजपाल परमार ने बताया कि उनका संगठन गरीब बच्चों की शिक्षा व उनका हक दिलाने के लिए काम कर रहा है। किसी भी अपात्र द्वारा पात्र बच्चे की हकमारी नहीं करने दी जाएगी।
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