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Para Asian Games 2023: भिवानी की अरूणा तंवर ने ताइक्वांडो में जीता कांस्य पदक, परिवार में खुशी का माहौल, प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर दी बधाई

Para Asian Games 2023: एशियन गेम्स के बाद पैरा एशियन गेम्स में भी हरियाणा के खिलाड़ी अपना जलवा बिखेर रहे हैं. चीन के होंगझू में आयोजित इस प्रतियोगिता में भिवानी की अरुणा तंवर ने ताईक्वांडो में कांस्य पदक जीता है. बेटी के पदक जीतने पर उनके परिवार समेत गांव के लोगों में खुशी का माहौल है.

Para Asian Games 2023
Bhiwani Taekwondo Player Aruna Tanwar
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Oct 24, 2023, 4:56 PM IST

Updated : Oct 24, 2023, 5:29 PM IST

भिवानी की अरूणा तंवर ने ताइक्वांडो में जीता कांस्य पदक.

भिवानी: चीन के शहर होंगझू में आयोजित पैरा एशियन खेलों में भिवानी जिले के गांव दिनोद की अरूणा तंवर (Bhiwani Taekwondo Player Aruna Tanwar) ने 44 से 47 किलोग्राम भार वर्ग में ताईक्वांडो खेल में कांस्य पदक लेने वाली देश की पहली खिलाड़ी बन गई है. 23 वर्षीय पैरा ताईक्वांडो खिलाड़ी अरूणा तंवर ने चाईना के खिलाड़ी चेन टोंग को हराकर कांस्य पदक अपने नाम किया है, जिसके बाद वो विश्व की चौथे नंबर की ताईक्वांडो खिलाड़ी बन गई हैं.

अरुणा की इस जीत के बाद उनके परिवार में खुशी का माहौल है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट कर अरूणा को सफलता के लिए बधाई दी है. अरूणा का लक्ष्य 2024 के पेरिस पैरा ओलंपिक मे गोल्ड मेडल जीतना है. अरूणा के पिता नरेश और दादा सूबेदार छत्तर सिंह ने बताया कि अरूणा का बचपन से ही ताईक्वांडो खेल से लगाव था. इसी के चलते वो देश के पैरा एशियन गेम्स में देश के लिए कांस्य पदक लेकर आईं. उन्होंने कहा कि दशहरे के पर्व पर उनकी बेटी ने उन्हे बड़ी खुशी दी है. चीन से लौटने पर वे बेटी का भव्य स्वागत करेंगे.

ये भी पढ़ें- Para Asian Games 2023: पैरा एशियन गेम्स में हरियाणा की एकमात्र महिला खिलाड़ी दिखाएंगी दमखम, 2 बच्चों की मां हैं दिव्यांग सुमन

अरूणा की मां सोनिया देवी, भाई सुनील कुमार, बहनों ने बताया कि अरूणा ने पैरा एशियन गेम्स में मेडल जीतकर उनके गांव और परिवार का मान बढ़ाया है. उन्होंने बताया कि अरूणा से प्रेरणा लेकर अब उनके परिवार और देश-प्रदेश की बेटियां भी खेलने के लिए आगे बढेंगी. उन्होंने बताया कि अरूणा बचपन में ही दिव्यांग होने के बावजूद सामान्य वर्ग के खिलाड़ियों के साथ ताईक्वांडो खेलती रही है. उसकी निरंतर मेहनत का नतीजा है कि उसने आज देश का अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चमकाया है.

भिवानी जिले के गांव दिनोद की दिव्यांग खिलाड़ी अरूणा तंवर ने एक साधारण परिवार से उठकर पैरा ओलंपिक व पैरा एशियन खेलों तक का सफर तय किया है. इस सफर के पीछे अरूणा तंवर के परिवार और खुद उनका संघर्ष है. अरूणा की उपलब्धियों की बात करें तो 2017-18 में पांचवे राष्ट्रीय पैरा ओलंपिक ताईक्वांडो प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल, 2018-19 में छठे राष्ट्रीय पैरा ओलंपिक ताईक्ववांडो प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल, 2018 में वियतनाम में हुई चौथे एशियन पैरा ओलंपिक ताईक्वांडो प्रतियोगिता में सिल्वर मेडल, फरवरी 2019 में टर्की में आयोजित विश्व पैरा ताईक्वांडो चैंपियनशिप में ब्रांज मेडल, मार्च 2019 में ईरान में हुई प्रेजीडेंट एशियन रीजन जी-टू कप में सिल्वर मेडल, 2019 में ही जॉर्डन में हुई अमान एशियन पैरा ताईक्वांडो चैंपियनशिप में ब्रांज मेडल शामिल है.

ये भी पढ़ें- एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीतने वाली रिदम सांगवान पढ़ाई में भी हैं नंबर वन, बोली- मां नहीं खेल पाईं तो मुझे खिलाड़ी बनाया

अरूणा ने 2016 ताईक्वांडो खेलना शुरू किया. इससे पहले वे दिव्यांग होते हुए भी सामान्य वर्ग में खेलती रही थीं. अरूणा के पिता एक निजी कंपनी में ड्राईवर हैं और माता घरेलू महिला हैं. अरूणा के परिजनों ने कर्ज लेकर और आभूषण को गिरवी रखकर अरूणा को अंतर्राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए धन जुटाया. अरूणा की उपलब्धियों से पहले परिजनों को उसके दिव्यांग होने का दुख होता था लेकिन अरूणा की मेहनत और उपलब्धियों ने उनके परिजनों की चिंता को ना केवल दूर किया बल्कि दिव्यांगता को ही वरदान बना दिया. अरूणा के पैरा एशियन खेलों में कांस्य पदक प्राप्त करने के बाद परिजनों को बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ हैं.

ये भी पढ़ें- Asian Games 2023: एशियन गेम्स में गोल्ड जीतकर लौटी कबड्डी टीम की कप्तान रितु गुलिया का भव्य स्वागत, पानीपत में है ससुराल

भिवानी की अरूणा तंवर ने ताइक्वांडो में जीता कांस्य पदक.

भिवानी: चीन के शहर होंगझू में आयोजित पैरा एशियन खेलों में भिवानी जिले के गांव दिनोद की अरूणा तंवर (Bhiwani Taekwondo Player Aruna Tanwar) ने 44 से 47 किलोग्राम भार वर्ग में ताईक्वांडो खेल में कांस्य पदक लेने वाली देश की पहली खिलाड़ी बन गई है. 23 वर्षीय पैरा ताईक्वांडो खिलाड़ी अरूणा तंवर ने चाईना के खिलाड़ी चेन टोंग को हराकर कांस्य पदक अपने नाम किया है, जिसके बाद वो विश्व की चौथे नंबर की ताईक्वांडो खिलाड़ी बन गई हैं.

अरुणा की इस जीत के बाद उनके परिवार में खुशी का माहौल है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट कर अरूणा को सफलता के लिए बधाई दी है. अरूणा का लक्ष्य 2024 के पेरिस पैरा ओलंपिक मे गोल्ड मेडल जीतना है. अरूणा के पिता नरेश और दादा सूबेदार छत्तर सिंह ने बताया कि अरूणा का बचपन से ही ताईक्वांडो खेल से लगाव था. इसी के चलते वो देश के पैरा एशियन गेम्स में देश के लिए कांस्य पदक लेकर आईं. उन्होंने कहा कि दशहरे के पर्व पर उनकी बेटी ने उन्हे बड़ी खुशी दी है. चीन से लौटने पर वे बेटी का भव्य स्वागत करेंगे.

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अरूणा की मां सोनिया देवी, भाई सुनील कुमार, बहनों ने बताया कि अरूणा ने पैरा एशियन गेम्स में मेडल जीतकर उनके गांव और परिवार का मान बढ़ाया है. उन्होंने बताया कि अरूणा से प्रेरणा लेकर अब उनके परिवार और देश-प्रदेश की बेटियां भी खेलने के लिए आगे बढेंगी. उन्होंने बताया कि अरूणा बचपन में ही दिव्यांग होने के बावजूद सामान्य वर्ग के खिलाड़ियों के साथ ताईक्वांडो खेलती रही है. उसकी निरंतर मेहनत का नतीजा है कि उसने आज देश का अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चमकाया है.

भिवानी जिले के गांव दिनोद की दिव्यांग खिलाड़ी अरूणा तंवर ने एक साधारण परिवार से उठकर पैरा ओलंपिक व पैरा एशियन खेलों तक का सफर तय किया है. इस सफर के पीछे अरूणा तंवर के परिवार और खुद उनका संघर्ष है. अरूणा की उपलब्धियों की बात करें तो 2017-18 में पांचवे राष्ट्रीय पैरा ओलंपिक ताईक्वांडो प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल, 2018-19 में छठे राष्ट्रीय पैरा ओलंपिक ताईक्ववांडो प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल, 2018 में वियतनाम में हुई चौथे एशियन पैरा ओलंपिक ताईक्वांडो प्रतियोगिता में सिल्वर मेडल, फरवरी 2019 में टर्की में आयोजित विश्व पैरा ताईक्वांडो चैंपियनशिप में ब्रांज मेडल, मार्च 2019 में ईरान में हुई प्रेजीडेंट एशियन रीजन जी-टू कप में सिल्वर मेडल, 2019 में ही जॉर्डन में हुई अमान एशियन पैरा ताईक्वांडो चैंपियनशिप में ब्रांज मेडल शामिल है.

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अरूणा ने 2016 ताईक्वांडो खेलना शुरू किया. इससे पहले वे दिव्यांग होते हुए भी सामान्य वर्ग में खेलती रही थीं. अरूणा के पिता एक निजी कंपनी में ड्राईवर हैं और माता घरेलू महिला हैं. अरूणा के परिजनों ने कर्ज लेकर और आभूषण को गिरवी रखकर अरूणा को अंतर्राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए धन जुटाया. अरूणा की उपलब्धियों से पहले परिजनों को उसके दिव्यांग होने का दुख होता था लेकिन अरूणा की मेहनत और उपलब्धियों ने उनके परिजनों की चिंता को ना केवल दूर किया बल्कि दिव्यांगता को ही वरदान बना दिया. अरूणा के पैरा एशियन खेलों में कांस्य पदक प्राप्त करने के बाद परिजनों को बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ हैं.

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Last Updated : Oct 24, 2023, 5:29 PM IST
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